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गया: इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर रहे कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग, माही से हुए थे प्रेरित

गया के कोच प्रखंड स्थित बड़गांव निवासी प्रभात कुमार ने मध्यप्रदेश के झाबुआ से कड़कनाथ प्रजाति के 25 मादा और 5 नर मुर्गा लाकर फार्मिंग शुरू की है. इंजीनियर प्रभात यह फार्मिंग पायलट प्रोजेक्ट के तहत कर रहे हैं.

Kadaknath chicken farming in gaya
Kadaknath chicken farming in gaya
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Published : Mar 5, 2021, 4:38 PM IST

गया: जिले में पहली बार कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग शुरू हो गयी है. जिले के कोच प्रखंड स्थित बड़गांव निवासी प्रभात कुमार ने मध्यप्रदेश के झाबुआ से कड़कनाथ प्रजाति के 25 मादा और 5 नर मुर्गा लाकर फार्मिंग शुरू की है. अब जिले में लोगों को कड़कनाथ मुर्गा का मांस आसानी से मिलेगा. इंजीनियर प्रभात यह फार्मिंग पायलट प्रोजेक्ट के तहत कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें:- मुकेश सहनी को बर्खास्त करने को लेकर विधानमंडल में हंगामा, बोले CM नीतीश- आश्चर्यजनक और गंभीर मामला

प्रभात अध्ययन कर रहे हैं कि कड़कनाथ मुर्गा जिले के वातावरण में कितना ढलता है. कितना विकास करता है, इसका स्वास्थ्य और प्रजनन प्रकिया में कोई असर पड़ता है या नहीं. ये पूरी जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. प्रभात ने बताया कि इंजीनियरिंग छोड़कर आने के बाद उन्होंने कृषि क्षेत्र में काम शुरू किया.

'समर्थ संस्था के जरिये हमलोग किसानों से आमदनी वाला फसल लगवाते हैं, जो नगदी आमदनी दे सके. इसी के तहत मशरूम की खेती हजारों किसानों से करवाया. अब सालों भर रोजगार के लिए कम लागत और कम जगह में कड़कनाथ मुर्गा का फार्मिंग एक पायलट प्रोजेक्ट के तहच शुरू किया है. अभी तक यह फार्मिंग सफल रही है. बड़ी बात कि इसे रखना बड़ा आसान है.' -प्रभात कुमार, फार्म संचालक.

यह भी पढ़ें:- दूल्हे को देख दुल्हन बोली- नहीं करनी इससे शादी, Whatsapp पर 'वो' वाली तस्वीर दिखा पक्की हुई थी शादी

महेंद्र सिंह धोनी से मिली थी प्रेरणा
उन्होंने बताया कि इसका मांस काले रंग का होता है. इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और आयरन की मात्रा अधिक होती है. हमारे परिवेश में इसका मांस महिलाओं के लिए ज्यादा लाभकारी है. बाजार में इसके एक अंडे की कीमत 50 रुपये है.

Kadaknath chicken farming in gaya
पोल्ट्री फॉर्म में अंडा

वहीं कड़कनाथ मुर्गे का मांस प्रति किलो एक हजार से पंद्रह सौ रुपये में बिकता है. उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट सफल हो गया तो बड़े पैमाने पर इसको शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस फॉर्मिंग से वो जिले के किसानों को जोड़ेंगे. वहीं ग्रामीण रवि रंजन ने बताया कि प्रभात पहले से किसानों की मदद करते रहे हैं. किसानों से नए नए फसलों की खेती करवाते हैं. उन्होंने गांव में सैकड़ों लोगों से मशरूम की खेती करवायी. अब वो हमें कड़कनाथ मुर्गे के बारे में जानकारी दे रहे हैं. वहीं प्रभात ने बताया कि कड़कनाथ मुर्गा पालन की प्रेरणा उन्हें पूर्व भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी से मिली.

गया: जिले में पहली बार कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग शुरू हो गयी है. जिले के कोच प्रखंड स्थित बड़गांव निवासी प्रभात कुमार ने मध्यप्रदेश के झाबुआ से कड़कनाथ प्रजाति के 25 मादा और 5 नर मुर्गा लाकर फार्मिंग शुरू की है. अब जिले में लोगों को कड़कनाथ मुर्गा का मांस आसानी से मिलेगा. इंजीनियर प्रभात यह फार्मिंग पायलट प्रोजेक्ट के तहत कर रहे हैं.

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प्रभात अध्ययन कर रहे हैं कि कड़कनाथ मुर्गा जिले के वातावरण में कितना ढलता है. कितना विकास करता है, इसका स्वास्थ्य और प्रजनन प्रकिया में कोई असर पड़ता है या नहीं. ये पूरी जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. प्रभात ने बताया कि इंजीनियरिंग छोड़कर आने के बाद उन्होंने कृषि क्षेत्र में काम शुरू किया.

'समर्थ संस्था के जरिये हमलोग किसानों से आमदनी वाला फसल लगवाते हैं, जो नगदी आमदनी दे सके. इसी के तहत मशरूम की खेती हजारों किसानों से करवाया. अब सालों भर रोजगार के लिए कम लागत और कम जगह में कड़कनाथ मुर्गा का फार्मिंग एक पायलट प्रोजेक्ट के तहच शुरू किया है. अभी तक यह फार्मिंग सफल रही है. बड़ी बात कि इसे रखना बड़ा आसान है.' -प्रभात कुमार, फार्म संचालक.

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महेंद्र सिंह धोनी से मिली थी प्रेरणा
उन्होंने बताया कि इसका मांस काले रंग का होता है. इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और आयरन की मात्रा अधिक होती है. हमारे परिवेश में इसका मांस महिलाओं के लिए ज्यादा लाभकारी है. बाजार में इसके एक अंडे की कीमत 50 रुपये है.

Kadaknath chicken farming in gaya
पोल्ट्री फॉर्म में अंडा

वहीं कड़कनाथ मुर्गे का मांस प्रति किलो एक हजार से पंद्रह सौ रुपये में बिकता है. उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट सफल हो गया तो बड़े पैमाने पर इसको शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस फॉर्मिंग से वो जिले के किसानों को जोड़ेंगे. वहीं ग्रामीण रवि रंजन ने बताया कि प्रभात पहले से किसानों की मदद करते रहे हैं. किसानों से नए नए फसलों की खेती करवाते हैं. उन्होंने गांव में सैकड़ों लोगों से मशरूम की खेती करवायी. अब वो हमें कड़कनाथ मुर्गे के बारे में जानकारी दे रहे हैं. वहीं प्रभात ने बताया कि कड़कनाथ मुर्गा पालन की प्रेरणा उन्हें पूर्व भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी से मिली.

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