गोपालगंज: जिले में कड़ाके की ठंड और शीतलहर से जहां लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है. वहीं खेतों में लगे फसलों पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है. इस मौसम में सब्जी के फसल झुलसा रोग से बर्बाद हो रहे हैं, जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
झुलसा रोग सब्जियों के लिए नुकसानदायक
बता दें कि आलू उत्पादन के लिए झुलसा रोग हर साल मुसीबत लेकर आता है. महिला किसान गायत्री देवी ने बताया कि इस बार ठंड और शीतलहर ज्यादा होने की वजह से आलू की फसल ठीक नहीं निकल रही है. वहीं, किसान उमेश सिंह और फिरोज आलम ने बताया कि ठंड ज्यादा होने से खेतों में लगे फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बताया कि किसानों को हमेशा मौसम की मार झेलनी पड़ती है.
रबी के लिए उपयुक्त मौसम
पिछले कुछ दिनों से शीतलहर की वजह से धूप नहीं निकल रही है. आलू के आलावा अन्य सब्जियों की फसल पर भी झुलसा रोग का प्रकोप नजर आने लगा है. हालांकि अभी इसका असर शुरुआती चरण में है. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इस मौसम में गेहूं, गन्ना से लेकर रबी की सभी फसलों के पौधे का विकास होता है. वहीं आलू सहित सब्जी की फसलें बर्बाद होने लगती है.
क्या है लक्षण:
- ठंड से पौधों की पत्तियां और फूल झुलसने लगते हैं.
- फलिया और बालियों में दाने नहीं बनते और वह सिकुड़ जाते हैं.
सर्दी के मौसम में टमाटर, आलू, बैगन, मटर, चना, जीरा, धनिया, सौंफ इत्यादि फसलों में सबसे ज्यादा 85 से 92 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है. वहीं गेहूं और जौ को 10 से 20% तक नुकसान हो सकता है.
सब्जी की फसलों को झुलसा रोग से बचाने के उपाय
- प्रति कट्ठा के ढाई एमएल डाईईथेन एम 45 का दस लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. छिड़काव करने से झुलसा रोग का असर खत्म हो जाता है.
- अगर सब्जी की फसल पर झुलसा रोग का असर अधिक दिखे तो किसानों को प्रति कट्ठा में ढाई एमएल रिडोमिल दवा का दस लीटर में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.