गोपालगंज: फुलवरिया (Fulwariya) आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) का पैतृक गांव है. गरीबों के इलाज के लिए लालू ने अपनी मां मरछिया देवी (Marchiya Devi) के नाम पर मरछिया देवी रेफरल अस्पताल बनवाया. लेकिन लालू के सपनों का यह अस्पताल आज लोगों को सिर्फ रेफर कर रहा है. गोपालगंज जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित राजद सुप्रीमो लालू यादव के गांव फुलवरिया के इस अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव है. कोरोना काल में इसकी वजह से लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.
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अस्पताल में सुविधाओं का अभाव
जिले के फुलवरिया प्रखंड स्थित राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के गांव में बनाए गए मरछिया देवी रेफरल अस्पताल में मरीजों को पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल पाती है. जिसके कारण यहां के मरीज स्वास्थ सुविधाओं से वंचित हैं. कोरोना काल मे भी संक्रमित मरीजों के लिए कोविड सेंटर नहीं होने के कारण मरीजों को 15 से 20 किलोमीटर दूर हथुआ कोविड सेंटर जाना पड़ता है.
![Marchiya Devi Referral Hospital](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-gpj-02-fulwariya-pkg-spl-bh10067_26052021143852_2605f_1622020132_1102.jpg)
रेफर अस्पताल बना रेफरल अस्पताल
इस गांव में लालू यादव ने अपने कार्यकाल में अपनी मां के नाम पर मरछिया देवी रेफरल अस्पताल बनवाया. ताकि फुलवरिया समेत आस-पास के इलाके के लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिल सके. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इस अस्पताल में लोगों को इलाज कम रेफर ज्यादा किया जाता है. मरीजों को मिलने वाली चिकित्सकीय सुविधा यहां उपलब्ध नहीं है.
![Marchiya Devi Referral Hospital](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-gpj-02-fulwariya-pkg-spl-bh10067_26052021143852_2605f_1622020132_630.jpg)
ईटीवी भारत की टीम पहुंची फुलवरिया
इस कोरोना महामारी में लोगों को मिलने वाली सुविधाओं की पड़ताल करने जब ईटीवी भारत की टीम राजद सुप्रीमो लालू यादव के गांव फुलवरिया पहुंची तो कई तरह की बातें निकल कर सामने आई. सबसे पहले हमारी टीम लालू यादव द्वारा अपनी मां के नाम पर बनवाई गई मरछिया रेफर अस्पताल पहुंची. इस अस्पताल में डॉक्टरों की कुल स्वीकृत पद आठ है. लेकिन 5 डॉक्टर ही कार्यरत हैं.
'इस अस्पताल को हमारे चाचा लालू प्रसाद यादव ने बनवाया था. लेकिन अब वहां पर कुछ भी नहीं है. इलाज के नाम पर सिर्फ रेफर किया जाता है. तेजस्वी, तेजप्रताप पहले यहां आते थे, लेकिन अब कोरोना में कैसे आएंगे. जब कभी तेजस्वी या तेज प्रताप आते हैं, तो दिखाने के लिए इस अस्पताल में सब व्यवस्थाएं बहाल कर दी जाती है और जाने के बाद फिर वहीं स्थिति हो जाती है.'- रामानन्द यादव, लालू यादव के भतीजा
डॉक्टर की कमी
इस अस्पताल के एक डॉक्टर डिप्टेशन पर कुचायकोट में कार्यरत हैं जबकि जीएनएम का स्वीकृत पद चार है. इसमें तीन जीएनएम कार्यरत हैं. अस्पताल के पास एक एंबुलेंस है. इस पूरे मामले पर जब हमने वहां मौजूद ग्रामीणों से बात की तो उन लोगों ने कहा कि यह अस्पताल सिर्फ रेफर अस्पताल बनकर रह गया है. किसी तरह की कोई सुविधा नहीं मिल पाती है. सिर्फ यहां कोरोना का टीका लगाया जाता है.
'लालू का उद्देश्य था कि लोगों को अस्पताल का लाभ मिले. लेकिन कोरोना काल का दौर है. लेकिन न ऑक्सीजन है. न कोविड वार्ड है. कोरोना महामारी से लड़ने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. सिर्फ वैक्सीन हो रहा है. लोगों को इलाज के लिए 15 से 20 किमी दूर जाना पड़ता है.'- विवेक कुमार, ग्रामीण
मैनेजर का बयान
वहीं अस्पताल के मैनेजर शैलेन्द्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फुलवरिया प्रखंड में फर्स्ट डोज का टीका अब तक कुल 11099 जबकि दूसरे डोज का टीका 3297 लोगों को दिया गया है, जबकि 58952 लोगो को टीका देने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही अप्रैल से अब तक 65 सौ लोगों का टेस्ट किया गया है.
'यहां मरीजों को किसी तरह की कोई समस्या नहीं होने दी जाती है. सामान्य मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है. ऑक्सीजन भी है और जरूरत पड़ने पर लोगों को ऑक्सीजन दी भी जाती है.- डॉ कृष्ण,मैनेजर, मरछिया देवी रेफरल अस्पताल
ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि जान बूझकर इस अस्पताल की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नीतीश कुमार बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओ के दुरुस्त होने के दावे करते हैं लेकिन गोपालगंज के फुलवरिया का यह गांव तमाम दावों की हकीकत बयां कर रहा है. लोगों की मांग है कि इस अस्पताल में भी सारी सुविधाएं हों ताकि ग्रामीणों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना ना पड़े.
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