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गोपालगंज: एक ब्लैक बोर्ड पर हो रही 3 क्लास की पढ़ाई, DEO बोलीं- जांच के बाद होगी शिफ्टिंग - राजकीय प्राथमिक विद्यालय गोपालगंज

विद्यालय में कुल 111 बच्चे नामांकित हैं. वहीं, एक ही कमरे में तीन कक्षाएं लगने के कारण बच्चों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. यहां एक ही बोर्ड पर तीसरी, चौथी और पांचवी क्लास के बच्चों को पढ़ाया जाता है.

नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़
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Published : Aug 23, 2019, 3:14 PM IST

गोपालगंज: केन्द्र और राज्य सरकार एक ओर नौनिहालों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए की करोड़ो रूपये खर्च कर रही हैं. वहीं, जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. विद्यालय में एक कमरे में एक ही समय में 3 कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. जिसके चलते यहां के बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, जिला प्रशासन है कि कुम्भकर्णीय नींद से जागने का नाम ही नहीं ले रहा है.

Gopalganj
एक बलैक बोर्ड में हो रही दो कक्षाओं की पढाई

25 साल में भी नहीं बदले हालात
शहर के बीच पुरानी चौक स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय का हाल 25 साल बाद भी बेहाल है. जिला प्रशासन के कुम्भकर्णीय नींद में सोने के कारण 25 साल बाद भी विद्यालय के हालात जस के तस हैं. एक ही कमरे में एक ही ब्लैक बोर्ड पर लग रही 3 कक्षाएं इसका जीता जागता उदाहरण हैं. ऐसे में स्कूल के बच्चे को पढ़ाने के बजाय चकरघिन्नी बना दिया गया है. बच्चे कभी शिक्षकों द्वारा समझाए जा रहे सवाल को देखते ही रह जाते हैं. लेकिन समझ में कुछ नहीं आता.

बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़

111 बच्चों का भविष्य दांव पर
विद्यालय में कुल 111 बच्चे नामांकित हैं. वहीं, एक ही कमरे में तीन कक्षाएं लगने के कारण बच्चों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. यहां एक ही बोर्ड पर तीसरी, चौथी और पांचवी क्लास के बच्चों को पढ़ाया जाता है. बांकी के बच्चों को स्कूल के बाहर बरामदे में शिक्षा दी जाती है. क्लास में पढ़ रही एक बच्ची ने बताया कि कमरे में बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण गर्मी में पढ़ाई करनी पड़ती है. बच्ची कहना है कि अलग-अलग कमरों में क्लास लगाई जाए. ताकि उन्हें दिक्कतें नहीं हों. वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी संघमित्रा वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बीईओ द्वारा इसकी जांच कराई जाएगी. साथ ही ऐसे विद्यालय को दूसरे विद्यालय में शिफ्ट किया जाएगा.

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राजकीय प्राथमिक विद्यालय

गोपालगंज: केन्द्र और राज्य सरकार एक ओर नौनिहालों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए की करोड़ो रूपये खर्च कर रही हैं. वहीं, जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. विद्यालय में एक कमरे में एक ही समय में 3 कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. जिसके चलते यहां के बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, जिला प्रशासन है कि कुम्भकर्णीय नींद से जागने का नाम ही नहीं ले रहा है.

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एक बलैक बोर्ड में हो रही दो कक्षाओं की पढाई

25 साल में भी नहीं बदले हालात
शहर के बीच पुरानी चौक स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय का हाल 25 साल बाद भी बेहाल है. जिला प्रशासन के कुम्भकर्णीय नींद में सोने के कारण 25 साल बाद भी विद्यालय के हालात जस के तस हैं. एक ही कमरे में एक ही ब्लैक बोर्ड पर लग रही 3 कक्षाएं इसका जीता जागता उदाहरण हैं. ऐसे में स्कूल के बच्चे को पढ़ाने के बजाय चकरघिन्नी बना दिया गया है. बच्चे कभी शिक्षकों द्वारा समझाए जा रहे सवाल को देखते ही रह जाते हैं. लेकिन समझ में कुछ नहीं आता.

बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़

111 बच्चों का भविष्य दांव पर
विद्यालय में कुल 111 बच्चे नामांकित हैं. वहीं, एक ही कमरे में तीन कक्षाएं लगने के कारण बच्चों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. यहां एक ही बोर्ड पर तीसरी, चौथी और पांचवी क्लास के बच्चों को पढ़ाया जाता है. बांकी के बच्चों को स्कूल के बाहर बरामदे में शिक्षा दी जाती है. क्लास में पढ़ रही एक बच्ची ने बताया कि कमरे में बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण गर्मी में पढ़ाई करनी पड़ती है. बच्ची कहना है कि अलग-अलग कमरों में क्लास लगाई जाए. ताकि उन्हें दिक्कतें नहीं हों. वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी संघमित्रा वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बीईओ द्वारा इसकी जांच कराई जाएगी. साथ ही ऐसे विद्यालय को दूसरे विद्यालय में शिफ्ट किया जाएगा.

Gopalganj
राजकीय प्राथमिक विद्यालय
Intro:शहर में एक ऐसा स्कूल वर्षो से आज भी संचालित हो रहा है जिसमे मूलभूत सुविधाओं का घोर आभाव है। यहां पढ़ने वाले बच्चे हमेशा भ्रम में रहते हैं। क्योंकि यहां एक ही रूम में 3 वर्ग संचालित होते हैं। एक ही ब्लैक बोर्ड पर 3 शिक्षक एक ही समय में अलग-अलग कक्षा के बच्चों को पढ़ाते हैं। ऐसे में स्कूल के बच्चे कभी एक शिक्षक तो कभी दूसरी शिक्षक द्वारा समझाए जा रहे सवाल को देखते ही रह जाते हैं। यह हालात है गोपालगंज शहर के बीचों बीच पुरानी चौक स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय की जहाँ एक दो वर्षों से नहीं बल्कि 25 वर्षों से भी अधिक समय से यह समस्या बनी हुई है। बावजूद शासन प्रशासन की नजरें इस ओर नहीं जाती


Body:इस राजकीय प्राथमिक विद्यालय में सिर्फ दो कमरे है एक कमरे में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होता है। जबकि दूसरे कमरे में 3 क्लास की एक साथ पढ़ाई होती है। लिहाजा इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और पढ़ाने वाले शिक्षक सभी कंफ्यूज रहते हैं।
इस विद्यालय में कुल 111 बच्चे नामांकित है जिसमे कई बच्चे जबकि तीन शिक्षिकाए तैनात है। यहां एक से पाँचवीं कक्षा तक कि पढ़ाई कराई जाती है। ईटीवी भारत के संवाददाता स्कूल पहुँचे तो कई तरह के चौकाने दृश्य देखने को मिले
जहां इस विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र मौजूद थे और 2 शिक्षिकाएं एक ही ब्लैक बोर्ड पर तीसरी और पांचवी की बच्चों को हिंदी और गणित की शिक्षा दे रही थी। वही स्कूल के बाहर बरामदे में प्राचार्या बच्चो को पढा रही थी। एक ही कमरे में संचालित होने वाले विद्यालय को किसी विद्यालय में विलय भी नहीं किया गया और ना ही पुनर्वासीत किया गया। एक ओर सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में संसाधन बढ़ा रही है। संसाधन बढ़ाने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन स्कूलों में संसाधन बढ़ाने की सरकार की पहल अभी तक शहर के गोपालगंज में नहीं पहुंची। यहां के बच्चो की ख्वाहिश है कि उन्हें बहु अलग अलग क्लास रूम मुहैया कराई जाए। गर्मी से निजात दिलाई जाए लेकिन उनकी ये ख्वाहिश पूरी होती हुई नजर नही आती। यहां तीन-तीन शिक्षकों को एक साथ पढ़ाने से बच्चे ना तो समझ पाते हैं और ना ही ब्लैक बोर्ड पर क्या लिखा है यह उनको नजर आती है। इस प्राथमिक विद्यालय में संसाधन की भारी कमी है। यहां पढ़ाई के नाम पर बस कोरम पूरा हो रहा है ऐसी स्थिति में यहां पढ़ने वाले बच्चों के साथ शिक्षक व शिक्षिकाएं भी परेशान है। लेकिन इसके बाद भी इस विद्यालय की तरफ शिक्षा विभाग ध्यान नहीं दे रहा। स्कूल की शिक्षिका खुश्बू देवी की माने तो बच्चों को भारी कुव्यवस्था के बीच पढ़ाना उनकी मजबूरी है। इस तरह से एक साथ एक ही बोर्ड पर पढ़ाने से बच्चे कंफ्यूज हो जाते हैं। एक ही रूम में तीन वर्ग संचालित करना काफी परेशानी उतपन्न होता है। अगर बगल की आंगनबाड़ी की रूम स्कूल को मिल जाता तो काफी सहूलियत होता। बावजूद संसाधन के अनुसार बच्चो को शिक्षा दी जाती है। यहां एक ही बोर्ड पर तीसरी, चौथी और पांचवी क्लास के बच्चों को पढ़ाया जाता है बाकी बच्चों को स्कूल के बाहर बरामदे में शिक्षा दी जाती है। विद्यालय के प्राचार्या राजवंती कुमारी ने बताया कि इस स्कूल में मात्र दो ही कमरे हैं और एक आंगनबाड़ी है। यह समस्या 25 वर्षो से बना हुआ है। कई बार अधिकारियों को इसके बारे में अवगत कराया गया लेकिन किसी ने आज तक पहल नही की। वही छात्रा रूबी कुमारी ने बताया कि हम लोगो को एक साथ तीन क्लास के छात्रों की पढ़ाई होती है। मैडम के पढ़ाई समझ मे नही आती है। यहां गर्मी बहुत लगती है पंखा भी नही लगी है। जिससे और परेशानियां बढ़ जाती है। वही पूरे मामले को लेकर जब जिला शिक्षा पदाधिकारी संघमित्रा वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बीईओ द्वारा इसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही ऐसे विद्यालय को दूसरे विद्यालय में शिफ्ट किया जाएगा।







Conclusion:na
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