गोपालगंज: बिहार में आपने अपराधियों द्वारा बैंक लूटने की घटना तो सुनी होगी लेकिन यहां के बैंक अधिकारी खुद बैंक को लूटने का काम कर रहे हैं. मामला गोपालगंज जिले के भोरे प्रखंड के भोरे बाजार स्थित दी गोपालगंज सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक का है, जहां के शाखा प्रबंधक ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लगभग तीन करोड़ की राशि का गबन किया है. इस मामले को लेकर बैंक प्रबंधन ने शाखा प्रबंधक समेत तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है.
कमेटी का गठन कर की गई जांच: मामले की जानकारी मिलने के बाद बैंक के प्रबंधन बोर्ड ने कमेटी का गठन कर जांच शुरू किया. इस संदर्भ में बताया जाता है कि बैंक प्रबंधक चौधरी संजय कुमार रामाकांत, पेंटा आईटी सहायक संजय यादव, सहायक संजीव कुमार द्वारा आपसी मिलीभगत से 2.98 करोड़ रुपए एक साल में 67 खाता से अपने सगे संबंधियों के 12 खातों में रुपए ट्रांसफर किए गए.
शाखा प्रबंधक समेत तीन लोग सस्पेंड: जांच में संलिप्तता पाए जाने के बाद बैंक प्रबंधन के द्वारा शाखा प्रबंधक समेत तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है. द सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक निदेशक सैयद मसरुक आलम ने बैंक का कामकाज प्रभावित न हो, इसके लिए शाखा प्रबंधक के रूप में अमितोश रंजन और सहायक मोहित सिन्हा को तैनात किया है. वहीं 85 लाख रुपए की राशि रिकवरी होने की सूचना मिली है.
इन खातों में किए गए रुपए ट्रांसफर: बता दें कि एक वर्ष पूर्व ग्राहक अपनी राशि को फिक्स डिपोजिट कर सर्टिफिकेट लेकर चले गये थे, उसके बाद उस एफडी के एवज में शाखा प्रबंधक ने अपनी आइडी से लोन स्वीकृत कर राशि को विजयीपुर के रामबली प्रसाद, सितवंती देवी, वीरेंद्र सिंह, राजापुर कटेया के निर्भय प्रसाद यादव, रंभा देवी, विजयीपुर के अहियापुर की नीतू देवी, सरूपाई की नीलम दुबे, उसी गांव के कौशल किशोर, भोरे धर्मपुरा की विभा मिश्रा, विजयीपुर के मठिया गांव के नथुनी प्रसाद, धनौली के मनोज यादव, नयाटोला की विद्यावती देवी के खातों में ट्रांसफर किया गया.
नाबार्ड के डीडीएम ने क्या कहा: इस संदर्भ में नाबार्ड के डीडीएम डॉ अनुपम लाल कुशमाकर ने बताया कि बैंक के एमडी ने नाबार्ड को खबर की है, जिसकी जांच क्षेत्रीय कार्यालय पटना द्वारा किया जा रहा है. जांच के बाद जो भी परिणाम आयेंगे उसे शेयर किया जाएगा. फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है.
"करीब तीन करोड़ का गड़बड़ हुआ है, जिसमें बैंक कर्मी शामिल है. दस अक्टूबर को पत्र के माध्यम से नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय पटना को यह जानकारी दी है और मैंने भी अपने स्तर से नाबार्ड को सूचित किया है. ये पूरा काम नाबार्ड पटना के द्वारा ही निर्धारित किया जा रहा है, वहीं से जांच टीम बनाई गई है. अभी नाबार्ड की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है."- डॉ अनुपम लाल कुशमाकर, DDM, NABARD
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