गोपालगंजः समान काम के बदले समान वेतन सहित कई मांगों को लेकर पिछले 25 दिनों से बिहार के शिक्षक हड़ताल पर हैं. इसके तहत जिले के शिक्षा भवन परिसर में भी माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक संघ का हड़ताल जारी है. यहां के करीब डेढ़ हजार शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण तीन सौ विद्यालयों में पठन-पाठन ठप पड़े हैं.
एक इंच भी नहींं हटेंगे पीछे
धरना पर बैठे परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नीलमणी शाही ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों की हड़ताल से पूरी तरह से दबाव में आ गई है. शिक्षकों को हड़काने के लिए प्रतिदिन नए-नए तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं. सरकार की इस तानाशाही से नियोजित शिक्षक डरने वाले नहीं हैं, हम लोग एक इंच भी पीछे नहींं हटेंगे.
'होली पर भी नहीं दिया गया वेतन'
नीलमणी शाही ने कहा कि हड़ताल के पूर्व हम लोगों ने जिले के अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री को इसकी सूचना दे दिए थे. इसके बाद भी सरकार हमारे आंदोलन को अवैध बताकर शिक्षकों को डरा-घमका रही है. उन्होंने कहा कि होली जैसे पर्व में हमारे मेहनत के पैसों का भुगतान नहीं किया गया, हमारे बच्चे रोते-बिलखते रहे.