ETV Bharat / state

गोपालगंज: प्रिंसिपल की पहल पर बदली इस स्कूल की तस्वीर, बना इलाके का आदर्श विद्यालय

हथुआ प्रखण्ड का राजकीय मध्य विद्यालय के प्रिंसिपल सुभाष चन्द्र सिंह ने स्कूल की तस्वीर बदल कर रख दी है. उनकी पहल से अब स्कूल अपने इलाके में आदर्श विद्यालय के रूप में जाना जाता है.

राजकीय मध्य विद्यालय
author img

By

Published : Sep 19, 2019, 10:55 AM IST

गोपालगंज: जिला मुख्यालय से करीब 28 किलो मीटर दूर हथुआ प्रखण्ड का बरवा कपरपूरा के राजकीय मध्य विद्यालय चर्चा का विषय बना है. दरअसल नए प्राचार्य के आने के बाद स्कूल में आमूलचूल परिवर्तन आया है. आज ये विद्यालय अपने इलाके में आदर्श विद्यालय के रूप में जाना जाता है.

पेश है रिपोर्ट

स्कूल में नहीं था अनुशासन
स्कूल की स्थापना वर्ष 1975 में हुई थी. इसके बाद आसपास के बच्चे यहां पढ़ने आते थे. लेकिन स्कूल में अनुशासन नहीं था. बच्चे अपनी मर्जी से आते-जाते थे. ना तो स्कूल में पंखे थे ना ही पीने का साफ पानी. चारों ओर गंदगी फैली रहती थी. 2018 तक ये सिलसिला चलता रहा. फरवरी 2018 में स्कूल में वर्तमान प्रिंसिपल सुभाष चन्द्र सिंह ने अपना योगदान दिया और फिर इसके बाद की कहानी मिसाल बन गई.

middle school in gopalganj
मिड-डे-मिल के पहले प्रार्थना करतीं छात्राएं

बेहतर मैनेजमेंट से बदली स्कूल की काया
प्रिंसिपल ने बेहतर मैनेजमेंट से स्कूल की काया पलट कर दी. इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 395 जबकि शिक्षकों की संख्या 14 है. यहां मैनेजमेंट स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित है. शुद्ध और ताजी हवा के साथ ही ठंडी हवा के लिए एक से बढ़कर एक पेड़ लगाए गए हैं. स्कूल परिसर में बागवानी की गई है. तरह तरह के फूल और क्रोटन के पौधे लगाए गए हैं. साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया है.

middle school in gopalganj
बेहतर शिक्षा देने के लिए शिक्षकों से चर्चा करते प्रिंसिपल

'विद्यालय की तस्वीर बदल कर ही लेंगे दम'
प्राचार्य सुभाषचंद्र बताते हैं कि जब उन्होंने इस विद्यालय में योगदान दिया तब यहां की हालत अच्छी नहीं थी. इसपर उनके मन मे कई तरह के ख्याल आए. तब इन्होंने यह ठान लिया कि इस विद्यालय की तस्वीर बदल कर ही दम लेंगे. छात्र-छात्राओं को अच्छे माहौल में शिक्षा दी जाएगी. प्राचार्य की पहल पर हर क्लास में पंखे और शिक्षकों की मदद से आरओ मशीन भी लगाए गए हैं. अक्सर बेहतर शिक्षा देने के लिए प्राचार्य शिक्षकों से चर्चा भी करते हैं.

गोपालगंज: जिला मुख्यालय से करीब 28 किलो मीटर दूर हथुआ प्रखण्ड का बरवा कपरपूरा के राजकीय मध्य विद्यालय चर्चा का विषय बना है. दरअसल नए प्राचार्य के आने के बाद स्कूल में आमूलचूल परिवर्तन आया है. आज ये विद्यालय अपने इलाके में आदर्श विद्यालय के रूप में जाना जाता है.

पेश है रिपोर्ट

स्कूल में नहीं था अनुशासन
स्कूल की स्थापना वर्ष 1975 में हुई थी. इसके बाद आसपास के बच्चे यहां पढ़ने आते थे. लेकिन स्कूल में अनुशासन नहीं था. बच्चे अपनी मर्जी से आते-जाते थे. ना तो स्कूल में पंखे थे ना ही पीने का साफ पानी. चारों ओर गंदगी फैली रहती थी. 2018 तक ये सिलसिला चलता रहा. फरवरी 2018 में स्कूल में वर्तमान प्रिंसिपल सुभाष चन्द्र सिंह ने अपना योगदान दिया और फिर इसके बाद की कहानी मिसाल बन गई.

middle school in gopalganj
मिड-डे-मिल के पहले प्रार्थना करतीं छात्राएं

बेहतर मैनेजमेंट से बदली स्कूल की काया
प्रिंसिपल ने बेहतर मैनेजमेंट से स्कूल की काया पलट कर दी. इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 395 जबकि शिक्षकों की संख्या 14 है. यहां मैनेजमेंट स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित है. शुद्ध और ताजी हवा के साथ ही ठंडी हवा के लिए एक से बढ़कर एक पेड़ लगाए गए हैं. स्कूल परिसर में बागवानी की गई है. तरह तरह के फूल और क्रोटन के पौधे लगाए गए हैं. साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया है.

middle school in gopalganj
बेहतर शिक्षा देने के लिए शिक्षकों से चर्चा करते प्रिंसिपल

'विद्यालय की तस्वीर बदल कर ही लेंगे दम'
प्राचार्य सुभाषचंद्र बताते हैं कि जब उन्होंने इस विद्यालय में योगदान दिया तब यहां की हालत अच्छी नहीं थी. इसपर उनके मन मे कई तरह के ख्याल आए. तब इन्होंने यह ठान लिया कि इस विद्यालय की तस्वीर बदल कर ही दम लेंगे. छात्र-छात्राओं को अच्छे माहौल में शिक्षा दी जाएगी. प्राचार्य की पहल पर हर क्लास में पंखे और शिक्षकों की मदद से आरओ मशीन भी लगाए गए हैं. अक्सर बेहतर शिक्षा देने के लिए प्राचार्य शिक्षकों से चर्चा भी करते हैं.

Intro:बिहार के गोपालगंज जिला मुख्यालय से करीब 28 किलो मीटर दूर मिडिल स्कूल में बच्चो स्वच्छ वातावरण, साफ सफाई, व अनुभवी शिक्षकों के मार्गदर्शन में शिक्षा ग्रहण करते है यहां के बच्चो में अनुशासनता कूट कूट कर भरी हुई है। आज ये विद्यालय अपने इलाके में आदर्श विद्यालय के रूप में जाना जाता है। और ये सब सम्भव हुआ है इस विद्यालय में पदस्थापित प्राध्यानाध्यपक के सच्ची सोच व लगन के बदौलत।


Body:हम बात कर रहे है हथुआ प्रखण्ड के बरवा कपरपूरा के में बने राजकीय मध्य विद्यालय की। इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1975 को गाँव के ही स्व हरिहर प्रसाद द्वारा दिये गए दान खव जमीन पर हुई थी। तब से यहां आस पास के छात्र छात्राएं पढ़ने आते थे। इस विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र अपने मन के मुतावित कार्य करते कभी मन करता तो पढ़ने आते कभी मन करता तो नही आते। कुछ छात्र स्कूल आते भी थे तो आधे समय के बाद अपने घर चले जाते थे। लेकिन स्कूल के शिक्षक द्वारा कोई पहल नही की जाती। इतना ही नही इस विद्यालय में गन्दगी पसरी रहती थी। छात्र छात्राओं को पानी पीने की व्यवस्था नही थी।किसी भी वर्ग में पंखे नही थे।।जिसके कारण गर्मी के दिनों में छात्र काफी परेशान होते थे। ये सब सिलसिला लगातर वर्ष 2018 तक चला। तभी इस विद्यालय में वैसे शिक्षक का आगमन हुआ जो ना सिर्फ इन विद्यालय की तस्वीर बदल दी बल्कि छात्रो व शिक्षकों में पढ़ने व पढ़ाने का ललक जगाया। इस विद्यालय में उचकागांव प्रखण्ड के श्यामपुर गांव निवासी स्व विक्रमा सिंह के पुत्र सुभाष चन्द्र सिंह ने फरवरी 2018 को प्राध्यानाध्यपक के पद पर अपना योगदान दिया। सुभाषचंद्र बताते है की जब वे इस विद्यालय में योगदान दिया तब यहाँ की स्थिति अच्छी नही थी। नाही बच्चे पढ़ाते और उन्हें वैसा महौल मिल पाता था गर्मी से छात्र व्याकुल रहते। मिड डे मील की स्थिति भी काफी दयनीय थी। जिसे देख उनके मन मे कई तरह के ख्याल आने लगे। तब इन्होंने यह ठान लिया की इस विद्यालय की तस्वीर बदल कर छात्र छात्राओं को अच्छा माहौल में शिक्षा दी जाएगी और उन्होंने प्रत्येक क्लास में पंखा लगवा दिए शिक्षको के मदद से आरओ मशीन लगाए गए है। यहां बेहतर शिक्षा देने के लिए प्राचार्य शिक्षको से वार्ता करते रहते है। यहां का बेहतर मैनेजमेंट आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। किसी निजी स्कूल के मैनेजमेंट और रखरखाव से कम नहीं है। इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 395 जबकि शिक्षकों की संख्या 14 है। यहां मैनेजमेंट स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित है। शुद्ध और ताजी हवा के साथ ही ठंडी हवा के लिए एक से बढ़कर एक पेड़ लगाए गए हैं। स्कूल परिसर में बागवानी की गई है। तरह तरह के फूल और क्रोटन के पौधे लगाए गए हैं। साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है।

बाइट-सुभाष चन्द्र सिंह प्राचार्य, उजला सर्ट
बाइट -विभा कुमारी शिक्षिका
बाइट-अमित कुमार, छात्र
बाइट-मुश्कान कुमारी, छात्रा


Conclusion:na
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.