गोपालगंजः बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पांडेय गोपालगंज पहुंचे. इस दौरान उन्होंने शिक्षकों के साथ वार्ता कर विचार विमर्श किया और नियोजित शिक्षकों के सम्मान दिलाने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही विधान परिषद चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति बनाई.
'नियोजन शब्द लिखना अपमानजनक'
दरअसल बिहार विधान परिषद के सारण निर्वाचन का चुनाव होने वाला है. ऐसे में चुनावी सरगर्मियां भी तेज हो गई है. इस दौरान माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पांडेय सर्किट हाउस पहुंचे. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के नाम में नियोजन शब्द लिखना अपमानजनक है.
'नियमित शिक्षकों का अलग सम्मान'
शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पांडेय ने कहा कि बिहार में नियमित शिक्षक होते थे तब उनका एक अलग सम्मान होता था. लेकिन आज शिक्षकों को सरकार ने नियोजित कर दिया है. ऐसे में सरकार और समाज शिक्षकों को सम्मान नहीं दे रही है.
'मिले स्थानांतरण का मौका'
केदार पांडेय ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों को सम्मान दे. साथ ही उनकी मांग जैसे वेतनमान, प्रोन्नति, रिटायरमेंट के बाद उनके सम्मान के साथ विदाई देने सहित अन्य मांगों को पूरा करे. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को स्थानांतरण का मौका मिलना चाहिए. जिससे दूर रहकर काम करने वाले शिक्षकों को परेशानी नहीं होगी.
'फिर शुरू हो सकता है आंदोलन'
संघ के अध्यक्ष ने कहा कि जिन शर्तों के साथ आंदोलन को स्थगित किया गया था. उस पर अब तक अमल नहीं किया गया है. सरकार विधानसभा चुनाव के पहले इसपर अमल करे नहीं तो फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जितनी बड़ी आबादी है उसके हिसाब से शिक्षक नहीं हैं.
'शिक्षकों की कमी'
केदार पांडेय ने कहा कि समान शिक्षा व्यवस्था इस उद्देश्य से बनाई गई थी कि सबको समान शिक्षा मिले. इसके तहत 15 लाख शिक्षकों की आवश्यकता थी. लेकिन अभी महज साढ़े चार लाख शिक्षक से ही काम कराया जा रहा है.
विकास के लिए शिक्षा को सुदृढ करने की जरूरत
अध्यक्ष केदार पांडेय ने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल मिलाकर 36 हजार और 72 हजार नए शिक्षकों की बहाली हुई. लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है. सिर्फ सड़क और पुल पुलिया बनाने से बिहार का विकास नहीं होगा. राज्य के विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य को सुदृढ करने की जरूरत है.