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बिहार के इस युवा ने डेवलप किया 'TIK-TOK' की तर्ज पर काम करने वाला ऐप, तेजी से हो रहा पॉपुलर

टिक-टॉक ऐप के बंद होने के बाद बिहार के एक छात्र ने टिक-टॉक की तर्ज पर काम करने वाला एक नया पिकशार्ट ऐप डेवलप किया है. यह ऐप भारतीय ऐप है जो बिल्कुल टिक टॉक की तरह काम करता है. यह ऐप लोगों के बीच तेजी से पॉपुलर हो रहा है. इस ऐप को गोपालगंज जिला निवासी इंजिनियरिंग छात्र अनुभव ने डेवलप किया है.

गोपालगंज
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Published : Aug 3, 2020, 10:40 PM IST

गोपालगंज: बीते दिनों भारत सरकार ने टीक-टॉक समेत कई चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था. जिसके बाद टीक-टॉक ने भारत में पूरी तरह से काम करना बंद दिया था. जिसके बाद बिहार के एक युवा ने टीक-टॉक की तरह की कार्य करने वाला एक पिकशॉर्ट नामक नया ऐप डेवलप किया है.

इस ऐप को डेवलप करने वाले इंजीनियरिंग छात्र अनुभव ने बताया कि यह ऐप पूरी तरह से स्वदेशी है. यह ठीक उसी तरह से काम करता है, जिस तरह से टिक टॉक काम करता था. इस ऐप को अब तक हजारों लोगों ने डाउनलोड भी किया है. यह ऐप लोगों के बीच तेजी से पॉपुलर हो रहा है.

'20 दिन की कड़ी मेहनत से बनाया ऐप'
इस ऐप को गोपालगंज के लखपतिया मोड़ निवासी जयप्रकाश चौबे के पुत्र अनुभव कुमार ने डेवलप किया है. अनुभव आंध्र प्रदेश के आदित्य इंजीनियरिंग कॉलेज में फोर्थ सेमेस्टर के फाइनल ईयर के सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के छात्र हैं. उनके पिता पेशे से अधिवक्ता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए अनुभव ने बताया कि पिकशॉर्ट ऐप को तैयार करने में 2 लाख रुपये खर्च हुए. 20 दिन की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें इसमें सफलता मिली. ऐप को गूगल ने भी अपनी मान्यता दे दी है. उन्होंने सारा पैसा अपने पॉकेट खर्च के लिए बचाए हुए पैसे से खर्च किया है. इस ऐप को डेवलप करने में उनके 8 दोस्तों ने भी मदद की थी.

ऐप डेवलप करने वाले छात्र
ऐप डेवलप करने वाले छात्र

ऐप को ऐसे करें डाउनलोड
अनुभव ने बताया कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल नारे से इंस्पायर होकर इस ऐप को डेवलप किया. हालांकि इस ऐप में अभी कई तरह की कमियां है, जिसे यूजर्स ठीक करने की मांग कर रहे हैं. ये ऐप गूगल प्ले स्पटो पर बिल्कुल फ्री है. इस एप को डाउनलोड करने के लिए एक क्यूआर कोड स्कैन करना होता है. इसके बाद प्ले स्टोर पर सर्च करें. उसमें पिक्चर डाउनलोड करने पर यह ऐप काम करना शुरू करता है. ऐप में टिक-टॉक और हेलो ऐप जैसा फीचर दिया गया है. यूजर फेंडली बनाने के लिए ऐप के नये फीचर पर काम चल रहा है.

गोपालगंज: बीते दिनों भारत सरकार ने टीक-टॉक समेत कई चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था. जिसके बाद टीक-टॉक ने भारत में पूरी तरह से काम करना बंद दिया था. जिसके बाद बिहार के एक युवा ने टीक-टॉक की तरह की कार्य करने वाला एक पिकशॉर्ट नामक नया ऐप डेवलप किया है.

इस ऐप को डेवलप करने वाले इंजीनियरिंग छात्र अनुभव ने बताया कि यह ऐप पूरी तरह से स्वदेशी है. यह ठीक उसी तरह से काम करता है, जिस तरह से टिक टॉक काम करता था. इस ऐप को अब तक हजारों लोगों ने डाउनलोड भी किया है. यह ऐप लोगों के बीच तेजी से पॉपुलर हो रहा है.

'20 दिन की कड़ी मेहनत से बनाया ऐप'
इस ऐप को गोपालगंज के लखपतिया मोड़ निवासी जयप्रकाश चौबे के पुत्र अनुभव कुमार ने डेवलप किया है. अनुभव आंध्र प्रदेश के आदित्य इंजीनियरिंग कॉलेज में फोर्थ सेमेस्टर के फाइनल ईयर के सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के छात्र हैं. उनके पिता पेशे से अधिवक्ता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए अनुभव ने बताया कि पिकशॉर्ट ऐप को तैयार करने में 2 लाख रुपये खर्च हुए. 20 दिन की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें इसमें सफलता मिली. ऐप को गूगल ने भी अपनी मान्यता दे दी है. उन्होंने सारा पैसा अपने पॉकेट खर्च के लिए बचाए हुए पैसे से खर्च किया है. इस ऐप को डेवलप करने में उनके 8 दोस्तों ने भी मदद की थी.

ऐप डेवलप करने वाले छात्र
ऐप डेवलप करने वाले छात्र

ऐप को ऐसे करें डाउनलोड
अनुभव ने बताया कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल नारे से इंस्पायर होकर इस ऐप को डेवलप किया. हालांकि इस ऐप में अभी कई तरह की कमियां है, जिसे यूजर्स ठीक करने की मांग कर रहे हैं. ये ऐप गूगल प्ले स्पटो पर बिल्कुल फ्री है. इस एप को डाउनलोड करने के लिए एक क्यूआर कोड स्कैन करना होता है. इसके बाद प्ले स्टोर पर सर्च करें. उसमें पिक्चर डाउनलोड करने पर यह ऐप काम करना शुरू करता है. ऐप में टिक-टॉक और हेलो ऐप जैसा फीचर दिया गया है. यूजर फेंडली बनाने के लिए ऐप के नये फीचर पर काम चल रहा है.

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