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गोपलगंज: कई गांव में घुसा बाढ़ का पानी, पलायन करने को मजबूर ग्रामीण - गोपलगंज में पलायन

गोपलगंज के कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसकी वजह से ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हो गये हैं. इस बीच प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को सतर्क कर दिया है.

gopalganj
गांव में घुसा बाढ़ का पानी
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Published : Sep 27, 2020, 5:10 PM IST

गोपलगंज: वाल्मिकी नगर बराज से छोड़े गए 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी के कारण देवापुर के पास बने छरकी और मुख्य बांध टूट गया है. जिसके कारण पानी गांव की ओर रुख कर चुका है. ऐसे में एक बार फिर बाढ़ पीड़ित भय के साये में जीने को विवश है.

जलस्तर में हुई बढ़ोतरी
नेपाल के तराई इलाके में हो रही बारिश के कारण वाल्मिकी नगर बराज से चार लाख बारह हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे गंडक के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बरौली प्रखंड के देवापुर में बांध टूट जाने के कारण बाढ़ का पानी निचले इलाके के गांवों में प्रवेश करते हुए सारण तटबंध तक पहुंच गया है. जलस्तर में हुई बढ़ोतरी के कारण पानी मुख्य बांध को तोड़ते हुए कई गांवों में प्रवेश कर गया है.

पलायन कर रहे लोग
जल धारा को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से बालू भरे बोरे को डाल जा रहा है. लेकिन प्रशासन का यह प्रयास सफल नहीं हो सका है. इस बीच प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को सतर्क कर दिया है. गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से गांव छोड़कर लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन करने लगे हैं.

कई गांव में घुसा पानी
बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने फिर से कम्युनिटी किचन खोलने की कवायद शुरू कर दी है. बता दें पिछले 23 जुलाई की रात में गंडक नदी के दबाव से यहीं छरकी और मुख्य सारण तटबंध टूटा था. जिसके कारण कई गांव तबाह हो गया था. धीरे-धीरे बाढ़ का पानी उतरने के बाद बाढ़ प्रभावित गांव में जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है.

देवापुर में टूटा बांध
टूटे बांध और तटबंध को बालू भरे बोरे से बांधने काम चल रहा था. इस बीच वाल्मिकी नगर बराज से चार लाख बारह क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिससे जिले से होकर गुजरने वाली गंडक नदी फिर उफान पर आ गई है. उफनाई गंडक नदी के पानी के दबाव से पकहां और देवापुर में जहां बांध पहले टूटा था, वहीं फिर बांध टूट गया.

बांध टूटने से गंडक नदी का पानी देवापुर मुख्य तटबंध से ओवर फ्लो करने के बाद टूट गया और पानी फिर तेजी से गांव में प्रवेश कर गया. बाढ़ के पानी बरौली, सिंधवलिया और मांझा प्रखंड के कई गांवों में घुस गया है.

ग्रामीणों में भय का माहौल
सड़कों पर करीब दो फीट तक पानी बहने लगा है. पानी चंवर, खेत खलिहान को भरते हुए आगे बढ़ रहा है. बाढ़ का खतरा मंडराने से मांझा, बरौली, बैंकुठपुर और सिंधवलिया प्रखंड के बाढ़ से प्रभावित हुए 270 गांवों के ग्रामीणों में फिर बेचैनी बढ़ गई है. बाढ़ का खतरा बढ़ने को देखते हुए जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को सतर्क कर दिया है.

गोपलगंज: वाल्मिकी नगर बराज से छोड़े गए 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी के कारण देवापुर के पास बने छरकी और मुख्य बांध टूट गया है. जिसके कारण पानी गांव की ओर रुख कर चुका है. ऐसे में एक बार फिर बाढ़ पीड़ित भय के साये में जीने को विवश है.

जलस्तर में हुई बढ़ोतरी
नेपाल के तराई इलाके में हो रही बारिश के कारण वाल्मिकी नगर बराज से चार लाख बारह हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे गंडक के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बरौली प्रखंड के देवापुर में बांध टूट जाने के कारण बाढ़ का पानी निचले इलाके के गांवों में प्रवेश करते हुए सारण तटबंध तक पहुंच गया है. जलस्तर में हुई बढ़ोतरी के कारण पानी मुख्य बांध को तोड़ते हुए कई गांवों में प्रवेश कर गया है.

पलायन कर रहे लोग
जल धारा को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से बालू भरे बोरे को डाल जा रहा है. लेकिन प्रशासन का यह प्रयास सफल नहीं हो सका है. इस बीच प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को सतर्क कर दिया है. गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से गांव छोड़कर लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन करने लगे हैं.

कई गांव में घुसा पानी
बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने फिर से कम्युनिटी किचन खोलने की कवायद शुरू कर दी है. बता दें पिछले 23 जुलाई की रात में गंडक नदी के दबाव से यहीं छरकी और मुख्य सारण तटबंध टूटा था. जिसके कारण कई गांव तबाह हो गया था. धीरे-धीरे बाढ़ का पानी उतरने के बाद बाढ़ प्रभावित गांव में जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है.

देवापुर में टूटा बांध
टूटे बांध और तटबंध को बालू भरे बोरे से बांधने काम चल रहा था. इस बीच वाल्मिकी नगर बराज से चार लाख बारह क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिससे जिले से होकर गुजरने वाली गंडक नदी फिर उफान पर आ गई है. उफनाई गंडक नदी के पानी के दबाव से पकहां और देवापुर में जहां बांध पहले टूटा था, वहीं फिर बांध टूट गया.

बांध टूटने से गंडक नदी का पानी देवापुर मुख्य तटबंध से ओवर फ्लो करने के बाद टूट गया और पानी फिर तेजी से गांव में प्रवेश कर गया. बाढ़ के पानी बरौली, सिंधवलिया और मांझा प्रखंड के कई गांवों में घुस गया है.

ग्रामीणों में भय का माहौल
सड़कों पर करीब दो फीट तक पानी बहने लगा है. पानी चंवर, खेत खलिहान को भरते हुए आगे बढ़ रहा है. बाढ़ का खतरा मंडराने से मांझा, बरौली, बैंकुठपुर और सिंधवलिया प्रखंड के बाढ़ से प्रभावित हुए 270 गांवों के ग्रामीणों में फिर बेचैनी बढ़ गई है. बाढ़ का खतरा बढ़ने को देखते हुए जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को सतर्क कर दिया है.

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