ETV Bharat / state

Inspiration News: घूस देने के लिए नहीं थे पैसे तो छोड़ी सरकारी नौकरी की आस, आज कर रहे लाखों की कमाई

गोपालगंज के एक युवक की कहानी बहुत ही रोचक है. युवक पहले पढ़ाई कर सरकारी नौकरी पाना चाहता था. उसमें मेहनत नहीं रंग ला पाई, वह सरकारी नौकरी नहीं कर पाया. हर परीक्षा में पास करने के लिए घूस मांगे गए, इसके पास घूस देने के लिए पैसे नहीं थे. तब इसने पढ़ाई लिखाई करते हुए अपने पिता के काम में लग गया और वह आज सालाना दुग्ध उत्पादन से कुल 10 लाख रुपया आसानी से कमा लेता है. पढ़ें पूरी खबर..

गोपालगंज में दूध उत्पादक विशाल की कहानी
गोपालगंज में दूध उत्पादक विशाल की कहानी
author img

By

Published : Jan 27, 2023, 10:52 AM IST

Updated : Jan 27, 2023, 3:18 PM IST

गोपालगंज से दूग्ध उत्पादन कर 10 लाख रुपए की कमाई

गोपालगंज: सरकारी नौकरी की कोशिश में काफी मेहनत किया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. इसके साथ ही कई जगहों पर परीक्षा पास होने के लिए घूस देने की जरूरत पड़ी. उन्होंने बताया कि तंगहाली के कारण घूस के लिए पैसे नहीं दे पाया. जिसके बाद सरकारी नौकरी की आस टूट गई. इन सारी घटनाओं के बाद हिम्मत नहीं हारने वाला युवक गोपालगंज के लिए मिसाल बन चुका है. इस युवक के पास आसपास के कई लोग भी कुछ सीखने जानने के लिए आते हैं. आलम यह है कि युवक ने पढ़ाई से रिश्ते नाते समाप्त कर युवक अपने पिता के साथ काम में लग गया और आज के दिन में आसपास के लोगों के लिए एक सीख बन चुका है. विशाल अपने व्यवसाय से करीब 10 लाख रुपए सालाना की कमाई करता है.

यह भी पढ़ें- मायानगरी छोड़ अपने गांव लौटे राजेश, बत्तख पालन और मसाले की खेती से अब होती है इतनी कमाई

जिले के थावे प्रखण्ड स्थित रामचन्द्रपुर गांव निवासी दूध विशाल उत्पादन कर लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है. शुरुआती दिनों में कई समस्याओं को झेलते हुए आज वह 15 गायों का पालन करते हुए कुल दूध का उत्पादन करता है. उससे करीब सालाना दस लाख रुपए की आमदनी कमाता है. इसे देखकर आसपास के लोग इसके पास आते हैं और इससे दुग्ध उत्पाद करने का गुर भी सीखते है. आलम यह है कि अधिकांश लोग उसके बताए गए मार्ग पर चलकर दो चार गायों का पालन करने के साथ ही दुग्ध उत्पादन में लगे हुए है.

दुग्ध उत्पादक विशाल की कहानी: बताया जाता है कि यह युवक विशाल अपने जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर अपने रामचंद्रपुर गांव में रहकर अपना काम करता है. इस काम के साथ ही युवक का नाम उन सफल युवाओं के श्रेणी में जुड़ गया है, जिसने अपने अथक मेहनत और प्रयास से खुद की और परिवार समेत आस पास के कई लोगों के लिए बेहतर अवसर दिखाया है.

मेहनती बना विशाल: जानकारी के मुताबिक विशाल पूरे गांव में दुग्ध उत्पादन से कमाई करने का गुर सीखाता है. यह अपने चार भाइयों में सबसे बड़ा भाई है. इसके पिता पेशे से किसान हैं. जिन्होंने दस वर्ष पहले से ही दो गायों को रखकर कारोबार करते थे. उस समय विशाल अपने खुद बीए की पढ़ाई कर रहा था. उसी समय से विशाल के मन मे सरकारी नौकरी करने की इच्छा होती थी. जब वह उससे नहीं हो पाया उसके बाद तब सरकारी नौकरी करने का ख्याल ही मन से निकाल दिया. क्योंकि जिस नौकरी की चाहत उसने अपने मन में संजोया था वह कहीं न कहीं उससे दूर होता हुआ दिखाई दे रहा था. उस समय उन नौकरियों के लिए अच्छे खासे रकम घूस के लिए मांगे जाते थे. हालांकि उसने पांच लाख रुपये घुस देने से मना कर दिया. क्योंकि वह गरीब किसान परिवार से आता था और उस समय उसकी स्थिति उतनी भी सही नहीं थी कि वह उस पैसे को दे पाए.

पशुओं में बढ़ी दिलचस्पी: इसके बाद ही उसके मन में आया कि क्यों न अपने पिता के काम में ही हाथ बढ़ाया जाए और इस काम को ही अच्छे से की जाए. उसी समय से विशाल ने दो गायो में अपना भविष्य ढूंढा और एक बेहतर भविष्य बनाने की कोशिश में लग गया. जिसके बाद उसकी पशुपालन में दिलचस्पी बढ़ने लगी. उसने तय कर लिया कि वह अब पशुपालन का ही काम करेगा. उसी समय 2013 में ही वह उन गायों के दूध आसपास के इलाकों में बेचने लगा. जबकि शुरुआत में ज्यादा मुनाफा नहीं हुआ. उसके बावजूद उसने उसी काम को जारी रखा और आज के समय में वह दुग्ध उत्पादक के तौर पर जाना जाने लगा. जबकि उन दिनों में उसने यह भी तय किया कि इस बारे में गहन जानकारी जुटाई जाए, फिर आगे और बड़े आकार पर इस काम को लेकर जाया जाएगा. उसी समय से दुधारू नस्लों की गाय-भैंसों की जानकारी लेकर कुछ एक्सपर्ट से भी मिला और अपने बिजनेस को नए सिरे से शुरू कर दिया.

80 से 90 हजार रुपए की कमाई: सबसे पहले उसने गिर नस्ल की गाय खरीदकर उसकी अच्छे तरीके से देखरेख और खानपान का ध्यान रखा. इस गाय का फायदा हुआ कि अधिक मात्रा में दूध का प्रोडक्शन होने लगा. इससे उसकी आमदनी बढ़ गई. कुछ दिनों बाद उसने और भी पशुओं की संख्या बढ़ा दी और आज करीब विशाल के पास 15 पशु हैं. इन पशुओं से करीब वह रोजाना दो क्विंटल दूध का उत्पादन करता है. इसके साथ ही उसने अपनी कमाई लगभग हर महीने 80 से 90 हजार रुपए कर ली है.

सरकारी नौकरी के लिए घूस नहीं दे पाया: विशाल ने बताया कि मुझे सरकारी नौकरी करना था. लेकिन काफी मात्रा में घूस की मांग की जबकि वह उतना पैसा इकट्ठा नहीं कर पाया और उसी समय नौकरी का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दिया. उसने बताया कि आज खुद का व्यवसाय करने के बाद काफी खुश हूं. इससे जुड़ी कई जानकारियों को आसपास के लोगों के साथ भी शेयर करता हूं. उसने यह भी बताया कि पहले तो हमें इस व्यवसाय के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन आज कई लोगों को इससे जुड़ी जानकारी दे रहा हूं.


पशुपालन कोई आसान काम नहीं: उसने बताया कि सिर्फ कहने और सुनने में पशुपालन का काम आसान लगता है. बल्कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. विशाल के मुताबिक जानवरों को अच्छा खानपान के अलावा स्वास्थ्य का भी विशेष ख्याल रखना पड़ता है. इसी तरह मेडिकल चेकअप भी करवाते रहता हूं. इस तरह की मेहनत की वजह से आज मैं अच्छा-खासा पैसा कमा रहा हूं. अब तो कई लोग पशुपालन के लिए सलाह लेने भी आते हैंं. इतना ही नही विशाल दूध उत्पादन के अलावे मछली पालन भी करता है. उसके मुताबिक 20 कट्टा जमीन में उसने मछली पालन भी किया है. उससे करीब ढाई लाख रुपए की आमदनी कमाता है. हालाकिं पिछले वर्ष कुछ लोगों ने तालाब में जहर डाल दिया जिससे 6 लाख रुपए के मछली का नुकसान हो गया था. उसके बावजूद उसने हार नही मानी और पुनः अपना व्यवसाय शुरू कर दिया.

"जानवरों को अच्छा खानपान के अलावा स्वास्थ्य का भी विशेष ख्याल रखना पड़ता है. इसी तरह मेडिकल चेकअप भी करवाते रहता हूं. इस तरह की मेहनत की वजह से आज मैं अच्छा-खासा पैसा कमा रहा हूं. अब तो कई लोग पशुपालन के लिए सलाह लेने भी आते हैंं. इतना ही नही विशाल दूध उत्पादन के अलावे मछली पालन भी करता है. उसके मुताबिक 20 कट्टा जमीन में उसने मछली पालन भी किया है. उससे करीब ढाई लाख रुपए की आमदनी कमाता है"- विशाल, व्यवसायी.

इसे भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ : देसी धान से बस्तर को महका रही महिला किसान प्रभाती


गोपालगंज से दूग्ध उत्पादन कर 10 लाख रुपए की कमाई

गोपालगंज: सरकारी नौकरी की कोशिश में काफी मेहनत किया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. इसके साथ ही कई जगहों पर परीक्षा पास होने के लिए घूस देने की जरूरत पड़ी. उन्होंने बताया कि तंगहाली के कारण घूस के लिए पैसे नहीं दे पाया. जिसके बाद सरकारी नौकरी की आस टूट गई. इन सारी घटनाओं के बाद हिम्मत नहीं हारने वाला युवक गोपालगंज के लिए मिसाल बन चुका है. इस युवक के पास आसपास के कई लोग भी कुछ सीखने जानने के लिए आते हैं. आलम यह है कि युवक ने पढ़ाई से रिश्ते नाते समाप्त कर युवक अपने पिता के साथ काम में लग गया और आज के दिन में आसपास के लोगों के लिए एक सीख बन चुका है. विशाल अपने व्यवसाय से करीब 10 लाख रुपए सालाना की कमाई करता है.

यह भी पढ़ें- मायानगरी छोड़ अपने गांव लौटे राजेश, बत्तख पालन और मसाले की खेती से अब होती है इतनी कमाई

जिले के थावे प्रखण्ड स्थित रामचन्द्रपुर गांव निवासी दूध विशाल उत्पादन कर लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है. शुरुआती दिनों में कई समस्याओं को झेलते हुए आज वह 15 गायों का पालन करते हुए कुल दूध का उत्पादन करता है. उससे करीब सालाना दस लाख रुपए की आमदनी कमाता है. इसे देखकर आसपास के लोग इसके पास आते हैं और इससे दुग्ध उत्पाद करने का गुर भी सीखते है. आलम यह है कि अधिकांश लोग उसके बताए गए मार्ग पर चलकर दो चार गायों का पालन करने के साथ ही दुग्ध उत्पादन में लगे हुए है.

दुग्ध उत्पादक विशाल की कहानी: बताया जाता है कि यह युवक विशाल अपने जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर अपने रामचंद्रपुर गांव में रहकर अपना काम करता है. इस काम के साथ ही युवक का नाम उन सफल युवाओं के श्रेणी में जुड़ गया है, जिसने अपने अथक मेहनत और प्रयास से खुद की और परिवार समेत आस पास के कई लोगों के लिए बेहतर अवसर दिखाया है.

मेहनती बना विशाल: जानकारी के मुताबिक विशाल पूरे गांव में दुग्ध उत्पादन से कमाई करने का गुर सीखाता है. यह अपने चार भाइयों में सबसे बड़ा भाई है. इसके पिता पेशे से किसान हैं. जिन्होंने दस वर्ष पहले से ही दो गायों को रखकर कारोबार करते थे. उस समय विशाल अपने खुद बीए की पढ़ाई कर रहा था. उसी समय से विशाल के मन मे सरकारी नौकरी करने की इच्छा होती थी. जब वह उससे नहीं हो पाया उसके बाद तब सरकारी नौकरी करने का ख्याल ही मन से निकाल दिया. क्योंकि जिस नौकरी की चाहत उसने अपने मन में संजोया था वह कहीं न कहीं उससे दूर होता हुआ दिखाई दे रहा था. उस समय उन नौकरियों के लिए अच्छे खासे रकम घूस के लिए मांगे जाते थे. हालांकि उसने पांच लाख रुपये घुस देने से मना कर दिया. क्योंकि वह गरीब किसान परिवार से आता था और उस समय उसकी स्थिति उतनी भी सही नहीं थी कि वह उस पैसे को दे पाए.

पशुओं में बढ़ी दिलचस्पी: इसके बाद ही उसके मन में आया कि क्यों न अपने पिता के काम में ही हाथ बढ़ाया जाए और इस काम को ही अच्छे से की जाए. उसी समय से विशाल ने दो गायो में अपना भविष्य ढूंढा और एक बेहतर भविष्य बनाने की कोशिश में लग गया. जिसके बाद उसकी पशुपालन में दिलचस्पी बढ़ने लगी. उसने तय कर लिया कि वह अब पशुपालन का ही काम करेगा. उसी समय 2013 में ही वह उन गायों के दूध आसपास के इलाकों में बेचने लगा. जबकि शुरुआत में ज्यादा मुनाफा नहीं हुआ. उसके बावजूद उसने उसी काम को जारी रखा और आज के समय में वह दुग्ध उत्पादक के तौर पर जाना जाने लगा. जबकि उन दिनों में उसने यह भी तय किया कि इस बारे में गहन जानकारी जुटाई जाए, फिर आगे और बड़े आकार पर इस काम को लेकर जाया जाएगा. उसी समय से दुधारू नस्लों की गाय-भैंसों की जानकारी लेकर कुछ एक्सपर्ट से भी मिला और अपने बिजनेस को नए सिरे से शुरू कर दिया.

80 से 90 हजार रुपए की कमाई: सबसे पहले उसने गिर नस्ल की गाय खरीदकर उसकी अच्छे तरीके से देखरेख और खानपान का ध्यान रखा. इस गाय का फायदा हुआ कि अधिक मात्रा में दूध का प्रोडक्शन होने लगा. इससे उसकी आमदनी बढ़ गई. कुछ दिनों बाद उसने और भी पशुओं की संख्या बढ़ा दी और आज करीब विशाल के पास 15 पशु हैं. इन पशुओं से करीब वह रोजाना दो क्विंटल दूध का उत्पादन करता है. इसके साथ ही उसने अपनी कमाई लगभग हर महीने 80 से 90 हजार रुपए कर ली है.

सरकारी नौकरी के लिए घूस नहीं दे पाया: विशाल ने बताया कि मुझे सरकारी नौकरी करना था. लेकिन काफी मात्रा में घूस की मांग की जबकि वह उतना पैसा इकट्ठा नहीं कर पाया और उसी समय नौकरी का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दिया. उसने बताया कि आज खुद का व्यवसाय करने के बाद काफी खुश हूं. इससे जुड़ी कई जानकारियों को आसपास के लोगों के साथ भी शेयर करता हूं. उसने यह भी बताया कि पहले तो हमें इस व्यवसाय के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन आज कई लोगों को इससे जुड़ी जानकारी दे रहा हूं.


पशुपालन कोई आसान काम नहीं: उसने बताया कि सिर्फ कहने और सुनने में पशुपालन का काम आसान लगता है. बल्कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. विशाल के मुताबिक जानवरों को अच्छा खानपान के अलावा स्वास्थ्य का भी विशेष ख्याल रखना पड़ता है. इसी तरह मेडिकल चेकअप भी करवाते रहता हूं. इस तरह की मेहनत की वजह से आज मैं अच्छा-खासा पैसा कमा रहा हूं. अब तो कई लोग पशुपालन के लिए सलाह लेने भी आते हैंं. इतना ही नही विशाल दूध उत्पादन के अलावे मछली पालन भी करता है. उसके मुताबिक 20 कट्टा जमीन में उसने मछली पालन भी किया है. उससे करीब ढाई लाख रुपए की आमदनी कमाता है. हालाकिं पिछले वर्ष कुछ लोगों ने तालाब में जहर डाल दिया जिससे 6 लाख रुपए के मछली का नुकसान हो गया था. उसके बावजूद उसने हार नही मानी और पुनः अपना व्यवसाय शुरू कर दिया.

"जानवरों को अच्छा खानपान के अलावा स्वास्थ्य का भी विशेष ख्याल रखना पड़ता है. इसी तरह मेडिकल चेकअप भी करवाते रहता हूं. इस तरह की मेहनत की वजह से आज मैं अच्छा-खासा पैसा कमा रहा हूं. अब तो कई लोग पशुपालन के लिए सलाह लेने भी आते हैंं. इतना ही नही विशाल दूध उत्पादन के अलावे मछली पालन भी करता है. उसके मुताबिक 20 कट्टा जमीन में उसने मछली पालन भी किया है. उससे करीब ढाई लाख रुपए की आमदनी कमाता है"- विशाल, व्यवसायी.

इसे भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ : देसी धान से बस्तर को महका रही महिला किसान प्रभाती


Last Updated : Jan 27, 2023, 3:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.