गया: बिहार चुनाव में बिजली, पानी और सड़क मुद्दा बनकर उभर रहा है. साथ ही सिंचाई के लिए समय से पानी न मिलने पर अब यह मुद्दा बनता नजर आ रहा है. बेलागंज विधानसभा के काजी फतेहपुर के ग्रामीणों ने ठाना है कि इस चुनाव में वोट नहीं करेंगे. इनलोगों का कहना है कि जमुने नदी से निकला नहर में पिछले पांच वर्षों से पानी नहीं आ रहा है. इसके कारण खरीफ फसल चारा बन जा रहा है.
दरअसल, गया जिले के बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में 25 किलोमीटर की लंबी नहर गुजरती है. इस नहर से ज्यादातर खरीफ फसल की सिंचाई होती है. नहर से लगभग 24 हजार हेक्टेयर खेतों में सिंचाई होता था. लेकिन पिछले पांच वर्षों से नहर में नदी का पानी नहीं आ रहा है. इस कारण ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
क्या कहते हैं ग्रमीण?
ग्रामीण मुस्ताक अहमद ने बताया कि है पहले इस नहर से गया जिले के साथ ही जहनाबाद जिला के दर्जनों गांव में सिंचाई होती थी. नहर से खरीफ फसल के साथ ही रबी फसलों का भी सिंचाई होता था. इधर पांच सालों में नहर में अतिक्रमण और झाड़ जमने से पानी नहीं आया है. जमुने नदी का फाटक पूरा क्षतिग्रस्त है. लेकिन सरकार से लेकर अधिकारी तक इस मामले में सुस्त हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी से लेकर विधायक से अभी तक सिर्फ आश्वासन मिला है.
ग्रामीण मदन शर्मा ने कहा कि सलाना इस नहर से लाभ उठाने वाले लोग प्रति फसल 40 रुपये सरकार को भुगतना करते हैं. इस क्षेत्र का हर किसान सलाना सरकार को 80 रुपया देता है. लेकिन पांच वर्षों में नहर की सफाई नहीं हुई. हमारा फसल भगवान भरोसे है.