जमुई: बिहार के जमुई में सड़क हादसे में आशाकर्मी की मौत हो गई है. मौत के 12 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई सरकारी कर्मचारी उसे देखने के लिए नहीं आये. इससे परिजनों में आक्रोश है. नाराज परिजन व आशाकर्मियों ने गुरुवार को सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर शव रखकर हंगामा करने लगा. आशाकर्मियों ने स्वास्थ्य प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. आशाकर्मियों ने मांग की है कि मृतक कर्मी की जगह बहू को उनके स्थान पर चयनित किया जाए और मुआवजा देने की मांग की.
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जमुई में आशाकर्मियों का हंगामा : सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर करीब दो घंटे आक्रोशित आशाकर्मियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. मृतक आशाकर्मी की पहचान देवंती देवी के रूप में की गई है. आशाकर्मी देवंती देवी की असामयिक मृत्यु होने से इनके बहू को उनके स्थान पर चयनित किया जाए. परिजनों ने आपदा विभाग से मिलने वाले चार लाख रुपए, बकाया राशि, जीवन बीमा सहित अन्य मुआवजा देने की मांग की.
सड़क हादसे में आशाकर्मी की मौत: बता दें कि बुधवार की देर शाम जमुई-गिद्धौर मुख्य मार्ग स्थित कटौना के पास एक तेज रफ्तार अनियंत्रित बाइक पेड़ से टकरा गई. जिससे बाइक सवार आशाकर्मी और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया. इस दौरान सूचना पर मलयपुर थाना के गस्ती दल की पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों मां-बेटा को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टर ने मां को मृत घोषित कर दिया जबकि पुत्र का इलाज किया जा रहा है.
"पहले भी एक आशाकर्मी की मौत हो गई थी, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई लाभ नहीं मिला है. विभाग सिर्फ आशाकर्मियों से काम लेती है, लेकिन उनकी सुरक्षा करने से पीछे हट जाती." -जूली देवी, आशाकर्मी