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देवघर सदर अस्पताल में खून के सौदागरों का बोलबाला! बेचा जा रहा डुप्लीकेट ब्लड

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Published : May 23, 2022, 1:10 PM IST

रक्तदान को महादान कहा जाता है. शिविर लगाकर जरूरतमंद और गरीब मरीजों में इसकी कमी को पूरा किया जाता है. लेकिन खून के सौदागर इसका सौदा करने से भी बाज नहीं आते हैं. देवघर सदर अस्पताल में नकली खून बेचने का मामला सामने आया है. यहां रेड क्रॉस सोसाइटी की नई टीम पर खून बेचने वाले दलाल हावी हैं. पढ़ें पूरी खबर

खून के सौदागर
खून के सौदागर

देवघर/जमुई: जिला के सदर अस्पताल में नकली खून बेचने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. मरीज का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचे एक परिवार को खून की सख्त जरूरत थी. देवघर में ब्लड बैंक है लेकिन वहां तक पहुंचने से पहले सदर अस्पताल में हमेशा चक्कर काट रहे खून के सौदागरों ने इन्हें अपने चंगुल में फंसा लिया. परिजनों से पैसे लेकर डुप्लीकेट खून की बोतल उनके हाथों में थमा दिया.

यह भी पढ़ें: रेड क्रॉस सोसाइटी की पहल: 3 वर्षों से लापता हुए व्यक्ति के परिजनों को मिली राहत, बांग्लादेश के जेल में बंद है रामदेव महतो

रेड क्रॉस सोसाइटी की नई टीम पर दलाल हावीः चिकित्सा के क्षेत्र में रक्तदान को महादान बताया गया है, यह एक दान किसी की जिंदगी बचा सकता है. लेकिन इसे कलयुग का खेल कहेंगे या कमजोर हो रही रेड क्रॉस, जिसकी नई टीम पर खून बेचने वाले दलाल का हावी हैं. इसका जीता जागता वाकया हुआ 17 माह की दुधमुंही बच्ची और इसके परिवार के साथ. जिनकी मजबूरी और अशिक्षा का फायदा सदर अस्पताल में घूम रहे खून का सौदा करने वाले दलालों ने उठाया.

रविवार को थैलेसीमिया ग्रस्त 17 माह की बच्ची शिवानी कुमारी पिता विरेंद्र यादव के साथ रक्त देने के नाम पर नकली रक्त ढाई हजार रुपये में दलाल के द्वारा बेच दिया जाता है. इसका खुलासा सदर अस्पताल में खून चढ़ाने के समय वार्ड में कार्यरत नर्स के द्वारा हुआ. जिसने मरीज पर रक्त चढ़ाने से इनकार कर दिया, क्योंकि उस रक्त की थैली में रक्तकोष, सदर अस्पताल का स्टाम्प और ब्लड ग्रुप अंकित नहीं था. इसके बाद रेड क्रॉस सोसायटी देवघर सदर अस्पताल पहुंची और पूरे प्रकरण की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी. इसके अलावा नगर थाना व बैद्यनाथ धाम ओपी में अज्ञात के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया गया.

क्या है मामलाः 17 माह की बच्ची जो सदर अस्पताल के बेड पर पड़ी है इसका नाम शिवानी कुमारी है. यह थैलेसीमिया से पीड़ित है लिहाजा इसे अक्सर खून की जरूरत पड़ती रहती है. पिता विरेंद्र यादव बिहार के जमुई के रहने वाले हैं. बिहार से आकर देवघर सदर अस्पताल में अपनी 17 माह की मासूम बेटी को एडमिट कराया और देवघर के पुराने सदर अस्पताल स्थित से दलाल के माध्यम से ब्लड बैंक से खून लेकर सदर अस्पताल पहुंचा. लेकिन दलालों ने इसे बाहर में ही ढाई हजार में इन्हें नकली खून बेच दिया. पिता सदर अस्पताल में इस बच्ची को खून चढ़वाने आए तो डॉक्टर ने इसे डुप्लीकेट ब्लड करार दिया. इसके बाद रेड क्रॉस द्वारा रक्तदान कर थैलेसीमिया पीड़ित बच्ची को निशुल्क ब्लड दिया गया. जिसके बाद रेड क्रॉस और नगर थाना प्रभारी रतन कुमार देवघर सदर अस्पताल आए और परिजनों से मिलकर जानकारी ली पुलिस मामले को लेकर जांच में जुट गई है.

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देवघर/जमुई: जिला के सदर अस्पताल में नकली खून बेचने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. मरीज का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचे एक परिवार को खून की सख्त जरूरत थी. देवघर में ब्लड बैंक है लेकिन वहां तक पहुंचने से पहले सदर अस्पताल में हमेशा चक्कर काट रहे खून के सौदागरों ने इन्हें अपने चंगुल में फंसा लिया. परिजनों से पैसे लेकर डुप्लीकेट खून की बोतल उनके हाथों में थमा दिया.

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रेड क्रॉस सोसाइटी की नई टीम पर दलाल हावीः चिकित्सा के क्षेत्र में रक्तदान को महादान बताया गया है, यह एक दान किसी की जिंदगी बचा सकता है. लेकिन इसे कलयुग का खेल कहेंगे या कमजोर हो रही रेड क्रॉस, जिसकी नई टीम पर खून बेचने वाले दलाल का हावी हैं. इसका जीता जागता वाकया हुआ 17 माह की दुधमुंही बच्ची और इसके परिवार के साथ. जिनकी मजबूरी और अशिक्षा का फायदा सदर अस्पताल में घूम रहे खून का सौदा करने वाले दलालों ने उठाया.

रविवार को थैलेसीमिया ग्रस्त 17 माह की बच्ची शिवानी कुमारी पिता विरेंद्र यादव के साथ रक्त देने के नाम पर नकली रक्त ढाई हजार रुपये में दलाल के द्वारा बेच दिया जाता है. इसका खुलासा सदर अस्पताल में खून चढ़ाने के समय वार्ड में कार्यरत नर्स के द्वारा हुआ. जिसने मरीज पर रक्त चढ़ाने से इनकार कर दिया, क्योंकि उस रक्त की थैली में रक्तकोष, सदर अस्पताल का स्टाम्प और ब्लड ग्रुप अंकित नहीं था. इसके बाद रेड क्रॉस सोसायटी देवघर सदर अस्पताल पहुंची और पूरे प्रकरण की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी. इसके अलावा नगर थाना व बैद्यनाथ धाम ओपी में अज्ञात के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया गया.

क्या है मामलाः 17 माह की बच्ची जो सदर अस्पताल के बेड पर पड़ी है इसका नाम शिवानी कुमारी है. यह थैलेसीमिया से पीड़ित है लिहाजा इसे अक्सर खून की जरूरत पड़ती रहती है. पिता विरेंद्र यादव बिहार के जमुई के रहने वाले हैं. बिहार से आकर देवघर सदर अस्पताल में अपनी 17 माह की मासूम बेटी को एडमिट कराया और देवघर के पुराने सदर अस्पताल स्थित से दलाल के माध्यम से ब्लड बैंक से खून लेकर सदर अस्पताल पहुंचा. लेकिन दलालों ने इसे बाहर में ही ढाई हजार में इन्हें नकली खून बेच दिया. पिता सदर अस्पताल में इस बच्ची को खून चढ़वाने आए तो डॉक्टर ने इसे डुप्लीकेट ब्लड करार दिया. इसके बाद रेड क्रॉस द्वारा रक्तदान कर थैलेसीमिया पीड़ित बच्ची को निशुल्क ब्लड दिया गया. जिसके बाद रेड क्रॉस और नगर थाना प्रभारी रतन कुमार देवघर सदर अस्पताल आए और परिजनों से मिलकर जानकारी ली पुलिस मामले को लेकर जांच में जुट गई है.

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