गया: जिले में पौष मास पूर्णिमा तिथि के अवसर पर श्री भगवान विष्णुपाद का दिव्य श्रृंगार विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति की ओर से किया गया. पौष मास की पूर्णिमा तिथि को पुष्य नक्षत्र और गुरुवार था. इस दिन गुरूपुष्य योग कहा जाता है और शास्त्रों एवं पुराणों में इसकी अनंत महिमा है.
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भगवान श्री विष्णु को प्रिय है श्रृंगार
इस नक्षत्र में पूजन, यजन भजन, भगवत स्मरण इत्यादि करने से असीम कृपा प्राप्त होती है. भगवान श्री विष्णु को श्रृंगार बहुत ही प्रिय होता है. भगवान श्री विष्णुपद कृपा भक्तों पर करें, इसी उद्देश्य से यह दिव्य श्रृंगार हुआ है.
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क्या है मान्यता
ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के चरणों के दर्शन करने से सभी दुखों का नाश होता है. श्रद्धालु इन पदचिह्नों का श्रृंगार रक्तवर्ण चंदन से करते हैं. इस पर गदा, चक्र, शंख आदि अंकित किए जाते हैं. यह परंपरा भी काफी प्राचीन काल चली आ रही है और कई वर्षों से निभाई जा रही है.