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गोपालगंज: आर्थिक तंगी बनी बनी मौत की वजह, तंगहाली से परेशान मनोज ने खाया जहर - suicide due to money problem

उचकागांव थाना क्षेत्र के वृंदावन गांव के मनोज तिवारी जो कि 8 बच्चों का पिता था.अपने परिवार और बच्चों का भरण-पोषण नहीं कर पा रहा था. जिससे परेशान होकर उसने जहर खा लिया और उसकी मौत हो गई.

बच्चों के पिता ने की आत्महत्या
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Published : Aug 13, 2019, 2:11 PM IST

गोपालगंज: उचकागांव थाना क्षेत्र के वृंदावन गांव में रहने वाले मनोज तिवारी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. 8 बच्चों के पिता मनोज के आत्महत्या की वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है. फिलहाल मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम सदर अस्पताल में करा लिया है, और शव परिजनों को सौंप कर मामले की जांच में जुट गई है.

आर्थिक तंगी के कारण की आत्महत्या

आर्थिक तंगी वजह
बताया जा रहा है कि मृतक मनोज तिवारी आठ बच्चों का पिता था. ईट-भट्ठों पर मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता था. बरसात में ईट-भट्ठा बंद होने के कारण रोजगार के लाले पड़ गये थे. दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी नहीं हो पा रहा था. जिस वजह से परेशान होकर मनोज ने आत्महत्या कर ली. पड़ोसी अमरेंद्र तिवारी ने बताया कि अचानक से मृतक के घर में शोर होने लगा तो पता चला मनोज बीमार हैं. उसने जहरीला पदार्थ खा लिया है. इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया है. लेकिन, वहां पहुंचते ही मनोज की मौत हो गयी. यह भी बताया कि मृतक काफी दिनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था.

suicide due to bad financial conditions
आर्थिक तंगी के कारण की आत्महत्या

जांच में जुटी पुलिस
वहीं, नगर थाना एसआई गोविंद कुमार ने बताया कि मनोज तिवारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. पूछताछ पर परिजनों ने बताया कि आर्थिक तंगी से परेशान होकर इन्होंने जहर खाया है. परिजनों का कहना है मनोज ने सल्फास खाकर आत्महत्या की है. हालांकि पोस्टमॉर्टम करा लिया गया है. हम मामले की जांच की जा रही है.

गोपालगंज: उचकागांव थाना क्षेत्र के वृंदावन गांव में रहने वाले मनोज तिवारी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. 8 बच्चों के पिता मनोज के आत्महत्या की वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है. फिलहाल मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम सदर अस्पताल में करा लिया है, और शव परिजनों को सौंप कर मामले की जांच में जुट गई है.

आर्थिक तंगी के कारण की आत्महत्या

आर्थिक तंगी वजह
बताया जा रहा है कि मृतक मनोज तिवारी आठ बच्चों का पिता था. ईट-भट्ठों पर मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता था. बरसात में ईट-भट्ठा बंद होने के कारण रोजगार के लाले पड़ गये थे. दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी नहीं हो पा रहा था. जिस वजह से परेशान होकर मनोज ने आत्महत्या कर ली. पड़ोसी अमरेंद्र तिवारी ने बताया कि अचानक से मृतक के घर में शोर होने लगा तो पता चला मनोज बीमार हैं. उसने जहरीला पदार्थ खा लिया है. इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया है. लेकिन, वहां पहुंचते ही मनोज की मौत हो गयी. यह भी बताया कि मृतक काफी दिनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था.

suicide due to bad financial conditions
आर्थिक तंगी के कारण की आत्महत्या

जांच में जुटी पुलिस
वहीं, नगर थाना एसआई गोविंद कुमार ने बताया कि मनोज तिवारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. पूछताछ पर परिजनों ने बताया कि आर्थिक तंगी से परेशान होकर इन्होंने जहर खाया है. परिजनों का कहना है मनोज ने सल्फास खाकर आत्महत्या की है. हालांकि पोस्टमॉर्टम करा लिया गया है. हम मामले की जांच की जा रही है.

Intro:बिहार के गोपालगंज में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां आठ बच्चों के पिता ने जहर खाकर जान दे दी है। इस खुदकुशी की वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है। फिलहाल मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में कराकर शव परिजनों को सौप कर मामले की जांच में जुट गई है।Body: मृतक मनोज तिवारी गोपालगंज के उचकागांव थाना क्षेत्र के वृंदावन गांव का रहनेवाला बताया जाता। इस संदर्भ में बताया जाता है कि मृतक काफी दिनों से बेरोजगारी का दंश झेल रहा है परिवर की स्थिति काफी खराब हो गई थी
वह अपने परिवार को दो वक्त के रोटी का जुगाड़ नही कर पा रहा था और उसने मौत को गले लगा ली। पड़ोसिय अमरेंद्र तिवारी ने बताया कि मृतक के घर में शोर हो रहा था। वहां पहुंचने पर पता चला कि मनोज तिवारी बीमार हैं। पूछने बताया कि जहरीला पदार्थ खा लिए हैं। इलाज के लिए सदर अस्पताल में लेकर आये। जहां उनकी मौत हो गयी। मृतक आर्थिंक तंगी से जूझ रहे थे। वही नगर थाना के एसआई गोविंद कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मृतक मनोज तिवारी है। यहीं इलाज के दौरान मौत हो गयी। परिजनों ने आर्थिक तंगी से आकर जहर खाने की बात कही है परिजनों ने सल्फास खाकर आत्महत्या करने की बात बतायी है। पोस्टमार्टम कराकर मामले की जांच की जायेगी। आठ बच्चों के पिता ईट-भट्ठों पर मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करता था। बरसात में ईट-भट्ठा बंद होने के कारण रोजगार के लाले पड़ गये। नतीजा यह हुआ कि आर्थिक तंगी के कारण वे अपने आप को दुनिया छोड़ देने का अंजाम दे डाला। पर उसे अपने उन नन्हे-मुन्ने आठ बच्चे की याद नहीं आई कि उन्हें कौन भविष्य को सुधारेगा। फिलहाल पथराई आंख लिये मृतक की पत्नी बीडीएम देवी अपने आठ बच्चों के भविष्य अंधकार पाकर बेसूद पड़ी है।Conclusion:Na
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