ETV Bharat / state

अगर आपकी कोई मनोकामना है तो यहां 5 सोमवार चढ़ाएं जल, फिर देखें चमत्कार - 2 सौ वर्ष पुराना है इस शिव मंदिर का इतिहास

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मंदिर का इतिहास मुगल साम्राज्य से भी पहले का है. बहुत पहले मुगलों द्वारा इस मंदिर को तोड़कर विलुप्त कर दिया गया था. वहीं, अंग्रेजों के शासन काल के दौरान गांव के हथुआ महाराज को सपना दिया था.

शिव शम्भू नाथ मंदिर
author img

By

Published : Aug 12, 2019, 8:40 PM IST

गोपालगंज: सावन के शुभ अवसर पर श्रद्धालु भगवान शिव को खुश करने में लगे हुए हैं. वहीं, सावन के आखिरी सोमवार पर जिले के शिव शम्भू नाथ मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े. यहां दूर-दूर से आए हजारों शिव भक्तों ने भोले को जल चढ़ाकर मंगलकामनाएं मांगी.

Gopalganj
शिवलिंग पर दुग्ध चढ़ाते श्रद्धालु

पूरी होती है मनोकामना
जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर कुसौंधी गांव में स्थित यह शिव मंदिर जिले का सुप्रसिद्ध मंदिर है. बतादें कि सावन के दौरान यहां भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने को पहुंचते हैं. लोगों का मानना है कि मंदिर के शिवलिंग पर 5 सोमवार लगातार जल चढ़ाने से हर मनोकामना पूरी होती है. वहीं, मंदिर में सावन के अलावा अन्य दिनों में भी भक्तों का तांता लगा रहता है.

शिव शम्भू नाथ मंदिर

2 सौ साल पुराना है मंदिर
मंदिर के पुजारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि यह मंदिर 2 सौ सालों से भी ज्यादा पुराना है. मंदिर परिसर में सैंकड़ो साल पुराना एक तालाब भी है. जिसमें मछलियां पली हुई हैं. अगर कोई इस तालाब को गंदा करता है या मछलियो को नुकसान पहुंचाता है तो उसका नुकसान होना निश्चित है.

Gopalganj
मंदिर का तालाब

'शिव ने दिया था सपना'
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मंदिर का इसका इतिहास मुगल साम्राज्य से भी पहले का है. बहुत पहले मुगलों द्वारा इस मंदिर को तोड़कर विलुप्त कर दिया गया था. वहीं, अंग्रेजों के शासन काल के दौरान गांव के हथुआ महाराज को सपना दिया था. सपने में उन्हें शिव ने बताया था कि यहां शिवलिंग मौजूद है. जिसके बाद महाराज द्वारा जगह की खुदाई करवाई गई. जिसमें एक शिवलिंग मिला. वहीं, महाराज द्वारा मंदिर का पुन: जीर्णोद्धार कर शिवलिंग की स्थापना की गई. तब से लेकर आज तक यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है.

Gopalganj
मंदिर परिसर में लगा बाजार

गोपालगंज: सावन के शुभ अवसर पर श्रद्धालु भगवान शिव को खुश करने में लगे हुए हैं. वहीं, सावन के आखिरी सोमवार पर जिले के शिव शम्भू नाथ मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े. यहां दूर-दूर से आए हजारों शिव भक्तों ने भोले को जल चढ़ाकर मंगलकामनाएं मांगी.

Gopalganj
शिवलिंग पर दुग्ध चढ़ाते श्रद्धालु

पूरी होती है मनोकामना
जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर कुसौंधी गांव में स्थित यह शिव मंदिर जिले का सुप्रसिद्ध मंदिर है. बतादें कि सावन के दौरान यहां भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने को पहुंचते हैं. लोगों का मानना है कि मंदिर के शिवलिंग पर 5 सोमवार लगातार जल चढ़ाने से हर मनोकामना पूरी होती है. वहीं, मंदिर में सावन के अलावा अन्य दिनों में भी भक्तों का तांता लगा रहता है.

शिव शम्भू नाथ मंदिर

2 सौ साल पुराना है मंदिर
मंदिर के पुजारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि यह मंदिर 2 सौ सालों से भी ज्यादा पुराना है. मंदिर परिसर में सैंकड़ो साल पुराना एक तालाब भी है. जिसमें मछलियां पली हुई हैं. अगर कोई इस तालाब को गंदा करता है या मछलियो को नुकसान पहुंचाता है तो उसका नुकसान होना निश्चित है.

Gopalganj
मंदिर का तालाब

'शिव ने दिया था सपना'
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मंदिर का इसका इतिहास मुगल साम्राज्य से भी पहले का है. बहुत पहले मुगलों द्वारा इस मंदिर को तोड़कर विलुप्त कर दिया गया था. वहीं, अंग्रेजों के शासन काल के दौरान गांव के हथुआ महाराज को सपना दिया था. सपने में उन्हें शिव ने बताया था कि यहां शिवलिंग मौजूद है. जिसके बाद महाराज द्वारा जगह की खुदाई करवाई गई. जिसमें एक शिवलिंग मिला. वहीं, महाराज द्वारा मंदिर का पुन: जीर्णोद्धार कर शिवलिंग की स्थापना की गई. तब से लेकर आज तक यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है.

Gopalganj
मंदिर परिसर में लगा बाजार
Intro:कहते हैं मनुष्य हमेशा से ही अबूझ पहेली तथा रहस्य को जानने के लिए उत्सुक रहता है। और यही उत्सुकता आकर्षण का केंद्र बन जाता है। कुछ ऐसा ही रहस्य व अद्भुत कहानी गोपालगंज जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर कुसौंधी गांव की इस शिवालय की है। जहां भगवान भोलेनाथ का मंदिर 2सौ वर्ष पूर्व की है। यहां कई रहस्यमई चीजें आज भी विद्यमान है। लोगों का कहना है कि यहां जो भी भक्त 5 सोमवार को जलाअर्पण करते हैं उनके हर मन्नते पूरी होती है। साथ ही यहां मौजूद तालाब किसी आश्चर्य से कम नहीं इस तालाब में जो भी गंदगी फैलाता है। या इसकी मछलियां जो निकलता है उसका विनाश होना स्वभाविक है।


Body:स्थानीय लोगों की मानें तो इसका इतिहास मुगल साम्राज्य के पहले का है। जब मुगलो द्वारा सभी मंदिरों को तोड़ जा रहा था जिसमे यह भी मंदिर सामिल था। और इस मंदिर को भी तोड़ कर विलुप्त कर दिया गया था। लेकिन जब अंग्रेजों का शासन काल आया तब हथुआ महाराज के स्वपन में इस जगह पर भगवान भोले नाथ ने बताया कि यहां मेरा स्थान है और मेरा स्थान दो तब महाराजा ने इस जगह की खुदाई कराई जिसमे एक शिवलिंग मिला जिसके बाद यहां पुनः मंदिर का जीर्णोद्धार कर भगवान भोले नाथ का शिव लिंग स्थापित की गई। तब से लेकर आज तक यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर में भगवान भोले नाथ के पूजा अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ लगती है। धीरे धीरे इसकी ख्याति दूर दूर तक फैल गई और लोग अपने मन्नते पूर्ण करने के लिए यहां पहुंचने लगे।





Conclusion:na
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.