गोपालगंजः भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के रिश्ते को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. जिले में दीपावली के 2 दिन बाद भाई-बहन का त्यौहार भैया दूज धूमधाम से मनाया जा रहा है. भैया दूज में बहन अपने भाई के लिए उपवास रखती है और भाई के दीर्घायु होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है.
चना खिलाकर बज्र होने की कामना
मान्यता है कि बहन भाइयों को गोधन पर चढ़ाया गया चना खिलाकर बज्र होने की कामना करती है. गोधन पर चढ़ाया हुआ चना को बज्र चना भी कहा जाता है. इसके बाद आटा और दाल से बना पीट्ठा भी खाने की परंपरा है. इस दिन महिलाएं अपने जीभ पर कांटे को चुभा कर अपने भाई को पहले श्राप देती है इसके बाद उन्हें जीवित करती हैं.
धूमधाम से मनाई जा रही भैया दूज
भैया दूज पर सभी जगहों पर गाय के गोबर से विभिन्न कलाकृतियां बनाकर नारियल मिठाई और चना के साथ पूजा की गई. पूजा के बाद मुसर से महिलाओं और युवतियों ने पारंपरिक गीत के साथ गोधन किया. इस दौरान गोधन भैया चलले अहेरिया अमुक बहना देली आशीष समेत अन्य पारंपरिक गीतों से पूरा महौल गुंजायमान रहा.