गोपालगंज/पटना : बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) को सफल बनाने के लिए सरकार लगातार नए नए कदम उठा रही है. मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग शराब ढूंढने के लिए जहां खोजी कुत्तों की मदद ले रही है. वहीं प्राइवेट जासूसों की भी मदद लेने की योजना बनाई है. इसके बाद अब विभाग शराबबंदी कानून को और कारगर बनाने के लिए संविदा पर अधिकारियों की नियुक्ति (Appointment of officers on contract) का फैसला लिया है.
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विभाग की ओर से सहायक आयुक्त और मद्य निषेध अधीक्षक के पदों पर संविदा के जरिए बहाली की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है. इसके लिए अधिकतम 65 वर्ष के सेवानिवृत्त पदाधिकारियों से आवेदन मांगा गया है. विभाग के एक अधिकारी की मानें तो मद्य निषेध के सहायक आयुक्त और अधीक्षक के पद पर संविदा के आधार पर चयन नियोजन की तारीख से एक वर्ष या उक्त पद नियमित नियुक्ति व प्रोन्नति होने तक के लिए होगा.
नियोजन के लिए सरकार के आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा. नियोजित कर्मी के काम की समय-समय पर समीक्षा भी होगी, अगर उनके कार्य संतोषजनक नहीं पाए गए, तो विभाग के पास संविदा रद्द करने का अधिकार भी होगा.
इससे पहले मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने शराब माफिया की जड़ों को तलाशने के लिए प्राइवेट जासूसों (डिटेक्टिव एजेंसी) की मदद लेने का फैसला किया है. इसको लेकर डिटेक्टिव एजेंसी की खोज भी शुरू कर दी गई है. एजेंसी अवैध शराब बनाने वालों के साथ ही सूबे में विदेश शराब की आपूर्ति करने वाले शराब माफियाओं की जानकारी देगी. जिसके आधार पर विभाग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी.