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गोपालगंज: होलिका दहन के साथ शुरू हुआ रंगो का त्योहार होली

गोपालगंज के लोगों ने होलिका दहन पर जश्न मनाया. होलिका के पवित्र आग में गेहूं ,चना और जौ की बाली, फल, मीठा, गुलाल डाला और अपने जीवन की दुःख व विपदाओं को दहन कर लोगों ने रंगों के पर्व की शुरुआत की.

होलिका दहन
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Published : Mar 21, 2019, 8:47 AM IST

गोपालगंज: हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार होली प्रेम और भाईचारे के साथ काफी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत होलिका दहन के साथ ही शुरू हो गई. वहीं, इस पावन मौके पर गोपालगंज में होलिका दहन का आयोजन किया गया. इसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए.

गोपालगंज के लोगों ने होलिका दहन पर जश्न मनाया, साथ ही होलिका के पवित्र आग में गेहूं ,चना और जौ की बाली, फल, मीठा, गुलाल डाला. अपने जीवन की दुःख व विपदाओं को दहन कर लोगों ने रंगों के पर्व की शुरुआत की.

जानकारों की माने तो इस बार की होलीका दहन बेहद ही खास है .शास्त्रों में फागुन मास की पूर्णिमा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. क्योंकी इस दिन आग में बैठी होलिका जलकर भस्म हो गई थी. वहीं, भक्त प्रलहाद बच गया था और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी.

गोपालगंज: हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार होली प्रेम और भाईचारे के साथ काफी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत होलिका दहन के साथ ही शुरू हो गई. वहीं, इस पावन मौके पर गोपालगंज में होलिका दहन का आयोजन किया गया. इसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए.

गोपालगंज के लोगों ने होलिका दहन पर जश्न मनाया, साथ ही होलिका के पवित्र आग में गेहूं ,चना और जौ की बाली, फल, मीठा, गुलाल डाला. अपने जीवन की दुःख व विपदाओं को दहन कर लोगों ने रंगों के पर्व की शुरुआत की.

जानकारों की माने तो इस बार की होलीका दहन बेहद ही खास है .शास्त्रों में फागुन मास की पूर्णिमा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. क्योंकी इस दिन आग में बैठी होलिका जलकर भस्म हो गई थी. वहीं, भक्त प्रलहाद बच गया था और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी.

Intro:होलिका दहन के साथ शुरू हुई रंगो के त्यौहार होली



गोपालगंज। हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक प्रेम और भाईचारे का पर्व होलिका दहन के साथ शुरू हुई। इस अवसर पर जहां पूरे देश में होलिका दहन की धूम मची हुई है। वही गोपालगंज के नगर थाना के पास होलिका दहन का आयोजन किया गया इस दौरान आसपास के सैकड़ों की संख्या में मौजूद युवाओं की टोली ने होलिका दहन पर जश्न मनाया साथ ही होलिका की पवित्र आग में गेहूं ,चना और जौ,की बाली सरसों का अपटन, फल ,मीठा ,गुलाल के साथ अपने जीवन की दुःख व विपदाओं का भी दहन कर लोगों ने रंगों के पर्व की शुरुआत की जानकारों की माने तो इस बार की होलीका दहन बेहद ही खास है शास्त्रों में फागुन मास की पूर्णिमा बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है मान्यता है कि आज ही के दिन राजा हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र पहलाद को मारने के लिए बहन होलिका से मदद मांगी थी जिसके बाद ब्रम्हा जी से कभी ना जाने का वरदान पाने वाली होलीका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई थी भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को मारने की मंशा से आग में बैठी होलिका खुद ही जलकर भस्म हो गई भगवान की लीला ही थी जिसकी वजह से अच्छाई की बुराई पर जीत हुई। तब से लोग हर होलिका दहन का पर्व मनाते आये है।


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