गोपालगंजः विदेश में ज्यादा पैसा कमाने की हसरत लिए श्रीलंका गए गोपालगंज जिले के चार लोग कोलंबो के मदमपेट में फंसे हुए हैं. महीनों गुजर गए हैं, उनके परिवार में सन्नाटा पसरा है. लॉकडाउन के बाद इन परिवार वालों की कोई मदद भी नहीं कर रहा है. बेटे की भी कोई खबर नहीं है. अब ये परिवार दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. इनके बूढ़े मां-बाप सरकार से अपने बेटे को बुलाने के लिए गुहार लगा रहे हैं.
देश में जारी लॉकडाउन के कारण कई लोग विदेशों में फंसे हुए हैं. उन्हीं में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से सैकड़ों किलोमीटर दूर मदमपेट में स्थित भुवालका स्टील प्लांट में गोपालगंज जिले के 4 मजदूर फंसे हुए हैं. इन मजदूरों के परिजनों को आंसू बहाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा है. पूरा परिवार दाने-दाने को मोहताज हो गया है.
पासपोर्ट नहीं दे रही कंपनी
गोपालगंज के सेमरा टोला अहिरौली गांव निवासी जमादार सिंह के पुत्र दीपक कुमार पिछले नवंबर महीने में श्रीलंका कमाने के लिए गए थे. लेकिन अब उनकी कंपनी इनका पासपोर्ट नहीं दे रही है. इसके अलावा तीन माह से वेतन भी नहीं मिला है. जिससे उन मजदूरों के बीच खाने पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है.
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नहीं थम रहे मां के आंसू
दीपक कुमार की मां रीता देवी अपने बेटे को याद कर लगातार आंसू बहा रही है. मां के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं, पत्नी पूनम अपने दो बेटे को समेटे पति का इंतजार कर रही है. पूनम की आंखों के आंसू सूख गए हैं. उधर सेमरा अहिरौली गांव निवासी चंद्रमा सिंह के पुत्र केशव की स्थिति भी दीपक के जैसे ही है. ये भी उसी कंपनी में काम करते हैं. एक साल पहले घर की माली हालत देखकर विदेश की ओर रुख किया था. लेकिन वहां भी परेशानियों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और अब लॉकडाउन में फंसे हुए हैं.
पीएम मोदी से लगाई गुहार
केशव के पिता चन्द्रमा सिंह की आंखें जवाब दे चुकी है. आंखों से अब कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. इनकी पथराई आंखें अपने बेटे के लौटने की बाट जोह रही है. ये परिवार अपने बेटे को श्रीलंका से वापस बुलाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहा है. मां संगीता हाथ जोड़कर अपने एकलौते बेटे की वतन वापसी की पीएम मोदी से गुहार लगा रही है. इस परिवार ने कहा कि लॉकडाउन में इनकी कोई मदद भी नहीं कर रहा है. अब हमारा क्या होगा?