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मुरझा गई लालू की फुलवरिया, अस्तित्व खोने के कगार पर है रेलवे स्टेशन

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने गोपालगंज जिले के पैतृक गांव में फुलवरिया रेलवे स्टेशन बनाया था. आज ये बदहाली के दौर से गुजर रहा है. वर्षों से इस स्टेशन से सिर्फ एक ट्रेन संचालित की जा रही है.

फुलवरिया स्टेशन बदहाल
फुलवरिया स्टेशन बदहाल
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Published : Jul 21, 2021, 1:48 PM IST

गोपालगंज: फुलवरिया (Fulwariya) आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) का पैतृक गांव है. लालू यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल फुलवरिया रेलवे स्टेशन (Railway Station) सरकारी अनदेखी का शिकार है. बाहर से देखने पर यह स्टेशन अंग्रेजों के जमाने का धरोहर प्रतीत हो रहा है. लेकिन पास जाने पर इसकी बदहाली साफ देखी जा सकती है. यह स्टेशन पशुओं के लिए यह आरामगाह बना है.

इसे भी पढ़ें : लालू की फुलवरिया: लालू की मां के नाम पर बने अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव, मरीज किए जाते हैं रेफर

बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए इस स्टेशन का उद्घाटन किया था. उस समय रेलवे द्वारा यात्रियों के लिए स्टेशन पर सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई थी. लेकिन वर्तमान समय में हथुआ भटनी रेलखंड के फुलवरिया रेलवे स्टेशन पर बुनियादी सुविधाएं तक मौजूद नहीं है. जिस कारण यहां आने वाले यात्रियों को भारी समस्याओं से जूझना पड़ता है. बदहाली इस कदर व्याप्त है कि यहां रात को छोड़िए दिन में भी वीरानगी पसरी रहती है. वहीं रेलवे सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं होने से स्टेशन पर असामाजिक तत्वों का रैन बसेरा बन गया है. यह स्टेशन अब नशेड़ियों का अड्डा बनता जा रहा है.

बता दें कि तत्कालीन रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने अपने कार्यकाल में 8 जुलाई 2005 को इस स्टेशन का उद्घाटन किया था. उनकी इच्छा थी कि फुलवरिया गांव के लोगों को रेल यातायात में कोई परेशानी ना हो. लेकिन सत्ता की बागडोर जाने के साथ ही स्टेशन उपेक्षा का शिकार हो गया है. शुरुआती समय में स्टेशन के रखरखाव पर भी विशेष ध्यान दिया गया लेकिन अपनी स्थापना के समय से ही स्टेशन मास्टर की पदस्थापन नहीं की गई.

देखें वीडियो

फुलवरिया स्टेशन से हाजीपुर-कटिहार तक ट्रेन का परिचालन शुरू कराया गया. सिर्फ यही ट्रेन आज तक यहां चल रही है. मौजूदा समय में इस स्टेशन पर साफ-सफाई, बिजली, स्टेशन मास्टर, सुरक्षाकर्मी पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नदारत है.

ये भी पढ़ें : लालू की जीवनी लिखने वाले नलिन वर्मा फिर से चर्चा में, बिहार के लोककथाओं पर लिखी किताब

स्टेशन परिसर में एकमात्र सहारा चापाकल पिछले कई वर्षों से खराब पड़ा हुआ है. यात्री यहां बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. पहले हाजीपुर फुलवरिया बथुआ बाजार पकड़ी सहित कई गांव के यात्री यहां से रेल यात्रा करते थे लेकिन अब रात में हमेशा अंधेरा होने के कारण यात्रियों का आना काफी कम हो गया है. ऐसे में सबसे अधिक परेशानी महिलाओं और बच्चों को होती है.

गोपालगंज: फुलवरिया (Fulwariya) आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) का पैतृक गांव है. लालू यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल फुलवरिया रेलवे स्टेशन (Railway Station) सरकारी अनदेखी का शिकार है. बाहर से देखने पर यह स्टेशन अंग्रेजों के जमाने का धरोहर प्रतीत हो रहा है. लेकिन पास जाने पर इसकी बदहाली साफ देखी जा सकती है. यह स्टेशन पशुओं के लिए यह आरामगाह बना है.

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बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए इस स्टेशन का उद्घाटन किया था. उस समय रेलवे द्वारा यात्रियों के लिए स्टेशन पर सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई थी. लेकिन वर्तमान समय में हथुआ भटनी रेलखंड के फुलवरिया रेलवे स्टेशन पर बुनियादी सुविधाएं तक मौजूद नहीं है. जिस कारण यहां आने वाले यात्रियों को भारी समस्याओं से जूझना पड़ता है. बदहाली इस कदर व्याप्त है कि यहां रात को छोड़िए दिन में भी वीरानगी पसरी रहती है. वहीं रेलवे सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं होने से स्टेशन पर असामाजिक तत्वों का रैन बसेरा बन गया है. यह स्टेशन अब नशेड़ियों का अड्डा बनता जा रहा है.

बता दें कि तत्कालीन रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने अपने कार्यकाल में 8 जुलाई 2005 को इस स्टेशन का उद्घाटन किया था. उनकी इच्छा थी कि फुलवरिया गांव के लोगों को रेल यातायात में कोई परेशानी ना हो. लेकिन सत्ता की बागडोर जाने के साथ ही स्टेशन उपेक्षा का शिकार हो गया है. शुरुआती समय में स्टेशन के रखरखाव पर भी विशेष ध्यान दिया गया लेकिन अपनी स्थापना के समय से ही स्टेशन मास्टर की पदस्थापन नहीं की गई.

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फुलवरिया स्टेशन से हाजीपुर-कटिहार तक ट्रेन का परिचालन शुरू कराया गया. सिर्फ यही ट्रेन आज तक यहां चल रही है. मौजूदा समय में इस स्टेशन पर साफ-सफाई, बिजली, स्टेशन मास्टर, सुरक्षाकर्मी पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नदारत है.

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स्टेशन परिसर में एकमात्र सहारा चापाकल पिछले कई वर्षों से खराब पड़ा हुआ है. यात्री यहां बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. पहले हाजीपुर फुलवरिया बथुआ बाजार पकड़ी सहित कई गांव के यात्री यहां से रेल यात्रा करते थे लेकिन अब रात में हमेशा अंधेरा होने के कारण यात्रियों का आना काफी कम हो गया है. ऐसे में सबसे अधिक परेशानी महिलाओं और बच्चों को होती है.

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