गोपालगंजः जिले के नगर थाना क्षेत्र के खजुरबानी इलाके में साल 2016 में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हो गई थी. मामले में 21 पुलिसकर्मियों को कार्य में लापरवाही करने के आरोप में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने सेवा से बर्खास्त कर दिया.
चार साल बाद बर्खास्त
मामले में जांच के बाद उस समय नगर थाना में तैनात 21 पुलिसकर्मियों पर चार साल बाद कार्रवाई की गई है. जिसमें 3 दरोगा, 5 जमादार और 13 सिपाही शामिल हैं.
बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मीः
- सब इंस्पेक्टर दिलकश कुमार सिंह. सारण
- सब इंस्पेक्टर अमित कुमार, मोतिहारी
- सब इंस्पेक्टर अमरेंद्र कुमार सिंह, सिवान
- सब इंस्पेक्टर चंद्रिका राम, सिवान
- एएसआई मिथिलेश्वर, सिवान
- विनोद कुमार पांडे, सिवान
- गुलाम मोहम्मद, सारण
- राज भरत प्रसाद सिंह, मुजफ्फरपुर
- नवल कुमार सिंह, सिवान
- सिपाही पुष्पेंद्र ओझा, गोपालगंज
- सिपाही दिनेश्वर यादव, गोपालगंज
- सिपाही मोहन प्रसाद सिंह, बांका
- सिपाही धीरज कुमार राय, गोपालगंज
- सिपाही शैलेंद्र कुमार, अरवल
- सिपाही मनोज कुमार, जहानाबाद
- सिपाही धनंजय कुमार सिंह, बक्सर
- सिपाही निलेश कुमार सिंह, पटना
- सिपाही विश्वजीत कुमार, सारण
- सिपाही मुरली यादव, गोपालगंज
- सिपाही मनीष कुमार, सारण
- राकेश कुमार सिंह, सारण '
18 लोगों की मौत
साल 2016 में गोपालगंज जिला अंतर्गत खजुरबानी में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हुई थी. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद यह पहला मामला था. जब शराब सेवन के कारण इतने लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद सरकार की देशभर में काफी किरकिरी हुई थी.
जवानों की बर्खास्तगी
घटना के बाद नीतीश सरकार ने इसे काफी गंभीरता से लिया था और घटना के बाद ही टाउन थाना क्षेत्र के सभी पुलिस अफसर और जवान पर कार्रवाई की गई थी. जवानों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी. जिसपर शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय ने दोषी पाए गए 21 जवानों की बर्खास्तगी पर अपनी मुहर लगा दी.
विभिन्न जिलों में पदस्थापित हैं पुलिसकर्मी
पुलिस ने घटना के बाद मामले की जांच शुरू कर दी थी. जांच पूरी होने के बाद दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. फिलहाल बर्खास्त किए गए पुलिस पदाधिकारी और जवान विभिन्न जिलो में पदस्थापित हैं.
किराए के मकान में रहने को मजबूर
स्थानीय लोगों ने बताया कि जहरीली शराब पीने वाले इस इलाके के नहीं थे. सभी बाहर से आए थे. उन्होंने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस ने हमलोगों को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही हमारे घर को सील कर दिया. तीन घर आज भी सील होने की वजह से लोग किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं.