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एग ट्रे की फैक्ट्री खोलकर गोपालगंज अनूप कुमार युवाओं को दे रहे हैं रोजगार

अंडा उत्पादन का क्षेत्र बड़ा है. जिससे एग ट्रे की मांग बनी रहती है. ऐसे में सिवान, छपरा, बेतिया, मुजफ्फरपुर के साथ ही सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और देवरिया में एग ट्रे सप्लाई की जाती है.

एग ट्रे फैक्ट्री
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Published : Nov 22, 2019, 2:38 PM IST

गोपालगंज: जिले के भुआली टोला गांव के रहने वाले अनूप कुमार ने कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के व्यवस्था की है. जिसमें वे खुद की एग ट्रे फैक्ट्री स्थापित कर लोगों को रोजगार दे रहे हैं. ऐसे में बेरोजगार युवाओं को काम की तालाश में दूसरे जगह जाना नहीं पड़ता है. उन्हें अपने गांव में ही रोजगार मिल गया है. जिससे वे काफी खुश हैं.

रद्दी कागजों को रिसाइकिलिंग कर बनती है एग ट्रे
गली-मोहल्लों में कबाड़ वाले रद्दी कागज, कॉपी और अखबार घरों से खरीद कर बाहर ले जाते रहे हैं. लेकिन अब ये रद्दी कागज और कॉपी बाहर नहीं भेजे जाते है, ब्लकि जिले में ही बेचे जाते हैं. दरअसल, एग ट्रे फैक्ट्री इन रद्दी कागजों को रिसाइकिलिंग कर एग ट्रे बनाती हैं. जिसके जरिए फैक्ट्री में युवाओं को रोजगार मिल रहा है.

खुद की एग ट्रे फैक्ट्री खोलकर अनूप कुमार दे रहे हैं युवाओं को रोजगार

हरियाणा के एग ट्रे फैक्ट्री में करते थे काम
एग ट्रे फैक्टरी के मालिक अनूप कुमार बताते हैं कि इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद वे रोजगार की तालाश में बिहार से बाहर चले गए. उन्होंने फिर कई फैक्ट्रियों में काम किया. जिसके बाद उनको हरियाणा में एक एग ट्रे फैक्ट्री में काम करने का मौका मिला. जहां कुछ दिनों काम करने के बाद उन्होंने सोचा कि क्यों न अपने गांव में खुद की फैक्ट्री शुरू की जाए. इससे वहां के लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा. इसके बाद उन्होंने जमीन बेचकर और पैसे जमा कर के अपने ही गांव में एग ट्रे फैक्ट्री शुरू की.

यह भी पढ़ेंः कैमूर: मुर्गे की हत्या के आरोप में 7 लोगों पर FIR, कराया गया पोस्टमॉर्टम

'एग ट्रे की रहती है मांग'
अनूप कुमार ने बताया कि अंडा उत्पादन का क्षेत्र बड़ा है. जिससे एग ट्रे की मांग बनी रहती है. ऐसे में सिवान, छपरा, बेतिया, मुजफ्फरपुर के साथ ही सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और देवरिया में एग ट्रे सप्लाई की जाती है. इन सबके कारण इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ने लगे हैं.

गोपालगंज: जिले के भुआली टोला गांव के रहने वाले अनूप कुमार ने कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के व्यवस्था की है. जिसमें वे खुद की एग ट्रे फैक्ट्री स्थापित कर लोगों को रोजगार दे रहे हैं. ऐसे में बेरोजगार युवाओं को काम की तालाश में दूसरे जगह जाना नहीं पड़ता है. उन्हें अपने गांव में ही रोजगार मिल गया है. जिससे वे काफी खुश हैं.

रद्दी कागजों को रिसाइकिलिंग कर बनती है एग ट्रे
गली-मोहल्लों में कबाड़ वाले रद्दी कागज, कॉपी और अखबार घरों से खरीद कर बाहर ले जाते रहे हैं. लेकिन अब ये रद्दी कागज और कॉपी बाहर नहीं भेजे जाते है, ब्लकि जिले में ही बेचे जाते हैं. दरअसल, एग ट्रे फैक्ट्री इन रद्दी कागजों को रिसाइकिलिंग कर एग ट्रे बनाती हैं. जिसके जरिए फैक्ट्री में युवाओं को रोजगार मिल रहा है.

खुद की एग ट्रे फैक्ट्री खोलकर अनूप कुमार दे रहे हैं युवाओं को रोजगार

हरियाणा के एग ट्रे फैक्ट्री में करते थे काम
एग ट्रे फैक्टरी के मालिक अनूप कुमार बताते हैं कि इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद वे रोजगार की तालाश में बिहार से बाहर चले गए. उन्होंने फिर कई फैक्ट्रियों में काम किया. जिसके बाद उनको हरियाणा में एक एग ट्रे फैक्ट्री में काम करने का मौका मिला. जहां कुछ दिनों काम करने के बाद उन्होंने सोचा कि क्यों न अपने गांव में खुद की फैक्ट्री शुरू की जाए. इससे वहां के लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा. इसके बाद उन्होंने जमीन बेचकर और पैसे जमा कर के अपने ही गांव में एग ट्रे फैक्ट्री शुरू की.

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'एग ट्रे की रहती है मांग'
अनूप कुमार ने बताया कि अंडा उत्पादन का क्षेत्र बड़ा है. जिससे एग ट्रे की मांग बनी रहती है. ऐसे में सिवान, छपरा, बेतिया, मुजफ्फरपुर के साथ ही सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और देवरिया में एग ट्रे सप्लाई की जाती है. इन सबके कारण इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ने लगे हैं.

Intro:कहते है मन मे कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो परेशानी आड़े नही आती ।कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जिले के भुआली टोला गाँव निवासी वासुदेव सिंह के पुत्र अनूप कुमार ने जिसने कड़ी मेहनत व लग्न के बदौलत यहां के बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के व्यवस्था कर डाली।


Body:अब यहां के बेरोजगार युवक को दूसरे जगह काम के तालाश में नही जाना पड़ रहा है। अब इन्हें अपने गाँव मे ही रोजी रोटी चलाने के लिए व्यवस्था मिल गई है जिससे ये खुश है। अनुप कुमार सिंह वैसे बेरोजगारों में से एक थे जो अपने रोजगार की तलाश में कई जगह भटके और अंततः खुद का फ़ैक्ट्री लगा डाला आज अनूप दर्जनों लोगों को रोजगार दे रहे है।

क्या है एग ट्रे

आपने कई बार गली मोहल्लों में 'बेचो रद्दी कागज कॉपी.... की आवाज जरूर सुनी होगी जिसमें एक कबाड़ वाले साइकिल पर रद्दी कागज कॉपी खरीदते हुए नजर आते है। ये खरीदे हुए रद्दी कागज को कबाड़ के माध्यम से बाहर भेजते थे लेकिन अब ये रद्दी कागज के कबाड़ बाहर भेजने के बाजए अब जिले में ही बेची जाने लगी है। क्योंकि जिले में ही रोजगार के फूल खिलने लगे हैं। कागज के गत्ते के कबाड़ का साइकिलिंग कर एग ट्रे बनाने की विधि ग्रामीण इलाके के युवाओं के लिए रोजगार का अवसर मिल गया है। जिले में एग ट्रे बनाने के माध्यम से कई बेरोजगार रोजगार से जुड़कर प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार पा रहे है।

पहले की थी लेबर का काम अब हो गए फैक्ट्री के मालिक

इंटर के तक पढ़ाई करने के बाद सदर प्रखंड के भुआली टोला गाँव निवासी अनूप कुमार रोजी रोजगार के तालाश में कई फैक्ट्रियों में काम किया इसके बाद हरियाणा में बन रहे एग ट्रे फैक्ट्री में काम करने का उसे मौका मिला जहाँ कुछ दिन काम करने के बाद उसने मन मे ठान लिया कि क्यों न अपने ही गाँव मे इस रोजगार को किया जाए ताकि अन्य बेरोजगारो को रोजगार मिल सके। इसके बाद उसने अपने गाँव लौट कर जमीन बेचकर हरियाणा से मशीन मंगाया और अपने ही गाँव मे एग ट्रे फ़ैक्ट्री लगा डाली। जिससे यहां के युवाओ को रोजगार के साधन मिलने लगे। अनूप ने बताया कि पहले यह समझ में नही आया कि यह काम कैसे किया जाए लेकिन धीरे धीरे सारा काम आसान होता गया।। इन्होंने बताया कि इस समय अंडा उत्पादन के क्षेत्र में युवा आगे आ रहे है जिससे एग ट्रे की मांग भी बढ़ने लगी है। जिसको देखते हुए कबाड़ के कागज से जिले में ही एग ट्रे बनाने की शुरुआत कर दी गई। यहां के बने एग ट्रे की मांग अब अन्य जिले में बढ़ने लगी है। यहां से सिवान, छपरा, बेतिया, मुजफ्फरपुर के साथ ही सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कुशीनगर तथा देवरिया एग ट्रे की सप्लाई जा रही। यहां बनी एग ट्रे की मांग अन्य जिले में बढ़ने से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ने लगे है।।

सरकार से नही मिलता है मदद

अनूप कुमार ने बताया की सरकार द्वारा बेरोजगारों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है साथ ही उद्योग धंधे को बढ़ावा देने के लिए बाते कहे जा रही है लेकिन हम लोगो को आज तक सरकारी सुविधाएं नही मिलती अगर सरकार के तरफ से कोई सुविधा मीलती यो इसे हम लोग वृहद रूप से किया जाता। ताकि और भी बेरोजगारो को रोजगार मिल सकता।



Conclusion:na
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