ETV Bharat / state

गोपालगंजः बेरोजगार युवाओं को नहीं मिल पा रहा PMEGP का लाभ

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत गोपालगंज में पिछले 5 सालों में 147 लोगों को ही लोन मिला है. पिछले साल के आवेदक आज भी बैंक के चक्कर लगा रहे हैं.

बेरोजगार युवाओं को नहीं मिल पा रहा PMEGP का लाभ
author img

By

Published : Nov 5, 2019, 11:11 AM IST

गोपालगंजः जिले में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम दम तोड़ती हुई नजर आ रही है. विभाग बेरोजगारों को रोजगार देने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर रहा है. इसके साथ ही बैंक भी उनको रोजगार लोन नहीं दे रहा है. ऐसे में युवा कभी उद्योग विभाग तो कभी बैंक के चक्कर लगा रहे हैं.
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का उद्देश्य नई स्वरोजगार उपक्रमों, परियोजनाओं, सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है.

पिछले 5 सालों में 147 लोगों को ही मिला लोन
जिले में उद्योग के आंकड़ो पर अगर गौर करे तो पिछले 5 सालों में कुल 190 लक्ष्य निर्धारित किया गया था. विभाग ने कुल 866 प्राप्त आवेदन को बैंकों को भेजा था. बैंकों ने 164 आवेदकों को ही स्वीकृति प्रदान की थी. जिसमें से अब तक महज 147 लोगों को ही लोन प्राप्त हो सका है.

बेरोजगार युवाओं को नहीं मिल पा रहा PMEGP का लाभ

आवेदक लगा रहे बैंक के चक्कर
2019 -20 में 47 लक्ष्य रखे गए हैं. जिनमें दो लोगों की ही लोन स्वीकृत हुई है. पिछले साल के आवेदक आज भी बैंक के चक्कर लगा रहे हैं. युवाओं ने बताया कि इस योजना के लिए उन्होंने फॉर्म भरा था. लेकिन आज तक इसका लाभ नहीं मिल सका है. उद्योग विभाग और बैंक हमेशा टाल मटोल वाला रवैया अपनाता रहता है.

gopalganj
उद्योग विभाग में आवेदक

टास्क फोर्स कमिटी का गठन
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि पांच सालों में 190 लक्ष्य रखा गया था. जिसमें 147 लोन स्वीकृत हो गई. बैंकों की उदासीनता के कारण लक्ष्य पूरा नहीं हो सका. महाप्रबंधक ने कहा कि डीएम इस संबंध में बैंकों से वार्ता कर रहे हैं. उनका प्रयास है कि सभी लोगों को समय से लोन मिल जाए. इसके लिए टास्क फोर्स कमिटी का गठन किया गया है.

गोपालगंजः जिले में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम दम तोड़ती हुई नजर आ रही है. विभाग बेरोजगारों को रोजगार देने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर रहा है. इसके साथ ही बैंक भी उनको रोजगार लोन नहीं दे रहा है. ऐसे में युवा कभी उद्योग विभाग तो कभी बैंक के चक्कर लगा रहे हैं.
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का उद्देश्य नई स्वरोजगार उपक्रमों, परियोजनाओं, सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है.

पिछले 5 सालों में 147 लोगों को ही मिला लोन
जिले में उद्योग के आंकड़ो पर अगर गौर करे तो पिछले 5 सालों में कुल 190 लक्ष्य निर्धारित किया गया था. विभाग ने कुल 866 प्राप्त आवेदन को बैंकों को भेजा था. बैंकों ने 164 आवेदकों को ही स्वीकृति प्रदान की थी. जिसमें से अब तक महज 147 लोगों को ही लोन प्राप्त हो सका है.

बेरोजगार युवाओं को नहीं मिल पा रहा PMEGP का लाभ

आवेदक लगा रहे बैंक के चक्कर
2019 -20 में 47 लक्ष्य रखे गए हैं. जिनमें दो लोगों की ही लोन स्वीकृत हुई है. पिछले साल के आवेदक आज भी बैंक के चक्कर लगा रहे हैं. युवाओं ने बताया कि इस योजना के लिए उन्होंने फॉर्म भरा था. लेकिन आज तक इसका लाभ नहीं मिल सका है. उद्योग विभाग और बैंक हमेशा टाल मटोल वाला रवैया अपनाता रहता है.

gopalganj
उद्योग विभाग में आवेदक

टास्क फोर्स कमिटी का गठन
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि पांच सालों में 190 लक्ष्य रखा गया था. जिसमें 147 लोन स्वीकृत हो गई. बैंकों की उदासीनता के कारण लक्ष्य पूरा नहीं हो सका. महाप्रबंधक ने कहा कि डीएम इस संबंध में बैंकों से वार्ता कर रहे हैं. उनका प्रयास है कि सभी लोगों को समय से लोन मिल जाए. इसके लिए टास्क फोर्स कमिटी का गठन किया गया है.

Intro:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम जिले में दम तोड़ती हुई नजर आती है यहां के वेरोजगारो को रोजगार देने में नाही विभाग अपना लक्ष्य पूरा कर रहा और नाही बैंक ही बेरोजगारों को रोजगार के लिए लोन देने में संवेदनशील बनी है अब ऐसे में बेरोजगार युवा कभी उद्योग विभाग का तो कभी बैंक का चक्कर लगा रहे है ।










Body:स्वरोजगार का सपना संजोए युवा बैंकों और जिला उद्योग केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें समय पर बैंकों से लोन नही मिल रहा जिला उद्योग के आंकड़ो पर अगर गौर करे तो पिछले 5 साल में कुल 190 लक्ष्य निर्धारित किया गया था। विभाग द्वारा कुल 866 प्राप्त आवेदन को बैंकों को भेजा था। जिसमे बैंकों ने 164 आवेदकों को ही स्वीकृति प्रदान की थी। जिसमे अब तक महज 147 लोगो को ही लोन प्राप्त हो सके है। वही चालू वर्ष 2019 -20 में 47 लक्ष्य रखे गए है। जिसमे दो युवा ही खुशनसीब रहा। जिसपर बैंक अधिकारियों ने दरियादिली दिखाने का काम करते हुए लोन स्वीकृत किया है। ईसके पिछले बचे हुए आवेदक आज भी बैंक का चक्कर लगा रहे है। 3 माह का समय युवाओं का आवेदन फॉर्म भरने के बाद दफ्तरों के चक्कर लगाने में व्यतीत हो गए शासन ने तो पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी जिससे युवाओं को कम परेशानी हो। इसके लिए आवेदन फॉर्म ऑनलाइन करने के साथ ही बैंकों को भी उद्योग विभाग ऑनलाइन आवेदन भेजता है। साथ ही युवाओं को इस संबंध में जानकारी भी दी जाती है। इसके बावजूद युवाओं को बैंकों और उद्योग विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। विभाग को जब लक्ष्य मिला तो युवाओं ने स्वरोजगार में भरोसा जताते हुए लक्ष्य से अधिक आवेदन दिए इसके बाद भी लाभुकों को लाभ नही मिल सका जो विभाग जिससे विभाग भी अपने लक्ष्य को पिछले पांच वर्षों में पूरा नही कर सका।इस संदर्भ में युवाओं ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बेरोजगारों के लिए कई योजना चला रखी है जिसमे प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम भी है जिसमे हमने फॉर्म भरा लेकिन इस योजना का लाभ नही मिल सका। उद्योग विभाग व बैंक हमेशा टाल मटोल रवैया अपनाते रहता है। वही उद्योग विभाग के महाप्रबंधक कमलेश कुमार सिंह ने पिछले पांच वर्षों के रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि190 लक्ष्य के विरुद्ध 147 प्राप्त हुए है। उसमें बैंकों की उदासीनता के कारण लक्ष्य की प्राप्ति नही हो सकी है। वैसे हमलोग व डीएम साहब द्वारा भी बैंकों से वार्ता की जा रही है। हमारा प्रयास है कि सभी लोगो को लोन समय से मिल जाये। वही वर्तमान सत्र 2019-20 में 47 लक्ष्य मीले है जिसके लिए टास्क फोर्स कमिटी की गठन की गई हैं।




Conclusion:na
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.