गोपलगंजः जिले में अपराधिक गतिविधियों का दौरा लगातार जारी है. जिस पर अंकुश लगा पाना पुलिस के लिए एक मुश्किल साबित हो रहा है. जिले में अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ है, कि महज 24 घण्टे के अंदर दिन के उजाले में अपराधियों ने दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया और आसानी से फरार हो गए.
24 घंटे में हुई दो हत्याएं
बताया जाता है कि हत्या की इन दो घटनाओं के बाद मीरगंज इलाके में दहशत का माहौल है. क्योंकि पहले शनिवार को सिवान जिले के कुख्यात राजकुमार शर्मा की हत्या हुई. वहीं, रविवार को जिगना पंचायत के पूर्व मुखिया अरुण सिंह की हत्या हुई. इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि अपराधियों का मनोबल किस कदर बढ़ा हुआ है.
पुलिस की चुनौती बने अपराधी
दरअसल पुलिस जब तक एक हत्या की गुत्थी सुलझा पाती है तब तक दूसरी हत्या हो जाती है. लेकिन पुलिस के हाथ हमेशा ही खाली रहते हैं. अब तक पुलिस इस दोनों घटना में शामिल एक भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. हालांकि मामले के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामले की जांच कर छापेमारी शुरू कर दी है.
'फेल साबित हुई है वर्तमान सरकार'
जिले में बढ़ते आपराध के ग्राफ पर ईटीवी भारत ने जब स्थानीय लोगों से बात कि तो लोगों ने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दोषी ठहराया. इस संदर्भ में आरजेडी किसान सेल के जिलाध्यक्ष अरुण सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार फेल साबित हुई है. आये दिन लूट हत्या बलात्कार की घटना पूरे प्रदेश में घट रही है.
ये भी पढ़ेंः बांका में वार्ड सदस्य पति की गोली मारकर हत्या
'आपराधिक घटनाओं का कारण है बेरोजगारी'
वहीं, स्थानीय निवासी परमानन्द से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिले में 24 घण्टे के अंदर दो हत्याओं से पूरा जिला दहला हुआ है. अपराधी दिन के उजाले में ही आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती दे डालते हैं. वहीं, समाजिक कार्यकर्ता इरफान अली, गुड्डी और सुजीत कुमार बादल ने कहा कि आपराधिक घटनाओं में इजाफा होने का कारण बेरोजगारी है. जिले में बेरोजगार युवाओं की तादात काफी है. ऐसे युवा अपराध के रास्ते को ही चुन रहे हैं.
'सरकार के पास युवाओं के लिए कुछ नहीं'
व्यवसायी अमरेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस का भी रोल ठीक नहीं है. सिर्फ पुलिस दारू के पिछे भाग रही शराबबंदी के नाम पर शराब को ही पकड़ा जा रहा. जिससे अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. सरकार के पास युवाओं के लिए कोई योजना नहीं है. आज सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ती तो इस कदर आपराधिक घटनाएं नहीं होती.