गोपालगंज: जिले में सीवरेज सिस्टम सही नहीं होने से लोग जलजमाव की समस्या झेल रहे हैं. इलाके में जलनिकासी नहीं होने से लोगों का जीना दूभर हो गया है. साथ ही लोगों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है.
टैक्स देने के बावजूद सीवरेज सिस्टम नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कभी डीपीआर बनाने की बात होती है तो कभी सर्वे की योजना बनती है. लेकिन पिछले कई सालों से इसका हल नहीं निकाला जा सका है. लोग कहते हैं कि वे नगरीय टैक्स देते हैं, फिर भी सुविधा से वंचित हैं.
पीने का पानी भी है दूषित
शहर में सीवरेज की व्यवस्था पूरी तरह से फेल है. शहर से निकलने वाली गंदगी बगैर सीवरेज और ट्रीटमेंट प्लांट के सीधे भूजल में प्रवेश कर रही है. जिससे भूजल के दूषित होने का प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है. लोग बताते हैं कि शहर के कई इलाकों में प्रथम लेयर का पानी सप्लाई होता है, जो दूषित है. ऐसे में लोगों को उनके स्वास्थ्य की चिंता सता रही है.
4 साल से अटकी पड़ी है योजना
नगर परिषद शहर में करीब 4 साल से सीवेज की व्यवस्था लागू करने का प्लान बना रहा है. लेकिन यह व्यवस्था आज भी लागू नहीं हो सकी है. जिला मुख्यालय सहित बरौली मीरगंज और कटेया जैसे शहर के कुछ इलाके हैं, जहां सीवरेज की कोई भी व्यवस्था नहीं है. लिहाजा, नाले का पानी सड़कों पर बहता रहता है. खासकर बारिश में हालत बद से बदतर हो जाती है.
'योजना पर तेजी से हो रहा काम'
नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि शहर में सीवेज नेटवर्क बनाने की योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है. जिसके लिए बोर्ड के जरिए एक प्रस्ताव लिया गया है. चेयरमैन ने कहा कि वे प्रस्ताव को नगर विकास और आवास विभाग के माध्यम से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास भेजने वाले है. ताकि लोगों को राशि आवंटित कर सीवरेज लाइन का लाभ मिल सकेगा.