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जमुई: सृजन घोटाला मामले में भागलपुर के पूर्व डीएम के घर पहुंची CBI की टीम - Vijendra Yadav house raided In Jamui

सृजन घोटाला मामले में भागलपुर के पूर्व डीएम विजेंद्र यादव के घर पर सीबीआई की टीम छापेमारी करने पहुंची, लेकिन पूर्व डीएम के घर पर कोई नहीं मिला. पढ़ें पूरी खबर.

भागलपुर के पूर्व डीएम विजेंद्र यादव
भागलपुर के पूर्व डीएम विजेंद्र यादव
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Published : Oct 7, 2022, 10:02 PM IST

जमुई: चर्चित सृजन घोटाला मामले में आरोपित भागलपुर के पूर्व डीएम और जमुई जिले के लछुआड़ थाना अंतर्गत भूल्लो गांव निवासी पूर्व डीएम विजेंद्र यादव के घर शुक्रवार को सीबीआई की टीम छापेमारी करने पहुंची (CBI raided Vijendra Yadav house In Jamui). हालांकि इस दौरान पूर्व डीएम के घर में किसी के मौजूद नहीं होने के कारण सीबीआई की टीम ने बाहर से ही जांच की और उनके आवास का फोटो और वीडियो बनाकर लौट गई.

ये भी पढ़ें - सृजन घोटाला मामलाः पूर्व DM वीरेन्द्र यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

विजेंद्र यादव के घर सीबीआई की छापेमारी: बता दें कि 2017 में भागलपुर में सृजन घोटाला हुआ था, जिसमें उस वक्त के तत्कालीन डीएम विजेंद्र यादव पर आरोप था कि दो अलग-अलग चेक जरिए गलत तरीके से 22 करोड़ रुपए का भुक्तान किया गया था. उसी मामले में कुछ दिन पहले ही उनके खिलाफ सीबीआई की टीम द्वारा वारंट जारी किया गया था. शुक्रवार को सीबीआई की टीम पूर्व डीएम के घर पहुंची लेकिन पूर्व डीएम के घर पर कोई मौजूद नहीं था.

900 करोड़ का सृजन घोटाला: 900 करोड़ रुपए का सृजन घोटाला 2017 में उजागर हुआ था. तब से लेकर आज तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही कई लोगों के अवैध संपत्ति को सरकार ने जप्त भी किया. इसी बाबत आज बांका के कॉपरेटिव बैंक के अधिकारी अशोक कुमार अशोक को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. कोर्ट के आदेश पर सीबीआई 8 दिनों से पूछताछ कर रही थी. उसे मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया था.

2017 में घोटाले का हुआ था पर्दाफाश: साल 2017 में घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ, जब जिला तत्कालीन जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी बैंक चेक पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण वापस कर दिया गया. अनुमान के मुताबिक सृजन घोटाले में सरकार को 5000 करोड़ से अधिक की क्षति हुई. घोटाले की जांच आज की तारीख में सीबीआई कर रही है और कई सफेदपोश और बड़ी मछलियां कार्रवाई की जद से बाहर है.

घोटाले में कई लोग हो चुके हैं गिरफ्तार: सृजन घोटाल में कई बड़े पदाधिकारी की संलिप्तता की बात सामने आई थी. बड़े सफेदपोश नेता भी इसमें चर्चा में आए थे. इसी वजह से सीबीआई की जांच सृजन घोटाले में धीमी हो गई थी. आम लोगों के बीच चर्चा आम है कि सरकार की मिलीभगत की वजह से ही इस घोटाले में सही से सीबीआई के द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है.

ये भी पढ़ें- सृजन घोटाले की जांच में तेजी से 'तीसरे मोर्चे की मुहिम' को झटका, चढ़ा सियासी पारा

जमुई: चर्चित सृजन घोटाला मामले में आरोपित भागलपुर के पूर्व डीएम और जमुई जिले के लछुआड़ थाना अंतर्गत भूल्लो गांव निवासी पूर्व डीएम विजेंद्र यादव के घर शुक्रवार को सीबीआई की टीम छापेमारी करने पहुंची (CBI raided Vijendra Yadav house In Jamui). हालांकि इस दौरान पूर्व डीएम के घर में किसी के मौजूद नहीं होने के कारण सीबीआई की टीम ने बाहर से ही जांच की और उनके आवास का फोटो और वीडियो बनाकर लौट गई.

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विजेंद्र यादव के घर सीबीआई की छापेमारी: बता दें कि 2017 में भागलपुर में सृजन घोटाला हुआ था, जिसमें उस वक्त के तत्कालीन डीएम विजेंद्र यादव पर आरोप था कि दो अलग-अलग चेक जरिए गलत तरीके से 22 करोड़ रुपए का भुक्तान किया गया था. उसी मामले में कुछ दिन पहले ही उनके खिलाफ सीबीआई की टीम द्वारा वारंट जारी किया गया था. शुक्रवार को सीबीआई की टीम पूर्व डीएम के घर पहुंची लेकिन पूर्व डीएम के घर पर कोई मौजूद नहीं था.

900 करोड़ का सृजन घोटाला: 900 करोड़ रुपए का सृजन घोटाला 2017 में उजागर हुआ था. तब से लेकर आज तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही कई लोगों के अवैध संपत्ति को सरकार ने जप्त भी किया. इसी बाबत आज बांका के कॉपरेटिव बैंक के अधिकारी अशोक कुमार अशोक को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. कोर्ट के आदेश पर सीबीआई 8 दिनों से पूछताछ कर रही थी. उसे मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया था.

2017 में घोटाले का हुआ था पर्दाफाश: साल 2017 में घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ, जब जिला तत्कालीन जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी बैंक चेक पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण वापस कर दिया गया. अनुमान के मुताबिक सृजन घोटाले में सरकार को 5000 करोड़ से अधिक की क्षति हुई. घोटाले की जांच आज की तारीख में सीबीआई कर रही है और कई सफेदपोश और बड़ी मछलियां कार्रवाई की जद से बाहर है.

घोटाले में कई लोग हो चुके हैं गिरफ्तार: सृजन घोटाल में कई बड़े पदाधिकारी की संलिप्तता की बात सामने आई थी. बड़े सफेदपोश नेता भी इसमें चर्चा में आए थे. इसी वजह से सीबीआई की जांच सृजन घोटाले में धीमी हो गई थी. आम लोगों के बीच चर्चा आम है कि सरकार की मिलीभगत की वजह से ही इस घोटाले में सही से सीबीआई के द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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