गोपालगंज: जिले के भुआली टोला गांव के रहने वाले अनूप कुमार ने कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के व्यवस्था की है. जिसमें वे खुद की एग ट्रे फैक्ट्री स्थापित कर लोगों को रोजगार दे रहे हैं. ऐसे में बेरोजगार युवाओं को काम की तालाश में दूसरे जगह जाना नहीं पड़ता है. उन्हें अपने गांव में ही रोजगार मिल गया है. जिससे वे काफी खुश हैं.
रद्दी कागजों को रिसाइकिलिंग कर बनती है एग ट्रे
गली-मोहल्लों में कबाड़ वाले रद्दी कागज, कॉपी और अखबार घरों से खरीद कर बाहर ले जाते रहे हैं. लेकिन अब ये रद्दी कागज और कॉपी बाहर नहीं भेजे जाते है, ब्लकि जिले में ही बेचे जाते हैं. दरअसल, एग ट्रे फैक्ट्री इन रद्दी कागजों को रिसाइकिलिंग कर एग ट्रे बनाती हैं. जिसके जरिए फैक्ट्री में युवाओं को रोजगार मिल रहा है.
हरियाणा के एग ट्रे फैक्ट्री में करते थे काम
एग ट्रे फैक्टरी के मालिक अनूप कुमार बताते हैं कि इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद वे रोजगार की तालाश में बिहार से बाहर चले गए. उन्होंने फिर कई फैक्ट्रियों में काम किया. जिसके बाद उनको हरियाणा में एक एग ट्रे फैक्ट्री में काम करने का मौका मिला. जहां कुछ दिनों काम करने के बाद उन्होंने सोचा कि क्यों न अपने गांव में खुद की फैक्ट्री शुरू की जाए. इससे वहां के लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा. इसके बाद उन्होंने जमीन बेचकर और पैसे जमा कर के अपने ही गांव में एग ट्रे फैक्ट्री शुरू की.
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'एग ट्रे की रहती है मांग'
अनूप कुमार ने बताया कि अंडा उत्पादन का क्षेत्र बड़ा है. जिससे एग ट्रे की मांग बनी रहती है. ऐसे में सिवान, छपरा, बेतिया, मुजफ्फरपुर के साथ ही सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और देवरिया में एग ट्रे सप्लाई की जाती है. इन सबके कारण इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ने लगे हैं.