गोपालगंज: जिले के बथुआ बाजार स्थित फुलवरिया गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत खराब है. डाक्टरों की घोर कमी से जूझ रहे इस अस्पताल के ओपीडी कक्ष में ताले लटके पड़े हैं. साथ ही मरीजों को पर्याप्त दवाएं नहीं मिलती. ऐसे में लोगों को किसी निजी अस्पताल या गोपालगंज सदर अस्पताल का रुख करना पड़ता है.
अस्पताल में है सुविधाओं की घोर कमी
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी साफ तौर पर देखने को मिलती है. ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर और नर्स हर वक्त नहीं मौजूद रहते. उनका कोई टाइम-टेबल नहीं है. इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त दवाएं नहीं मिलती. मरीजों को पटना, गोरखपुर या गोपालगंज सदर अस्पताल इलाज के लिए जाना पड़ता है. यही नहीं अस्पताल में शौचालय भी नहीं है. साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था नदारद है.
समय के साथ-साथ अस्पताल हुआ बदहाल
बथुआ बाजार स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना 1963 में हुई थी. तब इस स्वास्थ्य केंद्र में छोटे पैमाने पर इलाज किया जाता था. जिसके बाद इसको अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बदल दिया गया. यह अस्पताल लोगों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बनाया गया था. लेकिन बदलते समय के साथ-साथ यह अस्पताल बदहाली के आंसू रोने लगा. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 बेड हैं, कुल 2 डॉक्टर और करीब 7 स्वास्थ्यकर्मी हैं. बावजूद इसके स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका रहता है.
![primary health center worsens in gopalganj](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4985827_gg.jpg)
30 बेड वाला अस्पताल नहीं बन सका है पूरा
साल 2006 में स्थानीय लोगों के नाम पर इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बगल में मुख्यमंत्री ने 30 बेड वाला अस्पताल खोलने के लिए शिलान्यास किया था. जिसके बाद काम शुरू भी कर दिया था. ऐसे में लोगों को यह उम्मीद जगी कि अब स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्था और बेहतर मिलेगी. लेकिन साल 2009 में किसी कारण से इसका निर्माण बंद हो गया. अब यह अधूरा भवन जर्जर स्थिति में बड़ी-बड़ी झाड़ियों के बीच घिरा हुआ है.