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ऐसे कैसे बचेगा लोकतंत्र, गोपालगंज में जीवित को बता दिया वोटर लिस्ट में मृत - declared alive

पीड़ित त्रिलोकनाथ ने बताया कि पैक्स चुनाव के दौरान वोट देने आया, तो पता चला कि वोटरलिस्ट से नाम ही काट दिया गया है. लिस्ट में मुझे मृत घोषित कर दिया गया है.

गोपालगंज
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Published : Dec 9, 2019, 1:08 PM IST

गोपालगंज: पूरे प्रदेश में पैक्स का चुनाव चल रहा है. जिले में पैक्स चुनाव के दौरान एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. एक वोटर को वोट देने के अधिकार से इसलिए वंचित कर दिया गया कि वोटर लिस्ट में उसे मृत घोषित कर दिया गया है. उसके लाख विनती के बाद भी अधिकारियों ने एक न सुनी. सवाल खड़ा होता है ऐसे सिस्टम में लोकतंत्र कैसे बचेगा?

मामला जिले के थावे प्रखण्ड के सेमरा मतदान केंद्र का है. इस मतदान केंद्र पर लोग सुबह वोट देने के लिए पहुंच रहे हैं. इस दौरान त्रिलोकनाथ नाम के एक वृद्ध भी वोट देने पहुंचा था. लेकिन उसे मृत बता कर मतदान से वंचित कर दिया. वो अपने जीवित होने का प्रमाण बैंक पासबुक से पेंशन कार्ड दिखा कर बतता रहा. लेकिन वहां मौजूद अधिकारी एक न सुने. अपने वरीय अधिकारी के आदेश की बात कह कर बात टालते रहे.

पीड़ित त्रिलोकनाथ का बयान

कर दिया गया है मृत घोषित
पीड़ित त्रिलोकनाथ ने बताया कि मैं लगातार मताधिकार का प्रयोग करता आ रहा हूं. आज पैक्स चुनाव के दौरान वोट देने आया, तो पता चला कि वोटरलिस्ट से नाम ही काट दिया गया है. इससे मैं वोट देने से वंचित रह गया. लिस्ट में मुझे मृत घोषित कर दिया गया है. इस बात की शिकायत अधिकारियों करुंगा.

गोपालगंज
वोटर लिस्ट में मृत दिखाया

ये भी पढे़ं: मुजफ्फरपुर: दुष्कर्म में असफल होने पर युवती को जिंदा जलाया

'200 लोगों का नाम काट दिया है'
वहीं, इस संबंध में प्रजाइडिंग ऑफिसर नेमा साह ने बताया कि सेमरा मतदान केंद्र के लिस्ट से लगभग 200 लोगों का नाम काट दिया है. जो मृत घोषित हैं, तो फिर कैसे वोट देंगे? हलांकि सभी पोलिंग एजेंट लिख कर देते हैं, तो उनको वोट देने का अधिकार दिया जा सकता है. इस केंद्र से ऐसा एक ही मामला आया है.

गोपालगंज: पूरे प्रदेश में पैक्स का चुनाव चल रहा है. जिले में पैक्स चुनाव के दौरान एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. एक वोटर को वोट देने के अधिकार से इसलिए वंचित कर दिया गया कि वोटर लिस्ट में उसे मृत घोषित कर दिया गया है. उसके लाख विनती के बाद भी अधिकारियों ने एक न सुनी. सवाल खड़ा होता है ऐसे सिस्टम में लोकतंत्र कैसे बचेगा?

मामला जिले के थावे प्रखण्ड के सेमरा मतदान केंद्र का है. इस मतदान केंद्र पर लोग सुबह वोट देने के लिए पहुंच रहे हैं. इस दौरान त्रिलोकनाथ नाम के एक वृद्ध भी वोट देने पहुंचा था. लेकिन उसे मृत बता कर मतदान से वंचित कर दिया. वो अपने जीवित होने का प्रमाण बैंक पासबुक से पेंशन कार्ड दिखा कर बतता रहा. लेकिन वहां मौजूद अधिकारी एक न सुने. अपने वरीय अधिकारी के आदेश की बात कह कर बात टालते रहे.

पीड़ित त्रिलोकनाथ का बयान

कर दिया गया है मृत घोषित
पीड़ित त्रिलोकनाथ ने बताया कि मैं लगातार मताधिकार का प्रयोग करता आ रहा हूं. आज पैक्स चुनाव के दौरान वोट देने आया, तो पता चला कि वोटरलिस्ट से नाम ही काट दिया गया है. इससे मैं वोट देने से वंचित रह गया. लिस्ट में मुझे मृत घोषित कर दिया गया है. इस बात की शिकायत अधिकारियों करुंगा.

गोपालगंज
वोटर लिस्ट में मृत दिखाया

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'200 लोगों का नाम काट दिया है'
वहीं, इस संबंध में प्रजाइडिंग ऑफिसर नेमा साह ने बताया कि सेमरा मतदान केंद्र के लिस्ट से लगभग 200 लोगों का नाम काट दिया है. जो मृत घोषित हैं, तो फिर कैसे वोट देंगे? हलांकि सभी पोलिंग एजेंट लिख कर देते हैं, तो उनको वोट देने का अधिकार दिया जा सकता है. इस केंद्र से ऐसा एक ही मामला आया है.

Intro:हुजूर मैं मरा नही जीवित हूं मुझे मताधिकार से वंचित न किया जाए.....ये कहना है गोपलगंज जिले के थावे प्रखण्ड के फतहा गाँव निवासी 70 वर्षीय त्रिलोकीनाथ की। जो जीवित होते हुए भी उन्हें मृत घोषित कर दिया है ये हम नही बल्कि खुद त्रिलोकनाथ ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा उन्होंने बताया कि सुबह से ही लाइन में लग कर अपनी पारी का इंतजार कर रहे थे जब मेरी पारी आई तो मौके पर चुनाव कराए रहे कर्मियों ने यह कह कर वोट देने से रोक दिया गया।


Body:गोपलगंज जिले में हो रहे पैक्स चुनाव के दौरान थावे प्रखण्ड के सेमरा मतदान केंद्र पर उस वक्त एक अजीबोगजीब मामला सामने आया जब एक वृद्ध व्यक्ति अपने मताधिकार का प्रयोग करने मतदान केंद्र पर पहुंचा। जहां उसे यह कह कर मताधिकार से वंचित कर दिया गया कि आप जीवित नही मृत हो गए है। यह सुन कर उस वृद्ध व्यक्ति के पैरो तले के जमीन खिसक गई और उसने वहां कार्यरत कमियों से इसका कारण पूछा लेकिन किसी ने कुछ भी बताने से परहेज किया। वृद्ध व्यक्ति त्रिलोकनाथ ने बताया कि मैं लगातरा अपने मताधिकार का प्रयोग करता आ रहा हूं इस बीच जब पुनः पैक्स चुनाव के दौरान वोट देने आया तो यहां मेरे वोटरलिस्ट में नाम काट दिया गया था जिससे मैं वोट देने से वंचित रह गया। उन्होंने बताया कि मैं जब जीवित हूं तब मुझे मृत कौन घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि मैं पेंशन धारी हूं आज भी मेरा पेंशन मिलता है। लेकिन मृत लिखकर मुझे मताधिकार से बंचित किया गया है मैं उच्चाधिकारियों से इस बात का शिकायत करूंगा।वही इस संदर्भ में जब हमने प्रजाइडिंग ऑफिसर नेमा साह से बात की तो उन्होंने कहा कि इनके लावे करीब दो सौ लोगो को मृत घोषित किया गया है। जब वोटरलिस्ट में मृत घोषित है तो फिर कैसे वोट दिया जा सकता है। हलांकि उन्होंने कहा कि सभी पोलिंग एजेंट लिख कर देते है तो उनको वोट देने का अधिकार दिया जा सकता है।लेकिन सवाल यह है आखिर इतनी बड़ी गड़बड़ियों का जिम्मेवार कौन है।


Conclusion:na
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