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गोपालगंज: नीलगाय के आतंक से किसान बेहाल, प्रशासन से भी नहीं मिल रही कोई मदद - नीलगाय के कारण फसलें बर्बाद

गोपालगंज के किसान नीलगाय के आतंक से बेहद परेशान हैं. जिले के कई प्रखण्डों के खेतों में लगे फसल को आए दिन नीलगाय एक ही झटके में बर्बाद कर देते हैं.

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Published : Feb 26, 2021, 5:47 PM IST

गोपालगंज: जिले के किसान नीलगाय के आतंक से बेहद परेशान हैं. कई प्रखण्डों में फसल को आए दिन नीलगाय एक ही झटके में बर्बाद कर दे रहे हैं. इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. आरोप है कि शिकायत के बाद भी प्रशासन की तरफ से मदद नहीं मिल रही है.

यह भी पढ़ें:- ड्रिप और स्प्रिंकलर विधि से करें खेतों की सिंचाई, सरकार दे रही है मशीन खरीद पर 90% अनुदान

दरअसल, जिले के किसान कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ के समस्याओं से हमेशा जूझते रहे हैं. वही इन समस्याओं के अलावा जिले में नीलगाय की भी आतंक काफी बढ़ गया है. दिन-रात कठोर परिश्रम कर फसल उगाने के बाद नीलगायों की टोली एक ही झटके में रातों-रात फसल बर्बाद कर देती है. किसानों को इस समस्या से निजात पाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है.

यह भी पढ़ें:- आत्मनिर्भरता की मिसालः कभी थे फैक्ट्री में टेक्नीशियन, आज हैं फैक्ट्री मालिक

प्रशासन से भी नहीं मिल रही कोई मदद
इनके आतंक से किसानों ने कई फसलों को लगाना छोड़ दिया है. चना और अरहर की खेती दिनों दिन इस इलाके में कम होती जा रही है. किसानों का कहना है कि जैसे ही इन फसलों का फूल तैयार होता है, वह नीलगायों का निवाला बन जाता है. वन्य प्राणी होने की वजह से इन नीलगायों को कोई मार भी नहीं सकता है. किसानों को अपने खेतों में जाल लगाकर या रतजगा कर फसल को बचाने की मजबूरी हो गई है. इससे इलाके के किसान काफी परेशान हैं. कई किसान ने महाजन से कर्ज लेकर खेती की थी. लेकिन अब उन्हें चिन्ता इस बात की है कि वे कर्ज कैसे चुका पाएंगे. वहीं किसानों की इन समस्याओं पर प्रशासन की तरफ से भी कोई पहल नहीं की जा रही है.

गोपालगंज: जिले के किसान नीलगाय के आतंक से बेहद परेशान हैं. कई प्रखण्डों में फसल को आए दिन नीलगाय एक ही झटके में बर्बाद कर दे रहे हैं. इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. आरोप है कि शिकायत के बाद भी प्रशासन की तरफ से मदद नहीं मिल रही है.

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दरअसल, जिले के किसान कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ के समस्याओं से हमेशा जूझते रहे हैं. वही इन समस्याओं के अलावा जिले में नीलगाय की भी आतंक काफी बढ़ गया है. दिन-रात कठोर परिश्रम कर फसल उगाने के बाद नीलगायों की टोली एक ही झटके में रातों-रात फसल बर्बाद कर देती है. किसानों को इस समस्या से निजात पाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है.

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प्रशासन से भी नहीं मिल रही कोई मदद
इनके आतंक से किसानों ने कई फसलों को लगाना छोड़ दिया है. चना और अरहर की खेती दिनों दिन इस इलाके में कम होती जा रही है. किसानों का कहना है कि जैसे ही इन फसलों का फूल तैयार होता है, वह नीलगायों का निवाला बन जाता है. वन्य प्राणी होने की वजह से इन नीलगायों को कोई मार भी नहीं सकता है. किसानों को अपने खेतों में जाल लगाकर या रतजगा कर फसल को बचाने की मजबूरी हो गई है. इससे इलाके के किसान काफी परेशान हैं. कई किसान ने महाजन से कर्ज लेकर खेती की थी. लेकिन अब उन्हें चिन्ता इस बात की है कि वे कर्ज कैसे चुका पाएंगे. वहीं किसानों की इन समस्याओं पर प्रशासन की तरफ से भी कोई पहल नहीं की जा रही है.

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