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गोपालगंज: अधर में लटका कृषि फीडर का काम, खेत पटवन के लिए डीजल पंप सेट के सहारे किसान

कार्य को धरातल पर उतारने के लिए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कर्मियों ने जिले के विभिन्न प्रखंड कार्यालयों में शिविर लगाकर मुफ्त में कनेक्शन के लिए आवेदन भी स्वीकृत किए गए थे. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

गोपालगंज
डीजल पंप सेट के सहारे किसान
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Published : Dec 12, 2019, 10:08 AM IST

Updated : Dec 12, 2019, 12:51 PM IST

गोपालगंज: प्रदेश की सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं का रोडमैप तैयार किया है. इन योजनाओं के तहत जिले के किसानों को अलग से कृषि फीडर के माध्यम से विद्युत कनेक्शन देने की योजना बनाई गई थी. लेकिन जिले में यह योजना विभागीय लापरवाही के कारण काफी सुस्त रफ्तार में चल रही है.

गोपालगंज
कृषि फीडर , गोपालगंज

डीजल पर हो रहा बड़ी राशि खर्च
बताया जा रहा है कि जिले में 6 हजार 2 सौ 25 किसानों ने पटवन के लिए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दिया था. लेकिन इसका लाभ केवल 17 सौ 73 किसानों को मिल रहा है. इस वजह से बड़ी संख्या में किसान इस योजना के लाभ से वंचित है. जिस कारण जिले के किसानों को खेत पटवन के लिए डीजल पर बड़ी राशि खर्च करनी पर पर रही है.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

किसान लगा रहे विभाग का चक्कर
इस संबंघ में स्थानीय किसान इम्तियाज, अखिललानंद मिश्रा और नागेंद्र सिंह बताते है कि विभाग के सुस्त कार्य प्रणाली के कारण किसान आज भी वर्षा और नहर के पानी पर निर्भर है. जिस वजह से कृषी कार्य में काफी परेशानी होती है. किसान रोज विभाग का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी किसान पंप सेट का सहारा लेकर डीजल पर एक बड़ी राशि खर्च कर अपने फसलों का पटवन करने को बाध्य हैं.

किसान
नागेंद्र सिंह, किसान

मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने की थी योजना
बताया जा रहा है कि जिले के किसानों की परेशानी और मांग के बाद प्रदेश की सरकार ने किसानों को बिजली का कृषि कनेक्शन देने का निर्णय लिया था. कार्य को धरातल पर उतारने के लिए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कर्मियों ने जिले के विभिन्न प्रखंड कार्यालयों में शिविर लगाकर मुफ्त में कनेक्शन के लिए आवेदन भी स्वीकृत किए गए थे. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

गोपालगंज
विकास कुमार, कार्यपालक अभियंता

जल्द मिलेगा किसानों को लाभ- कार्यपालक अभियंता
इस संबंध में परियोजना के विद्युत कार्यपालक अभियंता विकास कुमार बताते है कि कार्य थोड़ी धीमी हुई है, लेकिन बहुत जल्द ही लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कृषि कनेक्शन के लिए किसानों ने 6 हजार 2 सौ 25 किसानों ने आवेदन दिया था. जिसमें 17 सौ 73 किसानों को कनेक्शन मुहैया करा दिया गया है. शेष 4 हजार 4 सौ 52 किसानों को जल्द ही सुविधा का लाभ उपलब्घ करवाया जाएगा. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि इस योजना के तहत जिले के 14 ब्लॉक में काम चल रहा है. माह के अंत तक सभी किसानों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जाएगा.

गोपालगंज: प्रदेश की सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं का रोडमैप तैयार किया है. इन योजनाओं के तहत जिले के किसानों को अलग से कृषि फीडर के माध्यम से विद्युत कनेक्शन देने की योजना बनाई गई थी. लेकिन जिले में यह योजना विभागीय लापरवाही के कारण काफी सुस्त रफ्तार में चल रही है.

गोपालगंज
कृषि फीडर , गोपालगंज

डीजल पर हो रहा बड़ी राशि खर्च
बताया जा रहा है कि जिले में 6 हजार 2 सौ 25 किसानों ने पटवन के लिए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दिया था. लेकिन इसका लाभ केवल 17 सौ 73 किसानों को मिल रहा है. इस वजह से बड़ी संख्या में किसान इस योजना के लाभ से वंचित है. जिस कारण जिले के किसानों को खेत पटवन के लिए डीजल पर बड़ी राशि खर्च करनी पर पर रही है.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

किसान लगा रहे विभाग का चक्कर
इस संबंघ में स्थानीय किसान इम्तियाज, अखिललानंद मिश्रा और नागेंद्र सिंह बताते है कि विभाग के सुस्त कार्य प्रणाली के कारण किसान आज भी वर्षा और नहर के पानी पर निर्भर है. जिस वजह से कृषी कार्य में काफी परेशानी होती है. किसान रोज विभाग का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी किसान पंप सेट का सहारा लेकर डीजल पर एक बड़ी राशि खर्च कर अपने फसलों का पटवन करने को बाध्य हैं.

किसान
नागेंद्र सिंह, किसान

मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने की थी योजना
बताया जा रहा है कि जिले के किसानों की परेशानी और मांग के बाद प्रदेश की सरकार ने किसानों को बिजली का कृषि कनेक्शन देने का निर्णय लिया था. कार्य को धरातल पर उतारने के लिए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कर्मियों ने जिले के विभिन्न प्रखंड कार्यालयों में शिविर लगाकर मुफ्त में कनेक्शन के लिए आवेदन भी स्वीकृत किए गए थे. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

गोपालगंज
विकास कुमार, कार्यपालक अभियंता

जल्द मिलेगा किसानों को लाभ- कार्यपालक अभियंता
इस संबंध में परियोजना के विद्युत कार्यपालक अभियंता विकास कुमार बताते है कि कार्य थोड़ी धीमी हुई है, लेकिन बहुत जल्द ही लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कृषि कनेक्शन के लिए किसानों ने 6 हजार 2 सौ 25 किसानों ने आवेदन दिया था. जिसमें 17 सौ 73 किसानों को कनेक्शन मुहैया करा दिया गया है. शेष 4 हजार 4 सौ 52 किसानों को जल्द ही सुविधा का लाभ उपलब्घ करवाया जाएगा. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि इस योजना के तहत जिले के 14 ब्लॉक में काम चल रहा है. माह के अंत तक सभी किसानों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जाएगा.

Intro:केंद्र व राज्य सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए कृषि रोडमैप तैयार किया है इसके तहत किसानों के लिए अलग से कृषि फीडर के माध्यम से किसानों को विद्युत कनेक्शन देने की योजना बनाई गई ताकि किसानों को फसल पटवन में कोई परेशानी नहीं हो लेकिन गोपालगंज विद्युत विभाग किसानों को यह व्यवस्था देने में सुस्त है। यहां किसनो ने 6 हजार 2 सौ 25 आवेदन तो जमा किया है, लेकिन मात्र 17 सौ 73 किसानों को ही इसका लाभ मिल सका ऐसे में अन्य किसानो को खेत का पटवन के लिए डीजल पर एक बड़ी राशि खर्च करना पड़ रहा है।









Body:बिजली विभाग के सुस्त कार्य प्रणाली का आलम यह है कि यहां के किसान आज भी वर्षा व नहर के पानी पर निर्भर है। साथ ही डीजल पर एक बड़ी राशि भी खर्च कर रहे हैं। इधर हजारों किसान कृषि कार्य के लिए रोज विभाग का चक्कर लगा रहे हैं ताकि उनके खेतों तक बिजली की सप्लाई पहुंच पाए लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी कई ऐसे किसान है जिनके खेतों तक अभी भी बिजली सप्लाई नहीं पहुंच पाई है। मजबूर किसान पंप सेट का सहारा लेकर डीजल पर एक बड़ी राशि खर्च कर अपने फसलों का पटवन करने को बाध्य हैं। सरकार किसानों को डीजल की वजह बिजली आधारित फसल सिंचाई करने को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कनेक्शन देने का निर्णय लिया था। किसानों को मुफ्त में बिजली के कनेक्शन देने की कवायद भी प्रारंभ की गई। कार्य को धरातल पर उतारने के मद्देनजर साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कर्मी जिले के विभिन्न प्रखंड कार्यालयों में शिविर लगाकर मुफ्त में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन स्वीकृत किये थे। लेकिन कनेक्शन देने में विभाग काफी पीछे है। जिस कारण किसान को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। विभाग कि आधारभूत संरचना का ही अब तक रोना रो रही है। परियोजना के विद्युत कार्यपालक अभियंता विकास कुमार भी मानते है कि कार्य थोड़ी धीमी हुई है लेकिन बहुत जल्द ही अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। विभागीय आकड़ो पर गौर करे तो अब तक कृषि कनेक्शन के लिए किसानों ने 6225 आवेदन दिए है जिसमे विभाग द्वारा महज 17 सौ 73 किसानों को ही बिजली कनेक्शन मुहैया कराने में कामयाब रही। शेष 4452 किसानों द्वारा दिए गए आवेदन के बाद भी उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं मिल सका है। वहीं प्रोजेक्ट कार्यपालक अभियंता विकास कुमार का दावा है कि किसानों को यह सुविधा देने का कार्य चल रहा है। दिसंबर के अंत तक सभी किसानों को यह सुविधा प्राप्त कराई जाएगी। 14 ब्लॉक में काम चल रहा है। वही किसानों के माने तो विभाग द्वारा सुस्त कार्यप्रणाली के कारण यह योजना सिर्फ कागजों पर ही दिखाई देती है। धरातल पर कुछ नहीं है कृषि पर जीविका चलाने वाले किसानों द्वारा कनेक्शन के लिए वर्षों पहले ही आवेदन दिया जा चुका है लेकिन आज तक उन किसानों को कनेक्शन नहीं मिल सका

क्या है कृषि कनेक्शन
बिजली कनेक्शन मिलने और बिजली उपभोग करने के बाद बिजली बिल के भुगतान के समय निर्धारित शुल्क जमा किया जाएगा जिसमें सिंगल फेज के लिए आवेदन शुल्क 75 रुपये इंस्टॉलेशन शुल्क 400 सौ रुपये और सिक्योरिटी राशि प्रति एचपी 400 सौ का भुगतान करना होगा। जबकि थ्री पेज के लिए आवेदन शुल्क 200 सौ, इंस्टॉलेशन शुल्क 900 सौ और सिक्योरिटी राशि प्रति एचपी 400 सौ देना होगा । विभाग ने किसानों को सुविधा देने के लिए इस राशि को 10 बराबर किस्तों में भुगतान का भी विकल्प खुला रखा है। इन किस्तों पर कोई सूद नहीं लगेगा। किसानों को खेतों में लगी फसल पटवन के लिए मात्र 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा। कंपनी के अनुसार किसान की ओर से बिजली बिल का भुगतान करने के बाद ही बिजली बिल जमा करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त किसी तरह का चार्ज भी नहीं लगेंगे। पहले किसानों से खेती के मौसम के अलावा 1 महीनों में भी मीटर चार्ज सहित कई अन्य जांच के नाम पर बिजली बिल लिए जाते थे। बिजली के उपयोग नहीं करने के बावजूद बिजली लगाने से किसान कनेक्शन लेने से घबराते थे।

दिसम्बर 2019 तक करना था कार्य पूरा
किसानों को कृषि कनेक्शन देने के लिए बिजली विभाग को दिसंबर 2019 तक 100% लक्ष्य पूरा करने का निर्देश प्राप्त है। खेतों की सिंचाई के लिए संचालित इस योजना में काफी कम प्रगति से जिले के किसान परेशान है। आवेदन देने के बाद भी 72 प्रतिशत किसानों को कनेक्शन नहीं मिला है। ऐसे में किसान सिंचाई करने के पम्पी सेट से खेतों की पटवन करने को बाध्य है। जो काफी महंगे साबित हो रहा है। किसान कनेक्शन के लिए कंपनी का चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। कंपनी ने 26 जून 2019 से कैंप लगाना भी बंद कर दिया है। जिससे कई किसान आवेदन देने से भी वंचित रह गए हैं

बाइट-इम्तियाज, किसान(चेक सर्ट)
बाइट-आख़िलानंद मिश्रा,किसान( गमछा लिए हुए)
बाइट-नागेंद्र सिंह, किसान(बनियान पहने हुए)
बाइट-विकास कुमार, कार्यपाल अभियंता परियोजना(दाढ़ी रखे हुए)






Conclusion:na
Last Updated : Dec 12, 2019, 12:51 PM IST
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