गया: कोरोना वायरस के कारण पूरा देश भयभीत है. इसकी वजह से लोगों के जीवन में उथल-पुथल मच गया है. एक ओर जहां कोरोना वायरस के वजह से कई शादियां टल गई. वहीं निकाह को ऑनलाइन करवाया गया. इसी बीच गया में कोरोना वायरस और लॉक डाउन की वजह से एक शिक्षक ने अपने पिता का श्राद्ध भोज स्थगित कर दिया.
बोधगया के रहनेवाले राजेश पासवान ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अपने पिता का श्राद्धभोज स्थगित कर दिया. राजेश के इस फैसले के साथ उनके परिवार वाले और ग्रामीण भी हैं. उनकी इस काम की तारीफ पूरे गांव में हो रही है.
कोरोना और लॉक डाउन को देखकर लिया फैसला
जानकारी के मुताबिक बोधगया प्रखण्ड में कोल्हड़ा गांव में शिक्षक के नौकरी करनेवाले राजेश ने कोरोना वायरस और लॉक डाउन को लेकर ये फैसला लिया है. राजेश के इस फैसले को सर्वसम्मति से उनके परिवार के दोनो भाइयों के साथ-साथ पूरे गांव ने माना है. राजेश ने श्राद्ध भोज स्थगित करने की बात पंडित जी से कही तो पंडित ने एक-एक मीटर के दूरी पर सभी को बैठाकर श्राद्ध कर्म कराया.
हो गई थी पूरी तैयारी
श्राद्ध कर्म करने वाले पंडित कमला तिवारी ने कहा कि राजेश के फैसले का पूरा गांव सम्मान कर रहा है. गांव के लोगों ने कहा कि कोरोना की वजह से वे भोज नहीं करेंगे. वहीं, राजेश पासवान ने अपने पिता के श्राद्ध भोज के लिए 1500 लोगों को बुलाया था. उसी हिसाब से हलवाई की व्यवस्था की गई थी लेकिन, लॉक डाउन के कारण अब केवल 100 लोगों का भोजन तैयार किया जाएगा.
'हम बचेंगे तो परिवार और गांव बचेगा'
शिक्षक राजेश पासवान ने बताया कि उनके पिताजी का निधन बीते 13 मार्च को हुआ था. गुरुवार को उनका श्राद्ध कर्म था. उसके बाद श्राद्ध भोज होना था. लेकिन, कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने और सरकार द्वारा लागू किए गए लॉक डाउन की वजह से श्राद्ध भोज को स्थगित कर दिया गया है. अगर श्राद्ध भोज करते हैं तो कौन कहां से आ रहा हैं, कैसे आया है, ये पता नहीं चलेगा. ऐसे में खतरा है. उन्होंने कहा कि हम बचेंगे तो परिवार और गांव बचेगा.