गोपालगंज: हथुआ थाना अंतर्गत रुपंचक गांव में हुए गोलीकांड में अपराधियों ने आरजेडी नेता जेपी यादव के परिवार के सदस्यों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. इस ट्रिपल मर्डर केस के बाद बिहार की राजनीति गर्मा उठी है. मामले में जदयू विधायक पप्पू पांडेय को नामजद बनाए जाने के बाद जदयू और आरजेडी आमने-सामने हो गए हैं. वहीं, आरजेडी ने विधायक की गिरफ्तारी के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
ट्रिपल मर्डर केस में आरजेडी नेता जेपी यादव के मां-बाप और उसके भाई की बाइक सवार बदमाशों गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं, जेपी यादव बुरी तरह घायल हो गया. जिसका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है. जेपी ने जदयू विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय पर हत्या का आरोप लगाया है. जैसे ही जदयू विधायक पर आरोप लगा, वैसे ही बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया.
पटना में हाई वोल्टेज हंगामा
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तुरंत सरकार को घेरना शुरू कर दिया. पहले उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से विधायक की गिरफ्तारी की मांग की. उसके बाद क्वॉरेंटाइन टाइम पूरा होते ही धरातल पर आकर. तेजस्वी पहले पीएमसीएच गए और जेपी यादव से मिले. यहां उन्होंने आरोपी जदयू विधायक की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सरकार को दो दिनों का अल्टीमेटम दिया. वो दो दिन भी पूरे हो गए. लेकिन आरोपी विधायक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. इस बाबत, शुक्रवार को तेजस्वी पार्टी विधायकों के साथ मार्च के लिए गोपालगंज निकलने वाले थे. लॉकडाउन लागू होने के चलते पटना जिला प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी. जिसके लिए जमकर हंगामा भी हुआ.
चुनावी महासंग्राम
बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बीच विपक्षी दल चुनाव को ध्यान में रखकर मुद्दों की तलाश में जुटे ही थे कि गोपालगंज जिले में ट्रिपल मर्डर की वारदात को अंजाम दे दिया गया. राजनीतिक पंडितों ने पहले ही भाप लिया था कि यह मामला जरूर राजनीतिक रूप ले लेगा और हुआ भी यही. वहीं, राजद नेता तेजश्वी यादव ने सही समय देखकर पूरे मामले को हाईजैक कर लिया.
राजनीतिक करियर
ऐसे में आम लोग यह जानना चाहते है कि जिस पप्पू पांडेय के कारण चुनाव के पहले भूचाल आया है. वो है कौन? तो बता दें कि गोपालगंज जिले में हमेशा से ही गन्ना, गुंडा गंडक की पहचान रही है, ऐसे में कुख्यात सतीश पांडेय का नाम बाहुबलियों के लिस्ट में अच्छा खासा दर्ज है, जो जदयू विधायक अमरेंद्र उर्फ पप्पू पांडेय सतीश पांडेय का छोटा भाई है. पप्पू पांडेय की शुरुआती राजनीति जिला परिषद अध्यक्ष से शुरू हुई.
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इसके बाद 2010 में बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने. वहीं, 2015 में जदयू में शामिल होकर चुनाव लड़े और जनता ने भरपूर अपना समर्थन देकर फिर से विधायक बना दिया. वैसे तो पप्पू पांडेय पर कई थानों के फाइलों में केस दर्ज हैं. मुकदमों की लिस्ट में हत्या, वसूली, रंगदारी जैसे मामले हैं. बावजूद इसके पप्पू जनता के बीच अपनी छवि मिस्टर क्लीन की बनाई है.
आपराधिक इतिहास पर एक नजर
- मीरगंज थाना- 93 /14 /302
- फुलवरिया थाना- 143/17/302
- कटेया थाना- 16/15/216A
- कटेया थाना- 119/4,147,148,341/452/323
- मीरगंज- 271/96,414
- नगर थाना- 258/97,384/388,3A
- नगर थाना-58/12,224,225A,120B
- नगर थाना-303/10,188
- कटेया थाना-184/10,188,171B
- पटना शास्त्री नगर- 827/18 IPC384,387
- पचास लाख रंगदारी की मांग
इतने सारे मामले के बाद भी पप्पू पांडेय की छवि क्षेत्र में एक मसीहा की बनी हुई है. इनके एक इशारे पर सैकड़ों लोगो की भीड़ लग जाती है. विधायक की अगुवाई में हर साल एक बड़ा सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है. जो एक महीने तक लगातार चलता है. इसमें क्षेत्र के बुजुर्गों, महिलाओं, गरीबो-दलितों को विधायक खुद अंग वस्त्र देकर सम्मानित करते हैं. साथ ही किसी के घर शादी हो या किसी की पैसे की जरूरत, तो उसकी मदद कर उसका भरपूर सहयोग करते हैं.