गोपालगंज: सरकार योजनाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे तो करती है. लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही देखने को मिलता है. जिले के एक गांव में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए छह वर्ष पहले मत्स्य प्रशिक्षण केंद्र खोला गया था. लेकिन सरकार की लापरवाही से यह एक भवन ही बन कर रह गया.
जिले के सदर प्रखंड के तुरकाहा में 2012 में तत्कालीन मंत्री गिरिराज सिंह ने यहां एक मत्स्य प्रसार सह प्रशिक्षण केंद्र के भवन का उद्घाटन किया थ. इसके साथ ही एक पोखर की खुदाई भी की गई थी. जिसमें मछली पालन का प्रशिक्षण दिया जा सके. लेकिन आज इस पोखर की स्थिती यह है कि बच्चे इसमें क्रिकेट खेलते हैं. वहीं, आज ग्रामीण इस भवन का उपयोग मवेशियों के लिए कर रहे हैं.
जल्द शुरू होगा प्रशिक्षण
इस मामले में मत्स्य प्रसार पर्यवेक्षक अख्तर हुसैन ने कहा कि उस केंद्र पर सत्र 2014-15 में मछली पालकों के लिए प्रशिक्षण का कार्य हुआ था. इसमें लक्ष्य अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 30-30 की संख्या निर्धारित की गई थी. लेकिन सरकार की तरफ से लक्ष्य ही नहीं आया. इससे प्रशिक्षण दिया जा सके. लक्ष्य का निर्धारण होने पर फिर से प्रशिक्षण का कार्य शुरू किया जाएगा.