गोपालगंजः पूरे भारत में कहर बरपा रहे कोरोना ने लोगों की जिंदगी की मिठास ही छीन ली है. हर इंसान परेशान और बेहाल हैं. कल तक जो लोग अपनी दुकानों के जरिए अच्छी खासी कमाई कर रहे थे, उनकी जेब पर कोरोना की नजर लग गई. अगर बात करें मिठाई और उससे जुड़े कारोबारियों की तो आज वो भी इस महामारी के दौर में बदहाली की जिंदगी गुजार रहे हैं.
बिक्री में 70 से 80 प्रतिशत की गिरावट
गोपालगंज में भी मिठाई दुकानदारों पर कोरोना का कहर इस कदर पड़ा कि इनको खुद का पेट पालना मुश्किल हो गया. क्योंकि जिस दुकान से ये रात दिन मिठाइयां बेचकर अपना घर चलाते थे, आज वहां कोरोना के डर से ग्राहक नहीं पहुंच रहे है. आलम यह है कि इनकी दुकानों में वीरानगी छा गई है. मिठाई की बिक्री में 70 से 80 प्रतिशत की गिरावट आई है.
बाहर की चीजों से परहेज कर रहे लोग
दरअसल मार्च महीने के शुरुआत से ही कोरोना महामारी ने देश मे पांव पसारना शुरू कर दिया था. जिसको देखते हुए सरकार ने लॉक डाउन लागू कर दिया था. ताकि कोरोना के संक्रमण से बचा जा सके. इस कोरोना काल में सबसे ज्यादा असर मिठाई के दुकानों पर भी देखने को मिल रहा है, क्योंकि देश में लागू लॉक डाउन के कारण कई महीने तक मिठाई की दुकान को बंद करना पड़ा. जब लॉकडाउन खत्म हुआ तो ग्राहक बाहर की चीजों से परहेज करते हुए दुकान पर नहीं पहुंच रहे हैं.
मिठाई दुकानदारों पर कोरोना की मार
अब ऐसे में मिठाई दुकानदारों की स्थिति काफी दयनीय होती जा रही है. कई पर्व त्योहार आये, लेकिन लेकिन मिठाई की डिमांड नहीं बढ़ी. रक्षा बंधन जैसे पर्व पर भी दुकानदार ग्राहकों का इंतेजार करते रहे. दुकान को खोल कर बैठे रहे लेकिन ग्राहकों की भीड़ नहीं हुई. कोरोना के कारण लोगों में एक डर सा बन गया है. लोग बाहरी चीजें खाना पसंद नहीं कर रहे हैं.
मिठाई की दुकानों पर पसरा है सन्नाटा
जिले के प्रसिद्ध मिठाई दुकान संध्या स्वीट्स में तो सामान्य दिनों में भी हमेशा मिठाई खरीदने वालों की भीड़ लगी रहती थी. क्योंकि यहां की मिठाइयां काफी प्रसिद्ध हैं. लोग यहां की मिठाइयां खरीद कर बाहर भेजा करते थे. दर्जनों स्टॉफ काम में लगे रहते थे, लेकिन अब यहां सन्नाटा पसरा रहता है. इक्का-दुक्का ग्राहक ही पहुंचते हैं. ये स्थिति सिर्फ संध्या स्वीट्स की ही नहीं, बल्कि कमोबेश सभी मिठाई दुकानदारों की है.
'अब 40 से 50 किलो ही बनती है मिठाई'
कोरोना की मार झेल रहे मिठाई दुकानदारों की स्थिति जानने के लिए हमारे संवाददाता ने मिठाई दुकानों का जायजा लिया. इस दौरान सबसे ज्यादा मिठाई बेचने वाले संध्या स्वीट्स के दुकानदार जगदीश कुमार ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि कोरोना काल में मिठाईयों की बिक्री में करीब 70 से 80 प्रतिशत की गिरावट आई है. हमारे यहां दर्जनों स्टाफ काम करते थे, लेकिन आज महज दो ही स्टाफ काम कर रहे हैं. यहां दो क्विंटल मिठाईयां बनाई जाती थी. लेकिन अब 40 से 50 किलो ही मिठाइयां बन रही हैं.
मशहूर मिठाई पीड़िकीया की बिक्री भी फिकी
वहीं, अगर बात करें जिले की मशहूर मिठाई पीड़िकीया की तो इसकी बिक्री भी काफी घट गई है. पीड़िकीया को लोग काफी पसंद से खाते थे. साथ ही बाहर भी भेजते थे. लेकिन इस कोरोना काल में लोगो की पसंद अब नापसंद होने लगी है. लोग पीड़िकिया के दुकान तक नहीं पहुंच रहे हैं. आलम यह है कि पीड़िकिया की दो से तीन दुकान चलाने वाले अब एक ही दुकान चला रहे हैं. क्योंकि ग्राहकों की संख्या कम हो गई है.
'कोरोना के कारण बंद कर दी चार दुकानें'
गौरीशंकर मिष्ठान भंडार कभी एक क्विंटल पीड़िकिया बनाता था. लेकिन अब दस किलो में भी बच जा रहे हैं. दुकानदार भगवान जी प्रसाद ने बताया कि यहां की पीड़िकिया खाने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे. पहले इस दुकान के अलावे चार पांच दुकान और चलते थे, लेकिन वो सब बंद करनी पड़ी.
मिठाई दुकान पर पहुंचे एक ग्राहक आर के सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात का डर सताता है कि बाहर का समान खाने पर कहीं कोरोना के चपेट में ना आ जाएं. इसके बावजूद ज्यादा जरूरी होने पर कम मात्रा में मिठाईयां खरीद कर काम चला रहे हैं.
त्योहारों के मौसम में है बिक्री की उम्मीद
बहरहाल अब अनलॉक में मिठाई की दुकानें खुल तो रही हैं. लेकिन इन कारोबारियों को इंतजार है तो अपने ग्राहकों का, जो फिलहाल दुकान पर मिठाई लेने नहीं पहुंच रहे हैं. अब इन्हें उम्मीद है तो आने वाले कुछ त्योहारों से कि शायद लोग त्योहारों के मौसम में मिठाई लेने पहुंच जाएं.