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गंडक में उफानः कहीं फिर टूट ना जाए 70 घाट पुल की सड़क, बचाने के लिए यह है तैयारी - फैजलापुर घाट

गंडक नदी में उफान है. कई तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. पिछले साल गोपालगंज के 70 घाट पुल का एप्रोच पथ टूटने से सियासी घमासान शुरू हो गया था. नीतीश सरकार घिर गई थी. इस साल बढ़ते जलस्तर को देखते ही पहले से तैयारी कर ली गई है. एप्रोच के सड़क को तीन जगहों से काट दिया जाएगा. पढ़ें रिपोर्ट.

सत्तर घाट पुल
सत्तर घाट पुल
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Published : Jun 16, 2021, 8:32 PM IST

पटनाः गोपालगंज में गंडक नदी पर बने 70 घाट पुल का एप्रोच पथ (Approach Path Of 70 Ghat Bridge) पिछली साल की तरह ना टूटे. इसको लेकर पहले ही तैयारी शुरू कर दी गई है. बता दें कि फैजलापुर घाट (Faijlapur Ghat) से पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया के बीच पिछले साल बारिश और बाढ़ के वक्त एप्रोच पथ टूट गया था. जिससे काफी लोग प्रभावित हो गए थे. इसको लेकर पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस ने संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जानकारी दी है.

यह भी पढ़ें- सत्तर घाट पुल पर घिरी सरकार: 'बाढ़ के पानी में बह गया सुशासन बाबू का विकास'

सड़क के तीन स्थानों पर काटा जाएगा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जानकारी दी गई है कि 70 घाट पुल के पहुंच पथ में 810 मीटर लंबाई में कुल 3 स्थानों पर काटा जाएगा. जिससे तटबंध पर दबाव कम हो सके. अमृत लाल मीणा ने जानकारी दी है कि अतिरिक्त वाटर वे प्रदान करने की अनुशंसा अभियंताओं और एनआईटी पटना के विशेषज्ञ दल के द्वारा दी गई है.

70 घाट पुल का टूटा एप्रोच पथ
70 घाट पुल का टूटा एप्रोच पथ

तीनों जगहों पर बनेगा नया पुल
जल संसाधन विभाग और पथ निर्माण विभाग में संयुक्त रूप से इस पर सहमति बनी है कि इस अनुशंसा पर कार्रवाई की जाएगी. ताकि गंडक नदी के तटबंधों पर पानी का दबाव कम रहे. पहुंच पथ जहां से काटा जाएगा वहां पर 3 नए पुल का निर्माण होगा. नए तीन पुलों का निर्माण मानसून के बाद कराया जाएगा. दोनों विभागों ने निर्णय लिया है कि इस मानसून में गंडक नदी के जल प्रवाह में अप्रत्याशित वृद्धि होने की स्थिति में 70 घाट पुल के पहुंच पथ में जिन स्थानों पर अतिरिक्त पुल का निर्माण किए जाने की अनुशंसा प्राप्त हुई है. उन स्थानों पर पानी निकालने हेतु कटाव किया जाएगा.

नक्शे में समझाया गया, कहां-कहां काटी जाएगी सड़क
नक्शे में समझाया गया, कहां-कहां काटी जाएगी सड़क

यह भी पढ़ें- गोपालगंज में टूटा एप्रोच पथ, पटना में चरम पर सियासत

तटबंधों पर पानी का दबाव होगा कम
इससे गंडक नदी के तटबंधों पर पानी के दबाव को कम किया जा सके. फलस्वरूप बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हो. इस निर्णय के अनुपालन के लिए दोनों विभागों के बड़े अधिकारियों द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है. गंडक नदी के जलस्तर में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि के मद्देनजर पहुंच पथ को काटकर जल प्रवाह व्यवस्था की जा रही है. इस अवधि में 70 घाट पुल पर आवागमन बंद रहेगा. मंगला घाट पुल से आवागमन जारी रहेगा.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक

रामजानकी सेतु का उद्घाटन
16 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस रामजानकी सेतु का उद्घाटन किया था. यह सेतु गोपालगंज और पूर्वी चंपारण को जोड़ता है. 1440 मीटर लंबे इस महासेतु का उद्घाटन होने से गोपालगंज, सारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी तथा शिवहर जिलों के बीच आवागमन सुगम हो गया. साथ ही सारण और पूर्वी चंपारण जिलों की दूरी काफी कम हो गई थी.

यह भी पढ़ें- देखें Video: गंडक ने चलाया अपना 'बुलडोजर', ऐसे बह गया सत्तरघाट पुल का एप्रोच पथ

निर्माण कंपनी पर अनियमितता का लगा था आरोप
इस पुल को जोड़ने वाला एप्रोज पथ गंडक की तेज धारा के कारण ध्वस्त हो गया था. जिससे दोनों जिले के बीच का आवागमन बाधित हो गया था. वहीं स्थानीय लोगों ने निर्माण कंपनी पर कार्य मे अनियमितता का आरोप लगाया था.

वशिष्ठा कंपनी को मिला था पुल निर्माण का जिम्मा
बता दें कि वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा पुल एवं 9.1 किलोमीटर फैजलापुर से चंपारण के लाला छापर के बीच संपर्क पथ का निर्माण साल 2012 में शुरू किया गया था. पुल को बनाने में 8 साल का वक्त लगा था. 16 जून 2020 को इस रामजानकी सेतु का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था. अधिकारियों ने बताया कि यह सड़क मुख्य रूप से पूर्वी चंपारण के केसरिया और बैकुंठपुर को जोड़ता है. पुल, पुलिया और संपर्क पथ के निर्माण में 263.48 करोड़ की राशि खर्च की गई थी.

कुछ ऐसे टूट गया था पुल का एप्रोच पथ
कुछ ऐसे टूट गया था पुल का एप्रोच पथ

तेजस्वी ने कसा था तंज
70 घाट पुल मामले में तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि 'आरसीपी टैक्स' के कारण बिहार में पुल टूट रहे हैं. इस पर पक्ष ने भी जवाब दिया था. पक्ष और विपक्ष के कई नेता आमने-सामने हो गए थे. बता दें कि स्थिति का जायजा लेने को कई अधिकारी के साथ कुछ नेता भी पहुंचे थे. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी थे. वहीं बयानबाजी का दौर कुछ इस तरह का चला था, जिसमें नीतीश सरकार घिर गई थी. तेजस्वी यादव ने पथ निर्माण मंत्री तक को बर्कास्त करने की मांग कर दी थी.

जायजा लेने पहुंचे थे अमृत लाल मीणा
जायजा लेने पहुंचे थे अमृत लाल मीणा

यह भी पढ़ें- बोले तेजस्वी यादव- पथ निर्माण मंत्री को तुरंत बर्खास्त करें CM नीतीश

जदयू ने दिया था तेजस्वी को जवाब
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि भ्रष्टाचार आरजेडी का संस्कार है और संस्कृति भी. तेजस्वी यादव को भ्रष्टाचार को लेकर कुछ बोलने का हक नहीं है. गोपालगंज बांध के कटाव का जहां तक मामला है तो नीतीश सरकार में पुल-पुलियों को लेकर जितने काम हुए हैं, सब जानते हैं. अगर इस मामले में कुछ भी होगा तो जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

यह भी पढ़ें- सत्तर घाट पुल को लेकर JDU का तेजस्वी पर पलटवार, भ्रष्टाचार तो RJD की संस्कृति और संस्कार

जाप प्रमुख पप्पू यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया था वार
जाप प्रमुख पप्पू यादव ने सत्तर घाट मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की थी. गोपालगंज पहुंचे पप्पू यादव ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि सत्तर घाट का कनेक्शन इलेक्शन से है. उन्होंने ये भी कहा था कि नीतीश कुमार को थोड़ी भी शर्म है, तो सत्तर घाट की जांच वर्तमान न्यायधीश से कराएं. साथ ही उन्होंने पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की थी.

यह भी पढ़ें- पप्पू का CM नीतीश पर प्रहार, 'थोड़ी भी शर्म हो तो सत्तर घाट मामले की वर्तमान न्यायाधीश से कराएं जांच'

यह भी पढ़ें- गोपालगंज स्थित सत्तरघाट पुल एप्रोच रोड ध्वस्त होने पर निर्माण कंपनी मौन

यह भी पढ़ें- ध्वस्त अप्रोच पथ का जायजा लेने पहुंचे यशवंत सिन्हा, कहा- CM नीतीश पर हो केस दर्ज

यह भी पढ़ें- टूटे पुल पर पथ निर्माण विभाग की दलील- 'ये प्राकृतिक आपदा, नहीं हुई कोई अनियमितता'

यब भी पढ़ें- CM के कार्यक्रम पर RJD का वार, कहा- जल्दबाजी में न हो जाए सत्तर घाट पुल जैसा हाल

पटनाः गोपालगंज में गंडक नदी पर बने 70 घाट पुल का एप्रोच पथ (Approach Path Of 70 Ghat Bridge) पिछली साल की तरह ना टूटे. इसको लेकर पहले ही तैयारी शुरू कर दी गई है. बता दें कि फैजलापुर घाट (Faijlapur Ghat) से पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया के बीच पिछले साल बारिश और बाढ़ के वक्त एप्रोच पथ टूट गया था. जिससे काफी लोग प्रभावित हो गए थे. इसको लेकर पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस ने संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जानकारी दी है.

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सड़क के तीन स्थानों पर काटा जाएगा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जानकारी दी गई है कि 70 घाट पुल के पहुंच पथ में 810 मीटर लंबाई में कुल 3 स्थानों पर काटा जाएगा. जिससे तटबंध पर दबाव कम हो सके. अमृत लाल मीणा ने जानकारी दी है कि अतिरिक्त वाटर वे प्रदान करने की अनुशंसा अभियंताओं और एनआईटी पटना के विशेषज्ञ दल के द्वारा दी गई है.

70 घाट पुल का टूटा एप्रोच पथ
70 घाट पुल का टूटा एप्रोच पथ

तीनों जगहों पर बनेगा नया पुल
जल संसाधन विभाग और पथ निर्माण विभाग में संयुक्त रूप से इस पर सहमति बनी है कि इस अनुशंसा पर कार्रवाई की जाएगी. ताकि गंडक नदी के तटबंधों पर पानी का दबाव कम रहे. पहुंच पथ जहां से काटा जाएगा वहां पर 3 नए पुल का निर्माण होगा. नए तीन पुलों का निर्माण मानसून के बाद कराया जाएगा. दोनों विभागों ने निर्णय लिया है कि इस मानसून में गंडक नदी के जल प्रवाह में अप्रत्याशित वृद्धि होने की स्थिति में 70 घाट पुल के पहुंच पथ में जिन स्थानों पर अतिरिक्त पुल का निर्माण किए जाने की अनुशंसा प्राप्त हुई है. उन स्थानों पर पानी निकालने हेतु कटाव किया जाएगा.

नक्शे में समझाया गया, कहां-कहां काटी जाएगी सड़क
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तटबंधों पर पानी का दबाव होगा कम
इससे गंडक नदी के तटबंधों पर पानी के दबाव को कम किया जा सके. फलस्वरूप बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हो. इस निर्णय के अनुपालन के लिए दोनों विभागों के बड़े अधिकारियों द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है. गंडक नदी के जलस्तर में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि के मद्देनजर पहुंच पथ को काटकर जल प्रवाह व्यवस्था की जा रही है. इस अवधि में 70 घाट पुल पर आवागमन बंद रहेगा. मंगला घाट पुल से आवागमन जारी रहेगा.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक
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रामजानकी सेतु का उद्घाटन
16 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस रामजानकी सेतु का उद्घाटन किया था. यह सेतु गोपालगंज और पूर्वी चंपारण को जोड़ता है. 1440 मीटर लंबे इस महासेतु का उद्घाटन होने से गोपालगंज, सारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी तथा शिवहर जिलों के बीच आवागमन सुगम हो गया. साथ ही सारण और पूर्वी चंपारण जिलों की दूरी काफी कम हो गई थी.

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वशिष्ठा कंपनी को मिला था पुल निर्माण का जिम्मा
बता दें कि वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा पुल एवं 9.1 किलोमीटर फैजलापुर से चंपारण के लाला छापर के बीच संपर्क पथ का निर्माण साल 2012 में शुरू किया गया था. पुल को बनाने में 8 साल का वक्त लगा था. 16 जून 2020 को इस रामजानकी सेतु का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था. अधिकारियों ने बताया कि यह सड़क मुख्य रूप से पूर्वी चंपारण के केसरिया और बैकुंठपुर को जोड़ता है. पुल, पुलिया और संपर्क पथ के निर्माण में 263.48 करोड़ की राशि खर्च की गई थी.

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तेजस्वी ने कसा था तंज
70 घाट पुल मामले में तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि 'आरसीपी टैक्स' के कारण बिहार में पुल टूट रहे हैं. इस पर पक्ष ने भी जवाब दिया था. पक्ष और विपक्ष के कई नेता आमने-सामने हो गए थे. बता दें कि स्थिति का जायजा लेने को कई अधिकारी के साथ कुछ नेता भी पहुंचे थे. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी थे. वहीं बयानबाजी का दौर कुछ इस तरह का चला था, जिसमें नीतीश सरकार घिर गई थी. तेजस्वी यादव ने पथ निर्माण मंत्री तक को बर्कास्त करने की मांग कर दी थी.

जायजा लेने पहुंचे थे अमृत लाल मीणा
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जदयू ने दिया था तेजस्वी को जवाब
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि भ्रष्टाचार आरजेडी का संस्कार है और संस्कृति भी. तेजस्वी यादव को भ्रष्टाचार को लेकर कुछ बोलने का हक नहीं है. गोपालगंज बांध के कटाव का जहां तक मामला है तो नीतीश सरकार में पुल-पुलियों को लेकर जितने काम हुए हैं, सब जानते हैं. अगर इस मामले में कुछ भी होगा तो जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

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जाप प्रमुख पप्पू यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया था वार
जाप प्रमुख पप्पू यादव ने सत्तर घाट मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की थी. गोपालगंज पहुंचे पप्पू यादव ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि सत्तर घाट का कनेक्शन इलेक्शन से है. उन्होंने ये भी कहा था कि नीतीश कुमार को थोड़ी भी शर्म है, तो सत्तर घाट की जांच वर्तमान न्यायधीश से कराएं. साथ ही उन्होंने पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की थी.

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