गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में अपहरण का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल, एक युवक ने खुद के अपहरण की साजिश रच कर परिवारवालों से 20 लाख रुपये की डिमांड की थी. अब विजयीपुर थाना क्षेत्र के मिश्र बंधौरा गांव से पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल पुलिस ने गिरफ्तार शख्स को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस घटना में युवक जिस मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था, उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. मोबाइल को युवक ने गोबर में छिपाकर रखा था.
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पाटीदारों पर लगाया था अपहरण का आरोप: इस संदर्भ में हथुआ एसडीपीओ अनुराग कुमार ने बताया कि 22 मई को विजयीपुर थाना क्षेत्र क्षेत्र के हकारपुर गांव निवासी मराछी देवी ने पाटीदारों पर अपने बेटे दिलीप यादव के अपहरण का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें रामनक्षत्र यादव का बेटा दीनदयाल यादव, बालेश्वर यादव, बृजमोहन यादव, किशुनदेव यादव के बेटे अर्जुन यादव, राजकोकील यादव के बेटे श्यामसुंदर यादव और नागेन्द्र यादव को नामजद आरोपी बनाया गया था. प्राप्त आवेदन के आधार पर पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी.
अपने खाते पर पैसा भेजने का डाल रहा था दबाव: तकनीकी जांच से यह बात सामने आई कि अपहृत दिलीप यादव का लोकेशन गुजरात के गोधरा स्टेशन और महाराष्ट्र के कपी स्टेशन के आस-पास है. बीच-बीच में अपहृत दिलीप यादव के मोबाइल से उसके परिजन को मैसेज भेजकर बीस लाख रुपये की मांग की जाती थी और दिलीप के खाता में ही रुपया डालने की बात कही जाती थी. रुपया खाता में नहीं डालने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती थी.
महाराष्ट्र और गुजरात भेजी गई थी स्पेशल टीम: एसडीपीओ अनुराग कुमार ने बताया की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए 13 जून को एक विशेष टीम गठित कर अपहृत की बरामदगी के लिए गुजरात और महाराष्ट्र के लिए रवाना किया. इस बात की भनक अपहृत को लगते ही वह अपना स्थान बदलने लगा. टीम लगातार पीछा करती रही. इस बीच तकनीकी जांच से यह भी पता चला कि अपने प्रवास के दौरान दिलीप ने कई सिम का प्रयोग किया है. उसके खाते से कई बार रुपये का ट्रांसफर हुआ है तथा एटीएम कार्ड से, फोन पे से रुपया भेजा गया है.
घरवालों से की थी 20 लाख की मांग: तकनीकी निशानदेही के आधार पर दिलीप कुमार को विजयीपुर थाना क्षेत्र के मिश्र बंधौरा से बरामद कर लिया गया. पुलिसिया पूछताछ में उसने बताया कि उसका अपहरण नहीं हुआ है. वह स्वयं घर से भागा था और खुद की सेल्फी लेकर अपने घर वालों के मोबाइल पर भेजकर 20 लाख रुपये की मांग की थी. उसने बताया कि वह ऑनलाइन जुआ खेलता है. अपने प्रवास के दौरान 1.26 लाख रुपया ऑनलाइन जुए में हार गया है.
जमीन बेचकर जुए में हार गया था सारा पैसा : भागने के कारण के बारे में पूछने पर बताया को 9.40 लाख रुपया में दो जगह जमीन बेचे थे. जिसका विरोध पाटीदारों ने किया था. 4 लाख रुपया कर्ज दिये तथा शेष रुपया जुआ में हार गये. उसने बताया कि जांच के दौरान गोबर में छुपाकर रखे गये दो सिम कार्ड वाला ओपो कम्पनी का एक मोबाइल, 02 एटीएम कार्ड, दो सिम कार्ड तथा 1500 रुपया बरामद किया गया है. पुलिस ने उस पर गुमराह करने का आरोप लगाया है.
"दिलीप यादव के अपहरण का मामला विजयीपुर थाना में दर्ज किया गया था. इसके बाद तकनीकी अनुसंधान में पता चला कि दिलीप के जिस मोबाइल से अपहरण के फिरौती की मांग की जा रही है, उसका लोकेशन गुजरात और महाराष्ट्र दिखा रहा है. इसके बाद एक टीम दोनों जगह भेज दी गई. चूंकि दिलीप ने खुद अपने अपहरण की साजिश रची थी. इसलिए उसे पता चल गया और वह बिहार आ गया. इसके बाद जब उसे टावर लोकेशन के आधार पर गिरफ्तार किया गया तो, उसने पूरी कहानी बताई कि वह जुए का आदि है और अपनी व अपने पाटीदारों की जमीन बेचकर उस पैसा का जुआ खेल गया था. इसलिए और अधिक पैसे के लिए यह साजिश रची."- अनुराग कुमार, एसडीपीओ, हथुआ