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चुनावी चौपाल: गांव तक पहुंचने के लिए नहीं है सड़क, ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से पूछा- क्यों दें वोट?

बिहार में पंचायत चुनाव चल रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत चुनावी चौपाल के जरिए गांवों के हालात से आपको रूबरू करा रहा है. गोपालगंज के कटेया प्रखण्ड के सहजनवा कला गांव की बात करें तो विकास नहीं होने के कारण यहां के ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है. पढ़ें पूरी खबर..

lack of development work in Ameya Panchayat
lack of development work in Ameya Panchayat
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Published : Sep 25, 2021, 5:06 PM IST

गोपालगंज: बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) को लेकर प्रथम चरण का मतदान (First Phase Of Election) शांतिपूर्ण संपन्न हो चुका है. शेष चरणों के लिए चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन हर वर्ष की तरह ग्रामीणों की एक ही शिकायत है कि विकास के नाम पर सिर्फ और सिर्फ आश्वासन और धोखा मिलता है. जिला मुख्यालय गोपालगंज से करीब 60 किलोमीटर दूर सहजनवा कला गांव भी उन्हीं में से एक है. कटेया प्रखण्ड (Kateya Block) के अमेया पंचायत इस गांव में आजतक मूलभूत सुविधा तक नहीं पहुंची है. ग्रामीण, जनप्रतिनिधियों के कार्य से असंतुष्ट हैं.

यह भी पढ़ें- ग्राउंड रिपोर्ट: जिस फरियादी की बात सुन हंस पड़े थे नीतीश, उसके गांव वाले बोले- 'रिटायर्ड प्राचार्य की मांग एकदम सही'

दरअसल जिले में पंचायत सरकार बनाने को लेकर जहां जिला प्रशासन चुस्त दुरूस्त है. वहीं क्षेत्र के प्रत्याशियों ने अपने अपने दाव पेंच लगाना शुरू कर दिया है. वोट मांगने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. वहीं जनता भी अब मन बना बैठी है कि जो काम करेगा वोट उसी को दिया जाएगा. जनता ने पांच साल में पंचायत सरकार द्वारा किए गये कार्यों का पूरा ब्यौरा तैयारा कर लिया है.

देखें वीडियो

"सबसे बड़ी समस्या हमारी सड़क है. पुलिया भी टूटा है. पुल बनाने की मांग बरसों से कर रहे हैं लेकिन आज तक निर्माण नहीं हुआ है. हमलोग बहुत परेशानी झेलते हैं."- ग्रामीण

मेया पंचायत के सहजनवा कला गांव की सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. सड़क की समस्या से ग्रामीण पिछले कई सालों से जूझ रहे हैं. इतना ही नहीं पक्की सड़क के लिए यहां के ग्रामीण वर्षो से तरस रहे हैं. लेकिन मुखिया ने अबतक इनकी मांगों पर संज्ञान नहीं लिया है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना में एक योजना गांव गांव तक पक्की सड़क जोड़ने की भी है.इस योजना के तहत हर कच्ची सड़क का पक्कीकरण करना है, ताकि लोगों को बारिश के दिनों में होनेवाली परेशानी से मुक्ति मिल सके. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि सहजनवा कला गांव में करीब कई वर्षों से अब तक सड़क का पक्कीकरण नहीं हुआ है, जिससे पूरे मार्ग गड्ढ़े में तब्दील हो गए हैं.

"पानी में घुसकर आना जाना पड़ता है. जनप्रतिनिधि कुछ सुनने को तैयार नहीं है. उन लोगों को हमारी समस्या से कोई फर्क नहीं पड़ता है."-ग्रामीण

इतना ही नहीं बरसात के दिनों में इस सड़क पर जलजमाव की समस्या उतपन्न हो जाती है, जिसपर चल पाना मुश्किल हो जाता है. अब ऐसे में एकबार फिर गांव की सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और मुखिया जी एक बार फिर मौके की तलाश में है. लेकिन इस बार जनता भी अपने सवालों को लेकर मुखिया को घेरने की तैयारी में है.

ईटीवी भारत की टीम जब सहजनवा कला गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने क्षेत्र की समस्या गिनाना शुरू कर दिया. ग्रामीणों के मानें तो निवर्तमान मुखिया ने पंचायत के विकास में अपनी कुछ भूमिका तो अदा की है लेकिन पूर्ण तरीके से अपना फर्ज नहीं निभाया है. गांव से निकलने के लिए सड़क अभी तक नहीं बनाई गई है.

साथ ही वर्षो से यहां पुलिया ध्वस्त है जिससे लोगों को पानी पार कर जाना पड़ता है. पुलिया ध्वस्त हो जाने के कारण सबसे ज़्यादा समस्या बच्चों को होती है. स्कूल जाने में बच्चों को खासी परेशानी उत्पन्न होती है. बच्चों को स्कूल जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. ग्रामीणों का कहना है कि समस्याओं से कई बार मुखिया व अन्य जन प्रतिनिधियो को अवगत कराया गया लेकिन अब तक किसी ने भी इसपर पहल नहीं की है. लोगों ने साफ कर दिया है कि अब जो काम करेगा वोट उसी को दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- चौथे चरण का नामांकन शुरू, पर्चा दाखिले में प्रत्याशी समर्थकों का उमड़ा हुजूम.. पुलिस ने खदेड़ा

यह भी पढ़ें- मुंगेर मतदान के दौरान दो प्रत्याशियों के समर्थकों में भिड़ंत, पुलिस की गाड़ी क्षतिग्रस्त

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दरअसल जिले में पंचायत सरकार बनाने को लेकर जहां जिला प्रशासन चुस्त दुरूस्त है. वहीं क्षेत्र के प्रत्याशियों ने अपने अपने दाव पेंच लगाना शुरू कर दिया है. वोट मांगने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. वहीं जनता भी अब मन बना बैठी है कि जो काम करेगा वोट उसी को दिया जाएगा. जनता ने पांच साल में पंचायत सरकार द्वारा किए गये कार्यों का पूरा ब्यौरा तैयारा कर लिया है.

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"सबसे बड़ी समस्या हमारी सड़क है. पुलिया भी टूटा है. पुल बनाने की मांग बरसों से कर रहे हैं लेकिन आज तक निर्माण नहीं हुआ है. हमलोग बहुत परेशानी झेलते हैं."- ग्रामीण

मेया पंचायत के सहजनवा कला गांव की सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. सड़क की समस्या से ग्रामीण पिछले कई सालों से जूझ रहे हैं. इतना ही नहीं पक्की सड़क के लिए यहां के ग्रामीण वर्षो से तरस रहे हैं. लेकिन मुखिया ने अबतक इनकी मांगों पर संज्ञान नहीं लिया है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना में एक योजना गांव गांव तक पक्की सड़क जोड़ने की भी है.इस योजना के तहत हर कच्ची सड़क का पक्कीकरण करना है, ताकि लोगों को बारिश के दिनों में होनेवाली परेशानी से मुक्ति मिल सके. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि सहजनवा कला गांव में करीब कई वर्षों से अब तक सड़क का पक्कीकरण नहीं हुआ है, जिससे पूरे मार्ग गड्ढ़े में तब्दील हो गए हैं.

"पानी में घुसकर आना जाना पड़ता है. जनप्रतिनिधि कुछ सुनने को तैयार नहीं है. उन लोगों को हमारी समस्या से कोई फर्क नहीं पड़ता है."-ग्रामीण

इतना ही नहीं बरसात के दिनों में इस सड़क पर जलजमाव की समस्या उतपन्न हो जाती है, जिसपर चल पाना मुश्किल हो जाता है. अब ऐसे में एकबार फिर गांव की सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और मुखिया जी एक बार फिर मौके की तलाश में है. लेकिन इस बार जनता भी अपने सवालों को लेकर मुखिया को घेरने की तैयारी में है.

ईटीवी भारत की टीम जब सहजनवा कला गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने क्षेत्र की समस्या गिनाना शुरू कर दिया. ग्रामीणों के मानें तो निवर्तमान मुखिया ने पंचायत के विकास में अपनी कुछ भूमिका तो अदा की है लेकिन पूर्ण तरीके से अपना फर्ज नहीं निभाया है. गांव से निकलने के लिए सड़क अभी तक नहीं बनाई गई है.

साथ ही वर्षो से यहां पुलिया ध्वस्त है जिससे लोगों को पानी पार कर जाना पड़ता है. पुलिया ध्वस्त हो जाने के कारण सबसे ज़्यादा समस्या बच्चों को होती है. स्कूल जाने में बच्चों को खासी परेशानी उत्पन्न होती है. बच्चों को स्कूल जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. ग्रामीणों का कहना है कि समस्याओं से कई बार मुखिया व अन्य जन प्रतिनिधियो को अवगत कराया गया लेकिन अब तक किसी ने भी इसपर पहल नहीं की है. लोगों ने साफ कर दिया है कि अब जो काम करेगा वोट उसी को दिया जाएगा.

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