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गोपालगंज: बाढ़ के पानी में बही सड़क, चचरी पुल के सहारे आवागमन - चचरी पुल

बाल्मीकिनगर बराज से छोड़े गए साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी का दबाव रिंग बांध और सारण मुख्य बांध नहीं झेल पाया. जिससे बाढ़ का पानी कई गांव में प्रवेश कर गया है. इस वजह से लोगों को ढेरों समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं.

गोपालगंज
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Published : Aug 19, 2020, 10:55 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 11:10 PM IST

गोपालगंज: जिले में आई विनाशकारी बाढ़ का कहर जारी है. जहां बैकुंठपुर और बरौली प्रखंड की सड़कों पर पानी की तेज धारा बह रही है. वहीं बरौली प्रखंड में सड़क ध्वस्त होने के कारण लोगों का जीवन चचरी पुल के सहारे कट रहा है.

गोपालगंज
चचरी पुल की मरम्मत करता स्थानीय

दरअसल, बाल्मीकिनगर बराज से छोड़े गए साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी का दबाव रिंग बांध और सारण मुख्य बांध नहीं झेल पाया. जिससे बाढ़ का पानी कई गांव में प्रवेश कर गया है. इस वजह से लोगों को ढेरों समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं. आलम ये है कि कई लोगों के आंखों के सामने उनके आशियाने बाढ़ के पानी में बह गए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

चचरी पुल बनाकर आवागमन की व्यवस्था
कुछ ऐसा ही तबाही का मंजर जिला मुख्यालय गोपालगंज से करीब 35 किलोमीटर बरौली प्रखंड के मोहनपुर आश्रम में देखने को मिल रही है. जहां सड़कें पानी की तेज धारा में पूरी तरह ध्वस्त हो गई है. जिससे लोगों को आवागमन में काफी समस्या होने लगी है. वहीं इसी क्रम में कई दिनों तक गांव में घिरे रहने के बाद गांव के लोगों ने बांस की चचरी पुल बनाकर आवागमन की स्वत: व्यवस्था की है.

गोपालगंज
चचरी पुल से आवागमन करते स्थानीय

'सरकारी सुविधा मुहैया नहीं'
यहां के 25 सौ जनसंख्या की आबादी पूरी तरह से प्रभावित है. कई लोगों के मकान उनके आंखों के सामने ध्वस्त हो गए हैं. जिस सड़क से लोगों का आवागमन होता था. उस सड़क पर 6 से 7 फीट पानी की तेज धारा बह रही है. सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो गई. स्थानीय लोगों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा प्राप्त नहीं हुई है.

गोपालगंज: जिले में आई विनाशकारी बाढ़ का कहर जारी है. जहां बैकुंठपुर और बरौली प्रखंड की सड़कों पर पानी की तेज धारा बह रही है. वहीं बरौली प्रखंड में सड़क ध्वस्त होने के कारण लोगों का जीवन चचरी पुल के सहारे कट रहा है.

गोपालगंज
चचरी पुल की मरम्मत करता स्थानीय

दरअसल, बाल्मीकिनगर बराज से छोड़े गए साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी का दबाव रिंग बांध और सारण मुख्य बांध नहीं झेल पाया. जिससे बाढ़ का पानी कई गांव में प्रवेश कर गया है. इस वजह से लोगों को ढेरों समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं. आलम ये है कि कई लोगों के आंखों के सामने उनके आशियाने बाढ़ के पानी में बह गए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

चचरी पुल बनाकर आवागमन की व्यवस्था
कुछ ऐसा ही तबाही का मंजर जिला मुख्यालय गोपालगंज से करीब 35 किलोमीटर बरौली प्रखंड के मोहनपुर आश्रम में देखने को मिल रही है. जहां सड़कें पानी की तेज धारा में पूरी तरह ध्वस्त हो गई है. जिससे लोगों को आवागमन में काफी समस्या होने लगी है. वहीं इसी क्रम में कई दिनों तक गांव में घिरे रहने के बाद गांव के लोगों ने बांस की चचरी पुल बनाकर आवागमन की स्वत: व्यवस्था की है.

गोपालगंज
चचरी पुल से आवागमन करते स्थानीय

'सरकारी सुविधा मुहैया नहीं'
यहां के 25 सौ जनसंख्या की आबादी पूरी तरह से प्रभावित है. कई लोगों के मकान उनके आंखों के सामने ध्वस्त हो गए हैं. जिस सड़क से लोगों का आवागमन होता था. उस सड़क पर 6 से 7 फीट पानी की तेज धारा बह रही है. सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो गई. स्थानीय लोगों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा प्राप्त नहीं हुई है.

Last Updated : Aug 19, 2020, 11:10 PM IST
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