जमुई: बिहार के जमुई पहुंचे लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (National President of LJPR Chirag Paswan) ने बिहार को आगे ले जाने सहित कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि वो बिहार को फर्स्ट बनाने के साथ-साथ देश को आगे ले जाने की चाहत रखते हैं, ना की मैं मंत्री बनने की चाहत रखता हूं. एक दिवसीय कार्यक्रम के तहत जमुई पहुंचे लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद चिराग पासवान कुछ देर के लिए लिए यहां रुके और मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बोले कि मेरी प्राथमिकता बिहार को आगे लेकर जाने की है. बिहार को देश का नंबर वन राज्य बनाने की है. बिहारियों के खोए हुए गौरव, खोए हुए उसके सम्मान को वापस लौटाने की है.
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चिराग पासवान ने बिहार सरकार पर साधा निशाना : उन्होंने कहा कि आज की तारीख में मेरी प्राथमिकता पार्टी के संगठन को मजबूत करने की है. आगामी 2024 लोकसभा चुनाव और बिहार में होने वाले मध्यावधि चुनाव के लिए अपनी पार्टी को तैयार करना और बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के नारे को घर-घर तक पहुंचाना मेरी प्राथमिकता है. किसी सरकार में मंत्री बनना मेरी प्राथमिकता नहीं है. ना हम मंत्री बनने जा रहे हैं, ना ही हमको मंत्री बनने का शौक है.
'ये जमुई की जनता अच्छी तरह से जानती है कि अगर मुझे मंत्री बनने का लालच होता तो मैं 2020 के चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने नतमस्तक होता. मेरे बिहार में भी दो मंत्री होते, केंद्र सरकार में मैं खुद मंत्री होता. उसके लिऐ मुझे उनके गलत नीतियों से समझौता करना पड़ता. बिहार के विकास के सोच को सदैव के लिए तिलांजलि देनी पड़ती. ये सब अगर में कर लेता तो बिहार में 15 सीटें मुझे दे रहे थे, 12-13 हमारे विधायक चुनकर आते लेकिन मेरी मंशा मंत्री बनने की नहीं है.' - चिराग पासवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
'मुझे मंत्री बनने का शौक नहीं है' : चिराग पासवान ने बिहार की महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने आप को जंगलराज का विकल्प बताकर अपने आप को सुशासन बाबू कह कर निरंतर सत्ता पर शासन करते रहे नीतीश कुमार. लेकिन जब से बिहार मे महागठबंधन की सरकार बनी है तब से यहां डबल जंगलराज आ गया है. आऐ दिन लूटमार, डकैती, हत्याएं और बलात्कार के साथ-साथ ऐसी घटनाएं हो रही है जो कि बिहार के इतिहास में न कभी किसी ने देखा था ना सुना था. बेगूसराय घटना इसका जीता-जागता उदाहरण है.