ETV Bharat / state

पर्यावरण बचाने की अनोखी पहल, बेटे ने पिता के श्राद्ध कार्यक्रम में बांटे औषधीय पौधे - Bihar News

बिहार के गोपालगंज में अपने पिता के निधन के बाद आयोजित ब्रह्मभोज में पौधों का दान देकर पर्यावरण बचाने का संदेश (Unique initiative in Gopalganj) दिया गया. ब्रह्मभोज में आए करीब एक हजार से ज्यादा लोगो के बीच ये पौधे बांटे गए. पढ़ें पूरी खबर

बेटे ने पिता के श्राद्ध कार्यक्रम में बांटे औषधीय पौधे
बेटे ने पिता के श्राद्ध कार्यक्रम में बांटे औषधीय पौधे
author img

By

Published : May 24, 2022, 7:39 PM IST

गोपालगंज: सनातन परंपरा के मुताबिक आपने अब तक किसी दिवंगत के श्राद्ध कार्यक्रम या ब्रह्मभोज में ब्राह्मणों या आने वाले लोगों के बीच वस्त्र, नकद राशि, धातु सहित कई वस्तुओं का दान करते दिवंगत के परिजनों को देखा और सुना होगा, लेकिन बिहार के गोपालगंज में अपने पिता के निधन के बाद आयोजित ब्रह्मभोज में पौधों का दान (Distribute medicinal plants in shradh program) देकर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया गया. जिसकी चर्चा पूरे इलाके में ही रही है.

ये भी पढ़ें : पटना के पर्यावरण प्रेमी : बॉटनी से स्नातक कर मनीष ने बनाया सफल व्यवसाय, प्लांटेशन को बनाया करियर

बिहार के गोपालगंज शहर के बड़ी बाजार में दिवंगत व्यवसायी ब्यास जी प्रसाद के घर बह्मभोज में पहुंचे सभी लोगों के बीच औषधीय पौधों का वितरण किया गया. ब्रह्मभोज में आए करीब एक हजार से ज्यादा लोगो के बीच धूप, सिंदूर, रुद्राक्ष, तेजपत्ता, लीची, बरगद, पीपल, पान, रक्त चंदन, मलयागिरी चंदन, अश्वगंधा, कचनार, चंपा, आम, शरीफ, पत्थरचट्टा, अशोक, लॉन्ग, तेजपत्ता, शम्मी, हींग, बेल गूलर, नीम, महुआ, जामुन समेत 30 प्रकार के पौधों का वितरण किया गया.

ब्रह्मभोज में पौधों का दान देकर पर्यावरण बचाने का संदेश
ब्रह्मभोज में पौधों का दान देकर पर्यावरण बचाने का संदेश

''कोरोना काल में लोगों को ऑक्सीजन से मरते हुए देखा था, तभी से पौधे लगाने और उसे बचाने को लेकर जब भी मौका मिलता है, काम करती हूं. जब पिताजी का निधन हुआ तो यह विचार मन में आया. पर्यावरण बचाने की दिशा में यह बहुत बड़ा कदम होगा. हमने बह्मभोज में औषधीय पौधा का वितरण किया ताकि पिताजी की तरह लंबी उम्र तक ऑक्सीजन सभी लोगों को मिले. प्रत्येक खुशी का मौका हो या दुख का, पौधे लगाने के लिए बहाना खोजा जाना चाहिए. कि पौधे से किसी को नुकसान नहीं होता. सभी को पौधे लगाने के लिए आज जागरूक करने की जरूरत है.'' - अनीता दीप, मृतक की बेटी

ये भी पढ़ें : फीस और किताबों के बदले कचरा जुटाते हैं इस स्कूल के बच्चे, ये है वजह

बता दें कि व्यवसायी ब्यास जी प्रसाद (95) का निधन 10 मई को हो गया था. उनके निधन के बाद परिवार की ओर से ब्रह्मभोज का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्थान की महिलाएं भी पहुंचीं. दिवंगत आत्मा की शांति के लिए आयोजित प्रार्थना सभा के बाद पहुंचे सभी लोगों के बीच औषधीय पौधों का वितरण किया गया.

ये भी पढ़ें : बिहार का नया टूरिस्ट अट्रैक्शन बनेगा ये वन्यजीव अभयारण्य, प्राकृतिक सौंदर्य के साथ धार्मिक रूप से भी है समृद्ध

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


गोपालगंज: सनातन परंपरा के मुताबिक आपने अब तक किसी दिवंगत के श्राद्ध कार्यक्रम या ब्रह्मभोज में ब्राह्मणों या आने वाले लोगों के बीच वस्त्र, नकद राशि, धातु सहित कई वस्तुओं का दान करते दिवंगत के परिजनों को देखा और सुना होगा, लेकिन बिहार के गोपालगंज में अपने पिता के निधन के बाद आयोजित ब्रह्मभोज में पौधों का दान (Distribute medicinal plants in shradh program) देकर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया गया. जिसकी चर्चा पूरे इलाके में ही रही है.

ये भी पढ़ें : पटना के पर्यावरण प्रेमी : बॉटनी से स्नातक कर मनीष ने बनाया सफल व्यवसाय, प्लांटेशन को बनाया करियर

बिहार के गोपालगंज शहर के बड़ी बाजार में दिवंगत व्यवसायी ब्यास जी प्रसाद के घर बह्मभोज में पहुंचे सभी लोगों के बीच औषधीय पौधों का वितरण किया गया. ब्रह्मभोज में आए करीब एक हजार से ज्यादा लोगो के बीच धूप, सिंदूर, रुद्राक्ष, तेजपत्ता, लीची, बरगद, पीपल, पान, रक्त चंदन, मलयागिरी चंदन, अश्वगंधा, कचनार, चंपा, आम, शरीफ, पत्थरचट्टा, अशोक, लॉन्ग, तेजपत्ता, शम्मी, हींग, बेल गूलर, नीम, महुआ, जामुन समेत 30 प्रकार के पौधों का वितरण किया गया.

ब्रह्मभोज में पौधों का दान देकर पर्यावरण बचाने का संदेश
ब्रह्मभोज में पौधों का दान देकर पर्यावरण बचाने का संदेश

''कोरोना काल में लोगों को ऑक्सीजन से मरते हुए देखा था, तभी से पौधे लगाने और उसे बचाने को लेकर जब भी मौका मिलता है, काम करती हूं. जब पिताजी का निधन हुआ तो यह विचार मन में आया. पर्यावरण बचाने की दिशा में यह बहुत बड़ा कदम होगा. हमने बह्मभोज में औषधीय पौधा का वितरण किया ताकि पिताजी की तरह लंबी उम्र तक ऑक्सीजन सभी लोगों को मिले. प्रत्येक खुशी का मौका हो या दुख का, पौधे लगाने के लिए बहाना खोजा जाना चाहिए. कि पौधे से किसी को नुकसान नहीं होता. सभी को पौधे लगाने के लिए आज जागरूक करने की जरूरत है.'' - अनीता दीप, मृतक की बेटी

ये भी पढ़ें : फीस और किताबों के बदले कचरा जुटाते हैं इस स्कूल के बच्चे, ये है वजह

बता दें कि व्यवसायी ब्यास जी प्रसाद (95) का निधन 10 मई को हो गया था. उनके निधन के बाद परिवार की ओर से ब्रह्मभोज का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्थान की महिलाएं भी पहुंचीं. दिवंगत आत्मा की शांति के लिए आयोजित प्रार्थना सभा के बाद पहुंचे सभी लोगों के बीच औषधीय पौधों का वितरण किया गया.

ये भी पढ़ें : बिहार का नया टूरिस्ट अट्रैक्शन बनेगा ये वन्यजीव अभयारण्य, प्राकृतिक सौंदर्य के साथ धार्मिक रूप से भी है समृद्ध

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.