गयाः बिहार के गया में भगवान विष्णु की एक तुलसी बगिया है. जिसमें राम-श्याम नाम के तुलसी के पौधे लगे हैं. इनकी संख्या 25 हजार के करीब हैं. जितने पहर भगवान विष्णु का श्रृंगार होता है, वह इसी तुलसी के पौधे से होता है. इस बगीचे की खासियत यह है कि इस बगिया में आते ही भगवान विष्णु का मंदिर साफ तौर पर यहां से दिखता है.
ये भी पढ़ेंः Gaya News : विष्णुपद मंदिर की प्राचीन घड़ी फिर से बताने लगी समय, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
500 वर्ष से भी पुरानी है यह बगिया: यह बगिया 500 वर्ष या उससे अधिक पुरानी है. समय-समय पर इसका सौंदर्यीकरण होता रहा है. इसे तुलसी बगिया के नाम से जाना जाता है. भगवान विष्णु की नगरी में यही वह बगिया है, जहां से राम श्याम की तुलसी से भगवान विष्णु का तीनों पहर श्रृंगार होता है. साथ ही कथा जब होती है, तो उसमें भी यहीं की तुलसी लाई जाती है.
यहीं की तुलसी से होता है भगवान का श्रृंगार: यह तुलसी बगीचा कब का है, यह कोई नहीं जानता. सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी पंडा समाज के लोग इसे देखते आ रहे हैं और यहीं कि तुलसी से भगवान विष्णु के श्री चरण का श्रृंगार होता चला आ रहा है. इस तरह से पारंपरिक तरीके से इस तुलसी बगिया से ही भगवान विष्णु का श्रृंगार की परंपरा सदियों से चली आ रही है.
धरातल पर नहीं उतर पाई सौंदर्यीकरण की योजना: इस तुलसी बगीचे के सौंंदर्यीकरण के लिए कई योजनाएं बनी, लेकिन धरातल पर नहीं उतर पाई. ये तुलसी बगिया बड़े भूभाग में फैला है. यहां राम श्याम तुलसी के पौधे के अलावा गुलाब, बेली, मोगरा, चंपा जैसे सुगंधित फूल भी उगते हैं, जो भगवान पर अर्पित किए जाते हैं. इस तरह भगवान विष्णु के श्रृंगार कथा पूजा में जो भी तुलसी और फूल उपयोग होते हैं, वह यहीं के होते हैं.
कब से है बगीचा कोई नहीं जानता: यहां माली का काम करने वाले चिंटू मालाकार बताते हैं कि यह तुलसी बगिया कब से है कोई नहीं जानता. यह युग-युग से चला आ रहा है और यहीं के तुलसी और फूल से भगवान विष्णु का श्रृंगार किए जाने की परंपरा चलती आ रही है. चिंटू मालाकार बताते हैं कि यहां करीब 25000 तुलसी राम और श्याम के हैं. इसके अलावा भगवान विष्णु का रूप माने जाने वाले केले के पौधे भी यहां लगे हैं.
"इसकी खासियत यह है कि इस बगिया में आते ही भगवान विष्णु का मंदिर साफ तौर पर यहां से दिखता है. यहां करीब 25000 तुलसी राम और श्याम के हैं. इसके अलावा अन्य फूल भी उगते हैं. यहीं के तुलसी और फूल से भगवान विष्णु का श्रृंगार किए जाने की परंपरा है"- चिंटू मालाकार, बगिया के माली
भगवान विष्णु की संपत्ति है तुलसी बगिया: वहीं, गया पाल पंडा समाज के गजाधर लाल बताते हैं कि भगवान विष्णु की संपत्ति यह तुलसी की बगिया है. यह काफी पौराणिक है. सैकड़ो साल पुराना इतिहास है. हमारी परंपरा के अनुसार तुलसी बगिया के तुलसी से ही भगवान विष्णु का श्रृंगार किया जाता है. वहीं, यहीं के फूलों का भी उपयोग होता है. यहां सबसे ज्यादा राम और श्याम तुलसी के पौधे हैं.