गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज के बरौली प्रखण्ड (Gopalganj News) के भड़कुइया गांव निवासी एनएसजी कमाण्डो दीपक कुमार सिंह (NSG commando Deepak Kumar Singh) के असामयिक शहीद होने के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर है. उनके शहीद होने की सूचना पाकर हर किसी की आंखे नम हो गई है. घर में पूरा परिवार चित्कार मारकर रो रहा है, तो पिता अपने बेटे द्वारा कही गई बात को याद कर अंदर ही अंदर टूट रहे हैं. जिस बाप के जवान बेटे की अर्थी उसके सामने उठे, उस बाप पर क्या बीतती होगी इसका सहज ही अंदाज लगया ज सकता है. फिलहाल पूरा परिवार पार्थिव शरीर के इंतजार में है.
6 जनवरी को शहीद जवान दीपक कुमार सिंह का आएगा शव : 6 जनवरी को शहीद एनएसजी कमांडो दीपक कुमार सिंह के शव की आने की उम्मीद जताई जा रही है. जिसके बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी आखरी विदाई दी जाएगी. दरअसल, बरौली प्रखण्ड के भड़कुइया गांव निवासी प्रह्लाद सिंह के बेटे दीपक कुमार सिंह देश की सेवा में 2011 में लगे थे. और तब से अब तक वो लगातार देश सेवा में लगे थे. पिछले नवंबर तक उनकी ड्यूटी अमरनाथ में थी. अमरनाथ से हटने के बाद वो घर आए थे. तब से उनकी तैनाती लेह में थी.
शहीद कमांडो के घर में पसरा मातम : शहीद जवान दीपक की शादी 2014 में पूर्वी चम्पारण जिले के चकिया प्रखंड के माधोपुर छपरा गांव में हुई थी. शहीद जवान दीपक कुमार सिंह के पिता प्रहलाद सिंह की माने तो उन्होंने मंगलवार की रात मोबाइल से अपने बेटे से बात की थी. पिता भी उनकी बातों से संतुष्ट थे और बेसब्री से दो माह बीतने और बेटे को आशिर्वाद देने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अगले हीं दिन बेटे की शहीद होने की खबर पहुंची. तो सारे सपने एक मोबाइल के काॅल से चकनाचूर हो गए.
'बेटे से बात हुई थी. वो बोला था कि अधिक दिन नहीं है. प्रमोशन मिलने में. प्रमोशन मिलने के बाद आप लोगों के चरण छूकर आशिर्वाद लेने के बाद ही ड्यूटी ज्वाइन करूंगा. बेसब्री से दो माह बीतने और बेटे को आशिर्वाद देने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अगले हीं दिन बेटे के शहीद होने की खबर मिली.' - प्रह्लाद सिंह, शहीद कमांडो दीपक कुमार सिंह के पिता
दीपक सिंह की गाड़ी खाई में गिर गई थी : बता दें कि एनएसजी कमांडो दीपक कुमार सिंह की गाड़ी लेह में अचानक भीषण बर्फबारी में फिसल कर गहरे खाई में गिर गई थी. जिससे दीपक कुमार सिंह की मौत हो गई. जबकि उनके अन्य चार साथी बुरी तरह घायल हो गये थे. घटना की सूचना लेफ्टिनेंट परवीन डोगरा ने शहीद जवान दीपक के पिता प्रहलाद सिंह को दी थी. उनके शहीद होने की खबर मिलते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गयी. पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है.