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गोपालगंज: सरकारी दावे की खुली पोल, एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है स्वास्थ्य केंद्र

गोपालगंज में माझा प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बेहद खराब है. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं तो हैं. लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों की घोर कमी है. यहां सिर्फ एक डॉक्टर ही अपनी सेवा देते हैं.

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों की घोर कमी
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Published : Oct 27, 2019, 6:38 PM IST

गोपालगंज: स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दिन-रात लगी हुई है. इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं हो रहा है. वहीं अगर देखा जाए तो जिले के माझा प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति सरकार के दावे का पोल खुलता नजर आ रहा है. इस स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और कर्मी की भारी कमी है. ऐसे में सरकार की बेहतर सेवाओं का दावा फेल होता नजर आ रहा है.

एक डॉक्टर ही संभाल रहे स्वास्थ्य केंद्र

माझा प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बेहद खराब है. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं तो हैं, लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों की घोर कमी है. यहां सिर्फ एक डॉक्टर ही अपनी सेवा देते हैं. इस स्वास्थ्य केंद्र पर तीन पंचायत के लगभग 30 हजार की आबादी निर्भर है. इलाज के अभाव में यहां आने वाले मरीज को तत्काल सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य की जांच समेत कई तरह के सुविधा मुहैया कराए जाने की योजना थी. लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से स्वास्थ्य केंद्र अपने ही अस्तित्व की तलाश कर रहा है.

सरकारी दावे का पोल खोलता अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

सुविधाओं की घोर कमी

बता दें कि इस स्वास्थ्य केंद्र को एक साल पहले हेल्थ ऐंड वेलनेश के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था. जिसमें कई तरह के मरीजों को सुविधाओं देने के लिए बोर्ड लगाए गए थे. लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं मिलता. जांच घर में हमेशा ताले लगे रहते हैं. 6 बेड वाला यह स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन डॉक्टर और दो एएनएम पद स्थापित है. लेकिन पदस्थापना के बाद से दो चिकित्सक गायब हैं. जबकि एक ही चिकित्सक पर यह स्वास्थ्य केंद्र संचालित होता है.

सरकारी दावे का पोल खोलता अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

जांच की भी नहीं है कोई व्यवस्था

डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि पूरे जिले में डॉक्टरों की कमी है. जिसके लिए कई बार पत्राचार के माध्यम से विभाग को अवगत भी कराया गया है. लेकिन इसके बाद भी इसपर कोई सुनवाई नही हुई है. उन्होंने कहा कि यहां स्टाफ की घोर कमी है. एक ही डॉक्टर अपनी सेवा देते है. अगर स्टाफों और डॉक्टरों की तैनाती हो जाती तो व्यवस्था और अच्छी होती. साथ ही फर्मासिस्ट की कमी के कारण यहां जांच की व्यवस्था नही हो पाती है.

gopalganj
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों की घोर कमी

गोपालगंज: स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दिन-रात लगी हुई है. इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं हो रहा है. वहीं अगर देखा जाए तो जिले के माझा प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति सरकार के दावे का पोल खुलता नजर आ रहा है. इस स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और कर्मी की भारी कमी है. ऐसे में सरकार की बेहतर सेवाओं का दावा फेल होता नजर आ रहा है.

एक डॉक्टर ही संभाल रहे स्वास्थ्य केंद्र

माझा प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बेहद खराब है. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं तो हैं, लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों की घोर कमी है. यहां सिर्फ एक डॉक्टर ही अपनी सेवा देते हैं. इस स्वास्थ्य केंद्र पर तीन पंचायत के लगभग 30 हजार की आबादी निर्भर है. इलाज के अभाव में यहां आने वाले मरीज को तत्काल सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य की जांच समेत कई तरह के सुविधा मुहैया कराए जाने की योजना थी. लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से स्वास्थ्य केंद्र अपने ही अस्तित्व की तलाश कर रहा है.

सरकारी दावे का पोल खोलता अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

सुविधाओं की घोर कमी

बता दें कि इस स्वास्थ्य केंद्र को एक साल पहले हेल्थ ऐंड वेलनेश के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था. जिसमें कई तरह के मरीजों को सुविधाओं देने के लिए बोर्ड लगाए गए थे. लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं मिलता. जांच घर में हमेशा ताले लगे रहते हैं. 6 बेड वाला यह स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन डॉक्टर और दो एएनएम पद स्थापित है. लेकिन पदस्थापना के बाद से दो चिकित्सक गायब हैं. जबकि एक ही चिकित्सक पर यह स्वास्थ्य केंद्र संचालित होता है.

सरकारी दावे का पोल खोलता अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

जांच की भी नहीं है कोई व्यवस्था

डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि पूरे जिले में डॉक्टरों की कमी है. जिसके लिए कई बार पत्राचार के माध्यम से विभाग को अवगत भी कराया गया है. लेकिन इसके बाद भी इसपर कोई सुनवाई नही हुई है. उन्होंने कहा कि यहां स्टाफ की घोर कमी है. एक ही डॉक्टर अपनी सेवा देते है. अगर स्टाफों और डॉक्टरों की तैनाती हो जाती तो व्यवस्था और अच्छी होती. साथ ही फर्मासिस्ट की कमी के कारण यहां जांच की व्यवस्था नही हो पाती है.

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अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों की घोर कमी
Intro:स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्र व राज्य सरकार बेहतर सेवाएं देने के लिए पानी की तरफ पैसे बहा रही है। बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हो पाती। हो भी कैसे जब स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर व कर्मी ही नही है। अब ऐसे में बेहतर सेवाएं देने के लिए सरकार की मंशा पर पानी फिरता हुआ नजर आता है।





Body:इसका ताजा उदाहरण माझा प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिलती है। इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं तो है लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों की घोर कमी से यह स्वास्थ्य केंद्र जूझ रहा है। यहां सिर्फ एक डॉक्टर ही अपनी सेवा देते है। इस केंद्र पर तीन पंचायत के लगभग 30 हजार की आबादी निर्भर है। यहां आने वाले मरीज को तत्काल सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है ऐसे में सिर्फ सर्दी और जुकाम के अलावे मरीजों को अन्य सुविधाओं देने में यह केंद्र पीछे छूट जाता है। इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य की जांच समेत कई तरह के सुविधा मुहैया कराए जाने की योजना थी। लेकिन विभागीय उदासीनता व सरकार के निरंकुशता के कारण स्वास्थ्य केंद्र अपने अस्तित्व तलाश रहा है। इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को एक वर्ष पहले हेल्थ ऐंड वेलनेश के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था जिसमें कई तरह के मरीजों को सुविधाओं देने के लिए लंबी बोर्ड लगी है। लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं मिलता जांच घर में हमेशा ताले लगे रहते है। 6 बेड वाला यह अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।।ज्ञातव्य हो इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन डॉक्टर व दो एएनएम पद स्थापित है। लेकिन पदस्थापना के बाद से दो चिकित्सक गायब हैं। जबकि एक चिकित्सक पर यह स्वास्थ्य केंद्र संचालित होते है। आए दिन टीकाकरण के काम को लेकर तो एक अन्य किसी और कामों को लेकर गायब हो जाती है। सिर्फ एक चिकित्सक ही मरीजों को स्वास्थ सुविधा देने की कोशिश करते हैं। इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कोई ठोस बाते नही बताई बल्कि उन्होंने कहा कि पूरे जिले में डॉक्टरों की कमी है कई बार पत्रचार के माध्यम से विभाग को अवगत कराया गया। लेकिन कोई सुनवाई नही हुई है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर संतोष कुमार ने कहा कि यहां स्टाफ की घोर कमी है एक ही डॉक्टर अपनी सेवा देते है। अगर स्टाफों व डॉक्टरो की तैनाती होती तो व्यवस्था और अच्छी होती।फर्मासिस्ट की कमी के कारण यहां जांच की व्यवस्था नही होती।


बाइट-डॉ संतोष कुमार, डॉक्टर(सामने रखी दवाइयां)
बाइट-डॉ नंदकिशोर सिंह, सिविल सर्जन


Conclusion:na
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