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BJP MP Sushil Singh को 'अपशब्द' कहने का स्वामी रंगनाथाचार्य को कोई अफसोस नहीं, कहा- ऐसे लोगों के कारण सत्ता में नीतीश

बीजेपी सांसद सुशील सिंह को गुस्से में अपशब्द कहने वाले स्वामी रंगनाथाचार्य (Swami Ranganathacharya) को इसका जरा भी अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा कि संतों का काम होता है अन्याय का विरोध करना. ये लोग सिर्फ पब्लिसिटी में लगे रहते हैं, इनको हिंदुत्व से कोई मतलब नहीं है. रंगनाथाचार्य ने कहा कि अगर हिंदुत्व पर कार्य करने वाला होता तो आज बिहार में नीतीश कुमार की सरकार नहीं होती.

स्वामी रंगनाथाचार्य
स्वामी रंगनाथाचार्य
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 30, 2023, 4:28 PM IST

स्वामी रंगनाथाचार्य

गया: नवादा के नरहट स्थित श्रीवैष्णव सिद्धपीठ के महंत जगतगुरु स्वामी रंगनाथाचार्य औरंगाबाद से बीजेपी सांसद सुशील सिंह से काफी नाराज हैं. गया में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि वह क्यों सांसद से नाराज हैं और क्यों उनको क्रोध में अपशब्द कहा. स्वामी रंगनाथाचार्य ने कहा कि 4 महीने पहले मेरे ऊपर हमला हुआ था. इतने दिनों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. काफी दिनों से मैं धार्मिक अनुष्ठान कर रहा था लेकिन कोई मिलने नहीं आया. अब जब सांसद मिलने आए तो मुझे गुस्सा आ गया, इसलिए मैं उन पर भड़क उठा.

"मैं चार महीने के अनुष्ठान पर था. मुझ पर हमला हुआ लेकिन अभी तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसलिए मैंने पूछा कि इतने दिनों से कहां थे, आज मुझसे मिलने क्यों आए? तुम पब्लिसिटी बटोरने के लिए आए हो. मैंने कहा कि हिंदू हो तो शिखा कहां है, सूत्र कहां है. सच तो ये है कि ये लोग जनता को बरगलाने वाले लोग हैं. इसी बात का क्रोध था और क्रोध में मेरे मुख से वैसी बात निकली"- जगतगुरु स्वामी रंगनाथाचार्य, श्रीवैष्णव सिद्धपीठ, नरहट, नवादा

स्वामी रंगनाथाचार्य
स्वामी रंगनाथाचार्य

सांसद के हिंदू होने पर सवाल: स्वामी रंगनाथाचार्य ने कहा कि मैंने बीजेपी सांसद से पूछा कि आप कौन हो तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं हिंदू हूं. इसके बाद मैंने उनसे कहा कि आपके सिर पर शिखा कहां है. आप सूत्र क्यों नहीं पहनते हो. इसका मतलब है कि आप लोग सिर्फ हिंदू के नाम पर राजनीति करते हो, जनता को बरगलाते हो. अगर आप लोग सही से हिंदुओं के लिए काम करते तो नीतीश कुमार जैसे लोग सत्ता में नहीं होते.

संत का क्रोधित होना क्या जायज है?: इस सवाल पर उन्होंने कहा कि किसने कहा कि संतों को कटु वचन नहीं बोलना चाहिए? स्वामी रंगनाथाचार्य ने कहा कि क्या आप संत भृगु के बारे में जानते हैं, जिन्होंने स्वयं भगवान नारायण की छाती पर लात मारी थी. वास्तव में संतों का यह कार्य है कि अन्याय का सहन न करें. अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाएं, अन्याय होने पर किसी भी हाल में संतों को चुप नहीं रहना चाहिए.

नवादा से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव: इस दौरान स्वामी रंगनाथाचार्य ने बताया कि वह नवादा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. साथ ही 2024 में भी नवादा सीट से ही लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. गया शहर के प्रसिद्ध शक्तिपीठ बाग्ला स्थान मंदिर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में हिंदुओं के लिए मजबूती से काम करने वालों की कमी है. राजनीतिक दल के नेता सिर्फ राजनीति करते रहते हैं.

ये भी पढ़ें: BJP MP Sushil Singh : 'तुम लोग केवल हिंदुओ को बेचकर..' बीजेपी सांसद सुशील सिंह पर भड़के संत स्वामी रंगनाथचार्य

ये भी पढ़ें: Bihar Politics: सत्ता पक्ष पर भड़के सुशील सिंह, कहा- मानसिक दिवालियापन को दर्शाते हैं नेताओं के विवादित बयान

स्वामी रंगनाथाचार्य

गया: नवादा के नरहट स्थित श्रीवैष्णव सिद्धपीठ के महंत जगतगुरु स्वामी रंगनाथाचार्य औरंगाबाद से बीजेपी सांसद सुशील सिंह से काफी नाराज हैं. गया में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि वह क्यों सांसद से नाराज हैं और क्यों उनको क्रोध में अपशब्द कहा. स्वामी रंगनाथाचार्य ने कहा कि 4 महीने पहले मेरे ऊपर हमला हुआ था. इतने दिनों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. काफी दिनों से मैं धार्मिक अनुष्ठान कर रहा था लेकिन कोई मिलने नहीं आया. अब जब सांसद मिलने आए तो मुझे गुस्सा आ गया, इसलिए मैं उन पर भड़क उठा.

"मैं चार महीने के अनुष्ठान पर था. मुझ पर हमला हुआ लेकिन अभी तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसलिए मैंने पूछा कि इतने दिनों से कहां थे, आज मुझसे मिलने क्यों आए? तुम पब्लिसिटी बटोरने के लिए आए हो. मैंने कहा कि हिंदू हो तो शिखा कहां है, सूत्र कहां है. सच तो ये है कि ये लोग जनता को बरगलाने वाले लोग हैं. इसी बात का क्रोध था और क्रोध में मेरे मुख से वैसी बात निकली"- जगतगुरु स्वामी रंगनाथाचार्य, श्रीवैष्णव सिद्धपीठ, नरहट, नवादा

स्वामी रंगनाथाचार्य
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सांसद के हिंदू होने पर सवाल: स्वामी रंगनाथाचार्य ने कहा कि मैंने बीजेपी सांसद से पूछा कि आप कौन हो तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं हिंदू हूं. इसके बाद मैंने उनसे कहा कि आपके सिर पर शिखा कहां है. आप सूत्र क्यों नहीं पहनते हो. इसका मतलब है कि आप लोग सिर्फ हिंदू के नाम पर राजनीति करते हो, जनता को बरगलाते हो. अगर आप लोग सही से हिंदुओं के लिए काम करते तो नीतीश कुमार जैसे लोग सत्ता में नहीं होते.

संत का क्रोधित होना क्या जायज है?: इस सवाल पर उन्होंने कहा कि किसने कहा कि संतों को कटु वचन नहीं बोलना चाहिए? स्वामी रंगनाथाचार्य ने कहा कि क्या आप संत भृगु के बारे में जानते हैं, जिन्होंने स्वयं भगवान नारायण की छाती पर लात मारी थी. वास्तव में संतों का यह कार्य है कि अन्याय का सहन न करें. अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाएं, अन्याय होने पर किसी भी हाल में संतों को चुप नहीं रहना चाहिए.

नवादा से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव: इस दौरान स्वामी रंगनाथाचार्य ने बताया कि वह नवादा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. साथ ही 2024 में भी नवादा सीट से ही लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. गया शहर के प्रसिद्ध शक्तिपीठ बाग्ला स्थान मंदिर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में हिंदुओं के लिए मजबूती से काम करने वालों की कमी है. राजनीतिक दल के नेता सिर्फ राजनीति करते रहते हैं.

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