गोपालगंज : लेह में बर्फबारी के चलते हुए एक सड़क हादसे में गोपालगंज के लाल एनएसजी कमांडो दीपक शहीद (Shaheed NSG Commando Deepak Singh ) हो गये. उसका पार्थिव शरीर उसके पैतृक गांव भड़कुइयां पहुंचा. तिरंगे में लिपटे शव को देखकर मां बेहोश हो गईं. पत्नी ने सुधबुध खो दिया. शहीद जवान के भाई दीपक कॉफिन से लिपटकर रोने लगे. आसपास के सैकड़ों लोग उनके द्वार पर जुटने लगे. अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. लोग इस दौरान 'भारत माता की जय', 'वीर सपूत दीपक सिंह अमर रहे', और 'अमर शहीद जवान' के नारे लगा रहे थे.
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लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर बरसाए फूल: शव यात्रा पूरे बाजार के बीच से होकर गुजरी. अंतिम विदाई के दौरान शहीद के पार्थिव शरीर पर लोग अपने-अपने छतों से फूलों की बरसात कर रहे थे. जो जहां था वहीं से शहीद दीपक को श्रद्धांजलि दे रहा था. शहीद दीपक के पार्थिव शरीर को उनके पिता ने मुखाग्नि दी. इस दौरान वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं. शहीद दीपक की मां मीना देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. वो बस एक ही रट लगाए हुए हैं कि- 'हमार बबुआ कहां गइलन हो.. अब हम कैसे जियब हो..'
''मैं एक वीर की पत्नी हूं, शहीद दीपक सिंह को मेरा सेल्यूट है. उनको मेरा नमन है. मेरे पति देश की सेवा करते-करते शहीद हो गए. उन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. मैं उनकी इकलौती बेटी को भी उन्हीं के मार्ग में चलने के लिए प्रेरित करूंगी''- माधुरी, शहीद दीपक की पत्नी
'शहीद NSG कमांडो पति पर फक्र' : पत्नी माधुरी अपने पति को खोने के बाद कहा कि मुझे एनएसजी कमाण्डो की पत्नी होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. ये सौभाग्य सभी लोगों को नहीं मिलता. मैं एक वीर जवान की पत्नी हूँ और मैं उनके शहादत पर उन्हें सलाम करती हूं. अपनी एकलौती बेटी को भी उन्हीं के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करूंगी.
4 जनवरी को लेह में हुआ था हादसा: बता दें कि बीते चार जनवरी की सुबह लद्दाख के लेह में भारी बर्फबारी हो रही थी. कैंप से कार चलाकर प्रहलाद सिंह के पुत्र दीपक सिंह ट्रेनिंग कैंप जा रहे थे, उनके साथ चार अन्य जवान भी कार में सवार थे. अचानक बर्फबारी की वजह से कार दुर्घटनाग्रस्त होकर गहरे खाई में जा गिरी, जिसमें दीपक सिंह की मौत हो गई.
2011 में हुए थे NSG में भर्ती: मौत होने की सूचना के बाद बरौली में हर तरफ मायूसी है. शहीद जवान के भाई विनोद सिंह ने बताया कि दीपक कुमार 2011 में देश सेवा में एनएसजी जवान बना था. पिछले नवंबर तक उनकी ड्यूटी अमरनाथ में थी, अमरनाथ से हटने के बाद वे घर आए थे. इसके बाद उनकी तैनाती लेह में थी. उनकी शादी 2014 में पूर्वी चंपारण के चकिया प्रखंड के माधोपुर छपरा गांव में माधुरी के साथ शादी हुई थी. उनकी एक बच्ची आराध्या है.