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गोपालगंज: लॉकडाउन के साथ कुदरत की मार झेल रहे किसान, बारिश की वजह से सड़ रहे गेहूं के फसल

कृषि पदाधिकारी हथुआ ने बताया कि विभाग द्वारा सर्वे कराया जा रहा है. सरकार का जैसा निर्देश होगा, उसके अनुसार काम किया जायेगा.

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Published : Apr 27, 2020, 7:45 PM IST

Updated : May 25, 2020, 10:59 PM IST

गोपालगंज: जिले में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. गेहूं की फसलों के पानी में डूब जाने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. अब गेंहू के पौधे खेतों में ही सड़ने लगे हैं.

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फसल बर्बाद

एक तरफ कोरोना वायरस के कारण हुये लॉकडाउन ने गरीबों और किसानों का जीना मुहाल कर रखा है, तो दूसरी तरफ कुदरत के कहर ने भी इन्हें मुसीबत में डाल दिया है. वहीं, कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो गोपालगंज के 14 प्रखंडों के 234 पंचायतों में इस बार 97,000 हेक्टेयर में गेहूं की खेती किसानों ने की थी. इससे 2 लाख 97 हजार क्विंटल गेहूं के उत्पादन होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन इस आपदा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है.

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सरकार से आस
किसानों का कहना है कि कर्ज लेकर उन्होंने गेहूं की खेती की थी, लेकिन बेमौसम बरसात ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा. अब इसका कर्ज चुका पाना उनके लिए मुश्किल हो गया है. वहीं किसान इस आपदा के कारण हुये नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिये सरकार से अनुदान की आस लगाए बैठे हैं. इस संबंध में जब कृषि पदाधिकारी हथुआ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा सर्वे कराया जा रहा है. सरकार का जैसा निर्देश होगा उसके अनुसार काम किया जायेगा.

गोपालगंज: जिले में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. गेहूं की फसलों के पानी में डूब जाने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. अब गेंहू के पौधे खेतों में ही सड़ने लगे हैं.

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फसल बर्बाद

एक तरफ कोरोना वायरस के कारण हुये लॉकडाउन ने गरीबों और किसानों का जीना मुहाल कर रखा है, तो दूसरी तरफ कुदरत के कहर ने भी इन्हें मुसीबत में डाल दिया है. वहीं, कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो गोपालगंज के 14 प्रखंडों के 234 पंचायतों में इस बार 97,000 हेक्टेयर में गेहूं की खेती किसानों ने की थी. इससे 2 लाख 97 हजार क्विंटल गेहूं के उत्पादन होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन इस आपदा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है.

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सरकार से आस
किसानों का कहना है कि कर्ज लेकर उन्होंने गेहूं की खेती की थी, लेकिन बेमौसम बरसात ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा. अब इसका कर्ज चुका पाना उनके लिए मुश्किल हो गया है. वहीं किसान इस आपदा के कारण हुये नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिये सरकार से अनुदान की आस लगाए बैठे हैं. इस संबंध में जब कृषि पदाधिकारी हथुआ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा सर्वे कराया जा रहा है. सरकार का जैसा निर्देश होगा उसके अनुसार काम किया जायेगा.

Last Updated : May 25, 2020, 10:59 PM IST
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