गया: बिहार के गया में जिला परिषद (Gaya Zilla Parishad) की सामान्य बैठक जिला परिषद के सभागार में आयोजित की गई. जिसमें लगभग जिला परिषद के सभी सदस्य एवं वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी शामिल हुए. तभी बैठक के दौरान फतेहपुर प्रखंड की जिला पार्षद श्वेता यादव आक्रोशित हो गईं. वे बैठक का बहिष्कार करते हुए जिला परिषद के सभागार से बाहर आकर सड़क पर बैठ गईं. अचानक इस तरह से महिला सदस्य को सड़क पर बैठा देख आसपास के लोग जुट गए. उनका आरोप है कि बैठक के दौरान जब अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में रखने लगी तो जिला परिषद अध्यक्ष नैना कुमारी (Gaya Zilla Parishad President Naina Kumari) ने बोलने से रोक दिया.
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जिला परिषद सदस्य ने खोला मोर्चा : जिला परिषद सदस्य श्वेता यादव ने जिला परिषद अध्यक्ष नैना कुमारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने कहा कि मुझे बोलने से रोक दिया जाता है. इसी से नाराज होकर बैठक से बाहर निकलकर सड़क पर बैठ गईं. इस दौरान आस-पास के लोगों की भीड़ लग गई. वहीं, मौके पर रहे जिला परिषद अध्यक्ष नैना कुमारी के पति धर्मवीर सिंह उन्हें काफी मान-मनौवल करते रहे और बैठक में शामिल होने के लिए उनसे आग्रह करते रहे. लेकिन वो नहीं मानी. जिला परिषद सदस्य श्वेता यादव ने बताया कि वर्ष 2022 के फरवरी माह में पहली बैठक हुई थी. तब हमने जिला पार्षद सदस्यों को शहर में रहने के लिए कमरा उपलब्ध कराने की बात कही थी. ताकि काम करने में सहूलियत हो. हमलोगों काफी दूर सुदूरवर्ती क्षेत्र से आते हैं. ऐसे में यहां शहर में रहने की व्यवस्था ना होने से काफी समस्या होती है.
'पिछली बैठक में भी इस बात को रखा था. लेकिन प्रोसेडिंग में इस बात को हटा दिया गया. आज की बैठक में भी मैं अपने क्षेत्र की पेयजल, सड़क, स्कूल सहित अन्य कई समस्याओं को रख रही थी. तभी जिला परिषद अध्यक्ष नैना कुमारी हमें बोलने से रोकने लगीं. हम अपने क्षेत्र की समस्या को ना रखें. आखिर वे ऐसा क्यों कर रही है?. सदन में सब को अपने क्षेत्र की समस्या को रखने का अधिकार है. लेकिन नैना कुमारी हमें लगातार बैठक में अपनी बातों को रखने से रोक रही हैं. जब तक जिलाधिकारी मौके पर नहीं आते हैं, तब तक हम सड़क से नहीं उठेंगे और यही बैठे रहेंगे.' - श्वेता यादव, जिला परिषद सदस्य