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गोपालगंज: राजेंद्र बस स्टैंड में पैदल चलना मुहाल, पूरे परिसर में है कीचड़ का अंबार

नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि लगभग साल भर पहले 4 करोड़ रुपये की लागत से राजेंद्र बस स्टैंड को हाईटेक बनाने के लिए प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा गया है. विभाग ने इसे स्वीकृति भी दे दी है, लेकिन राशि का आवंटन अभी तक नहीं हुआ है.

गोपालगंज
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Published : Sep 26, 2019, 1:38 PM IST

गोपालगंज: पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर बना राजेन्द्र बस स्टैंड बदहाली का शिकार हो गया है. यात्री सुविधाएं यहां से नदारद हैं. बरसात के दिनों में स्टैंड में जल जमाव होता है. जिससे पूरे परिसर में कीचड़ का अंबार है. पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. स्टैंड पर सुरक्षा को लेकर भी कोई इंतजाम नहीं है.

गोपालगंज
स्टैंड में कीचड़ का अंबार

जर्जर यात्री शेड से गिरता है मलवा
स्टैंड में बना यात्री शेड जर्जर हो चुका है. शेड के छज्जे से सरिया बाहर आ निकला है. छत का मलवा जब-तब गिरता रहता है. जिसकी चपेट में आने से आए दिन यात्री घायल होते रहते हैं. यात्रियों ने बताया कि शेड के जर्जर होने की वजह से यहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. उन्होंने बताया कि यात्री के हिसाब से यहां पर बैठने की व्यवस्था भी नाकाफी हैं.

गोपालगंज
राजेंद्र बस स्टैंड का जर्जर यात्री शेड

जलजमाव से यात्री परेशान
बारिश के दिनों में स्टैंड परिसर में जलजमाव बहुत आम बात है. जलजमाव की वजह से यात्रियों को आने-जाने में परेशानी होती है. लंबे समय तक पानी जमा होने से परिसर में कीचड़ का अंबार हो गया है. परिसर में कई जगहों पर तालाब जैसे नजारे हैं. सरकार का स्वस्छ भारत मिशन यहां आकर दम तोड़ देता है. स्टैड में जहां-तहां लगी कूड़े की ढेर बीमारियों को न्योता दे रहा है.

पेश है रिपोर्ट

पानी और सुरक्षा का भी इंतजाम नहीं
यात्रियों का कहना है कि स्टैंड में बुनियादी सुविधा भी नहीं हैं. यहां पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों को पानी खरीद कर पीना पड़ता है. सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. रात में स्टैंड असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है. असामाजिक तत्व यहां नशा करते हैं. जिससे रात में सफर करने वाले यात्री असहज और असुरक्षित महसूस करते हैं. खासकर महिला यात्री डर के साए में होती हैं.

गोपालगंज
बस स्टैंड में जल जमाव

जिले का है प्रमुख बस स्टैंड
यह स्टैंड जिले का एकमात्र मुख्य बस स्टैंड है जहां से पटना, मुजफ्फरपुर, सिलीगुड़ी, दिल्ली, गुवाहाटी और रांची के लिए बस चलती है. स्टैंड से नगर परिषद को लाखों की आमदनी है. फिर भी यहां यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है.

गोपालगंज
ईटीवी से बात करते नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी

नगर परिषद के चेयरमैन दे रहे हैं सफाई
नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि लगभग साल भर पहले 4 करोड़ रुपये की लागत से राजेंद्र बस स्टैंड को हाईटेक बनाने के लिए प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा गया है. विभाग ने इसे स्वीकृति भी दे दी है. लेकिन राशि का आवंटन अभी तक नहीं हुआ है. राशि आवंटित होते ही इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू हो जाएगा.

गोपालगंज: पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर बना राजेन्द्र बस स्टैंड बदहाली का शिकार हो गया है. यात्री सुविधाएं यहां से नदारद हैं. बरसात के दिनों में स्टैंड में जल जमाव होता है. जिससे पूरे परिसर में कीचड़ का अंबार है. पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. स्टैंड पर सुरक्षा को लेकर भी कोई इंतजाम नहीं है.

गोपालगंज
स्टैंड में कीचड़ का अंबार

जर्जर यात्री शेड से गिरता है मलवा
स्टैंड में बना यात्री शेड जर्जर हो चुका है. शेड के छज्जे से सरिया बाहर आ निकला है. छत का मलवा जब-तब गिरता रहता है. जिसकी चपेट में आने से आए दिन यात्री घायल होते रहते हैं. यात्रियों ने बताया कि शेड के जर्जर होने की वजह से यहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. उन्होंने बताया कि यात्री के हिसाब से यहां पर बैठने की व्यवस्था भी नाकाफी हैं.

गोपालगंज
राजेंद्र बस स्टैंड का जर्जर यात्री शेड

जलजमाव से यात्री परेशान
बारिश के दिनों में स्टैंड परिसर में जलजमाव बहुत आम बात है. जलजमाव की वजह से यात्रियों को आने-जाने में परेशानी होती है. लंबे समय तक पानी जमा होने से परिसर में कीचड़ का अंबार हो गया है. परिसर में कई जगहों पर तालाब जैसे नजारे हैं. सरकार का स्वस्छ भारत मिशन यहां आकर दम तोड़ देता है. स्टैड में जहां-तहां लगी कूड़े की ढेर बीमारियों को न्योता दे रहा है.

पेश है रिपोर्ट

पानी और सुरक्षा का भी इंतजाम नहीं
यात्रियों का कहना है कि स्टैंड में बुनियादी सुविधा भी नहीं हैं. यहां पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों को पानी खरीद कर पीना पड़ता है. सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. रात में स्टैंड असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है. असामाजिक तत्व यहां नशा करते हैं. जिससे रात में सफर करने वाले यात्री असहज और असुरक्षित महसूस करते हैं. खासकर महिला यात्री डर के साए में होती हैं.

गोपालगंज
बस स्टैंड में जल जमाव

जिले का है प्रमुख बस स्टैंड
यह स्टैंड जिले का एकमात्र मुख्य बस स्टैंड है जहां से पटना, मुजफ्फरपुर, सिलीगुड़ी, दिल्ली, गुवाहाटी और रांची के लिए बस चलती है. स्टैंड से नगर परिषद को लाखों की आमदनी है. फिर भी यहां यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है.

गोपालगंज
ईटीवी से बात करते नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी

नगर परिषद के चेयरमैन दे रहे हैं सफाई
नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि लगभग साल भर पहले 4 करोड़ रुपये की लागत से राजेंद्र बस स्टैंड को हाईटेक बनाने के लिए प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा गया है. विभाग ने इसे स्वीकृति भी दे दी है. लेकिन राशि का आवंटन अभी तक नहीं हुआ है. राशि आवंटित होते ही इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू हो जाएगा.

Intro:पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर बना राजेन्द्र बस स्टैंड इन दिनों बदहाली के शिकार हो गया है। बदहाली ऐसी की यहां यात्रियों को दी जाने वाली व्यवस्था भी नदारद है। चारो ओर कीचड़ व गन्दगी के बीच सैकड़ों यात्री विभिन्न जगह सफर करने के लिए यहां पहुंच कर बस पकड़ते है। लेकिन विभागीय उदाशीनता के कारण यह स्टैंड आज बदहाली का दंश झेल रहा है। यह स्टैंड जिले के एकमात्र मुख्य बस स्टैंड है। इस स्टैंड में सूबे के राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर से लेकर सिलीगुड़ी, दिल्ली, गुवाहाटी तथा रांची के लिए बस चलती है। हर साल इस स्टैंड की बंदोबस्ती से नगर परिषद को लाखों रुपए की आय होती है। लेकिन इसके बाद भी इस स्टैंड में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है ।


Body:यहां न तो यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था है। और ना ही बसों को खड़ा करने के लिए कोई सिस्टम। पूरे स्टैंड परिसर में कीचड़ ही कीचड़ दिखाइ देता है। बारिश होने पर यहां जलजमाव की स्थिति उतपन्न हो जाती है। बस यात्रियों के माने तो यहां यात्रियों के लिए किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नही कराई गई है। यहां हमेशा कीचड़ चारो ओर फैली गंदगी से यहां रहना मुश्किल हो जाता है। यात्रियों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था नही है यात्री सेड जर्जर होकर टूट टूट कर गिर रहे है। नशाखुरानीयो का यह अड्डा बना हुआ है। बावजूद प्रशासनिक कार्यवाई नही होती। हलांकि यात्रियों के परेशानी को देखते हुए 2 साल पहले बस स्टैंड परिसर में वातानुकूलित भवन बनाए जाने की नगर परिषद नई योजनाएं बनाई। यात्रियों के बैठने की बढ़िया व्यवस्था से लेकर टीवी भी लगाया जाना था। डिस्प्ले पर बस के बारे में सूचना देने से लेकर बस स्टैंड परिसर में मॉल भी बनाए जाना थान है जहां रेस्टोरेंट्स से लेकर यात्रियों की सुरक्षा के सभी सामान मिलने की उम्मीद जगी थी। इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए यहां वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई इसके लिए 4.50 करोड़ की योजना तैयार कर नगर परिषद ने स्वीकृति के लिए नगर विकास विभाग को भेज दिया। लेकिन योजना विभाग के फ़ाइलों में ही रह गई है। हालांकि इस बीच 6 माह पहले नगर विभाग विकास विभाग ने नगर परिषद की राजेंद्र बस स्टैंड का कायाकल्प करने के लिए फिर से प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद नगर परिषद ने नया प्रस्ताव विभाग को भेज दिया लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी अब तक नगर विकास विभाग ने इस योजना को अपनी स्वीकृति नही दी है। इस संदर्भ में नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि राजेंद्र बस स्टैंड का कायाकल्प योजना विकास विभाग में फस गई 4.50 करोड़ की राशि से राजेंद्र बस स्टैंड को हाईटेक बनाने की योजना 2 साल पहले तैयार की गई थी।लेकिन पैसे नही उपलब्ध कराने के कारण इसके सौंदर्यीकरण नही हो सका अब राशि के आने का इंतेजार है।

बाइट-हरेंद्र चौधरी, चेयरमैन नगर परिषद
बाइट-अरविंद कुमार, यात्री,चेक शर्ट
बाइट-विकास कुमार,काला शर्ट




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