गोपालगंज: स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दिन-रात लगी हुई है. इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं हो रहा है. वहीं अगर देखा जाए तो जिले के माझा प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति सरकार के दावे का पोल खुलता नजर आ रहा है. इस स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और कर्मी की भारी कमी है. ऐसे में सरकार की बेहतर सेवाओं का दावा फेल होता नजर आ रहा है.
एक डॉक्टर ही संभाल रहे स्वास्थ्य केंद्र
माझा प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बेहद खराब है. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं तो हैं, लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों की घोर कमी है. यहां सिर्फ एक डॉक्टर ही अपनी सेवा देते हैं. इस स्वास्थ्य केंद्र पर तीन पंचायत के लगभग 30 हजार की आबादी निर्भर है. इलाज के अभाव में यहां आने वाले मरीज को तत्काल सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य की जांच समेत कई तरह के सुविधा मुहैया कराए जाने की योजना थी. लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से स्वास्थ्य केंद्र अपने ही अस्तित्व की तलाश कर रहा है.
सुविधाओं की घोर कमी
बता दें कि इस स्वास्थ्य केंद्र को एक साल पहले हेल्थ ऐंड वेलनेश के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था. जिसमें कई तरह के मरीजों को सुविधाओं देने के लिए बोर्ड लगाए गए थे. लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं मिलता. जांच घर में हमेशा ताले लगे रहते हैं. 6 बेड वाला यह स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन डॉक्टर और दो एएनएम पद स्थापित है. लेकिन पदस्थापना के बाद से दो चिकित्सक गायब हैं. जबकि एक ही चिकित्सक पर यह स्वास्थ्य केंद्र संचालित होता है.
जांच की भी नहीं है कोई व्यवस्था
डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि पूरे जिले में डॉक्टरों की कमी है. जिसके लिए कई बार पत्राचार के माध्यम से विभाग को अवगत भी कराया गया है. लेकिन इसके बाद भी इसपर कोई सुनवाई नही हुई है. उन्होंने कहा कि यहां स्टाफ की घोर कमी है. एक ही डॉक्टर अपनी सेवा देते है. अगर स्टाफों और डॉक्टरों की तैनाती हो जाती तो व्यवस्था और अच्छी होती. साथ ही फर्मासिस्ट की कमी के कारण यहां जांच की व्यवस्था नही हो पाती है.